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आखिर क्या है UCC, जानिए विस्तार से?

What Is UCC: उत्तराखंड सरकार ने यूनिफार्म सिविल कोड ड्राफ्ट को अपनी मंजूरी दे दी है । 6 फरवरी को विधानसभा में विधेयक पेश किया जाएगा । जिसे मंजूरी मिलते ही राज्य में UCC कानून लागू हो जाएगा । उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में यूनिफार्म सिविल कोड ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई है । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास पर हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने UCC रिपोर्ट को मंजूरी दी । आज से उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो रहा है जो 8 फरवरी तक चलेगा। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन यानी 6 फरवरी को धामी सरकार समान नागरिक संहिता बिल विधानसभा में पेश करेगी.. विधानसभा से पारित होने और राज्यपाल की मंजूरी के बाद UCC कानून की शक्ल लेगा ।

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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधानसभा का सत्र इस के लिए आहूत किया गया है… देश के अंदर लंबे समय से मांग की गई है, एक नया काम देश के अंदर उत्तराखंड से शुरू होगा… हम इसको लागू कर रहे हैं और चाहेंगे की और राज्य भी लागू करें। गोवा के बाद उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का दूसरा राज्य बनने की दहलीज पर है। कई दौर की चर्चाओं और कानूनी पहलुओं पर विचार विमर्श के बाद धामी सरकार सरकार समान नागरिक सहिंता को कानूनी शक्ल देने जा रही है। समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने वाली समिति ने अपनी सिफारिशें या कहें सुझाव सरकार को पहले ही दे दिए थे ।

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आखिर क्या है UCC

उत्तराखंड सरकार UCC बिल के जरिए बहुविवाह प्रथा को खत्म करने के पक्ष में है । इससे महिलाओं के अधिकारों की रक्षा हो सकेगी । लिव-इन में रहने के लिए भी रजिस्ट्रेशन करवाना ज़रूरी होगा । उत्तराखंड में विधानसभा से बिल पारित होने के बाद समान नागरिक संहिता कानून लागू हो जाएगा। समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने वाली समिति ने जो सिफारिशें दी हैं उसके मुताबिक सभी धर्मों में तलाक के लिए एक ही नियम होगा, जो क़ानूनी प्रक्रिया से जुड़ा होगा। तलाक के बाद भरण-पोषण का नियम भी सब पर एक तरीक़े से लागू होगा। संतान गोद लेने की प्रक्रिया भी सभी धर्मों के लिए एक जैसी ही होगी।  सभी धर्मों में शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा।  साथ ही पारिवारिक संपत्ति में लड़की को भी समान अधिकार मिलेंगे। अगर लड़की किसी दूसरे धर्म में शादी करती है तो भी उसके अधिकार कम नहीं होंगे। सभी धर्मों में एक ही शादी की इजाज़त होगी, यानी बहुविवाह प्रथा पूरी तरह गैरकानूनी मानी जाएगी। साथ ही राज्य में लिव-इन में रहने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना ज़रूरी होगा।समान नागरिक संहिता कानून का कांग्रेस खुलकर विरोध तो नहीं कर पा रही लेकिन बीजेपी पर हमले करने से भी नहीं चूक रही।

UCC से महिलाओं को भले ही फायदा होगा, लेकिन कहीं ना कहीं UCC पर भारतीय जनता पार्टी शायद इसलिए भी ज्यादा जोर दे रही है, क्योंकि आगे चुनाव है…वो चुनाव जिसे बीजेपी जरा भी हल्के में नहीं लेना चाहती है। एक तरफ तो धामी सरकार अपना वादा भी पूरा कर देगी, तो वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को फायदा होगा।

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