अंदर की बातखेत-खलिहानन्यूज़बड़ी खबररोजी-रोटी

Budget 2023 Updates: सपनों के महल वाले इस बजट में न महंगाई की चिंता है न बेरोजगारी के अंत की रणनीति!

बजट में कई तरह की घोषणाएं हुई है। मसलन आयकर में छूट देने की बात है। अब सात लाख की आमदनी पर भी टैक्स नहीं देने होंगे। मध्यमवर्ग के लिए यह बड़ी बात हो सकती है। कहने के लिए किसानो को भी बहुत कुछ दिया गया है और महिलाओं को भी मालामाल किया गया है। बहुत सी योजनाओं की शुरुआत करने की बात कही गई है।

बजट 2023 समाचार! टीवी चैनलों , लाइव मीडिया के कार्यक्रमों और डिजिटल मीडिया (Digital Media) से निकलते स्वरों के  धुन देश को फीलगुड करा रहे है । न्यूज रूम में अलग तरह का थिरकन है लेकिन गांव देहात से लेकर कस्बों ,शहरों में शांति । वही नीरव शांति जो  तबाही के संकेत देते हैं । पढ़ लिखकर बेटा ,बेटी घर बैठे हैं लेकिन कही रोजगार की  आस नही । उम्मीद थी कि इस बजट में सरकार कोई बड़ा फैसला लेगी लेकिन साफ़ -साफ़ कुछ भी सामने नहीं आया। भविष्य के गर्त में सबकुछ डाल दिया गया। सरकार ने कहा कि सरकार रोजगार तैयार करेगी। कई योजनाओं की शुरुआत होगी और सब कुछ ठीक होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है। सरकार ने यह भी कहा कि यह बजट युवा केंद्रित है। लेकिन यह नहीं बताया कि युवा के लिए इसमें क्या है जिसपर देश का युवा इतराये। मुस्कुराये।

थक हारकर व्यापार करने की तैयारी करने वाले लोग बैंको की लताड़ से परेशान है । बैंक वाले कर्ज तभी देंगे जब घर की हालत ठीक होगी ।घर तो पहले से ही कंगाल है ।फिर कर्ज कैसा ? सब नीरव मोदी ,अडानी ,अंबानी  तो है नही । जो 36 लोग बैंक को पहले ही चुना लगाकर देश से भाग गए हैं उसके बारे में सरकार भी मौन है और बैंक भी । बैंक तो इसलिए चुप है कि कर्ज देने के नाम पर उसके कर्मियों ने भारी रिश्वत कमाई थी ।और सरकार इसलिए चुप है बैंक कर्ज का एक बड़ा हिस्सा उसे को मिला था ।पार्टी फंड के रूप में । फिर आम आदमी को बैंक अब कर्ज क्यों देगा । बेकारी और कर्ज में डूबे लोगों की हैसियत ही क्या है ।

तो न रोजगार की गारंटी और न कर्ज की गारंटी ।फिर बेरोजगारी दूर कने की जो बाते इस बजट में कही गई है उसका कोई ब्लू प्रिंट सरकार के पास है क्या ? बकचोच पत्रकारों को भी कुछ पता नहीं चल रहा। भक्ति की पत्रकारिता में उनका दिमाग कैसे काम करेगा ? और देश के भगत जन जनता को तो पांच सेर अनाज की जो गारंटी मिल गई है उसके बाद उसे कुछ दिखेगा भी नहीं। ऊपर से बीजेपी आईटी सेल वाले दिनभर बजट के लाभ दिखा रहे हैं। कह रहे हैं कि आजाद भारत में पहली बार ऐसा बजट आया जिसमे देश मालामाल हो गया। यह सब मोदी जी की मेहरबानी है। मोदी है तो मुमकिन है।

Read: Budget 2023 Latest News in Hindi! News Watch India

बजट में कई तरह की घोषणाएं हुई है। मसलन आयकर में छूट देने की बात है। अब सात लाख की आमदनी पर भी टैक्स नहीं देने होंगे। मध्यमवर्ग के लिए यह बड़ी बात हो सकती है। कहने के लिए किसानो को भी बहुत कुछ दिया गया है और महिलाओं को भी मालामाल किया गया है। बहुत सी योजनाओं की शुरुआत करने की बात कही गई है। लेकिन सवाल है कि पिछले कई साल से तो योजनाए ही देश में चल रही है फिर रोजगार का निर्माण क्यों नहीं हुए ? अब इस बजट में साल भर के भीतर ऐसा क्या होगा कि देशनके युवाओं को रोजगार मिल जायेगा।

‘बजट में भलाई की जगह चुनावी भलाई निहित’

इस सरकार का यह अंतिम पूर्ण बजट है। सामने चुनाव है। दस राज्यों में चुनाव। हर राज्य की अपनी कहानी है और आरंग भी। कह सकते हैं कि इस बजट के सहारे बीजेपी चुनावी लाभ लेने को तैयार है और लेगी भी। वह फिर से सत्ता की चाहत रखती है और इस बजट के जरिये उसे लाभ की सम्भावना भी दिख रही है। यह सपनों का महल वाला बजट है। जिसमे जनता की भलाई की जगह चुनावी भलाई ज्यादा निहित है।

बजट पर विपक्ष ने क्या कहा ?

विपक्ष की अपनी राजनीति होती है इसलिए ऐसे बजट का विरोध करना उसका शगल होता है। विपक्ष नहीं तो लोकतंत्र कैसा ? विपक्ष जमकर बजट की खिल्ली उड़ा रहे हैं लेकिन इस खिलाफत में जनता की भलाई भी तो नहीं। कांग्रेस नेता वेणु गोपाल ने कहा है कि यह बजट देश की वास्तविक भावना को सम्बोधित नहीं करता। देश की असली समस्या बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि है। और इस बारे में बजट में कुछ भी नहीं। जो बाते कही गई है उसका कोई मतलब नहीं निकलता। इसमें केवल फैंसी घोषणाएं हैं जो पहले भी की गई थी। इसी पार्टी के एक नेता है गौरव गोगई .सांसद हैं। युवा भी। वे कहते हैं कि इस बजट में गरीबो को सिर्फ शब्द और लफ्फाजी मिली है। महंगाई और बेरोजगारी का कोई समाधान नहीं। बजट का लाभ बड़े उद्योगपतियों को ही होता है। महगाई को देखते हुए सात लाख का टैक्स में छूट समुद्र में बून्द की तरह है।

जदयू ने बजट को बताया सपनों का सौदागर

उधर जदयू (JDU) अध्यक्ष ललन सिंह ने इस बजट को सपनो का सौदागर कहा है। उन्होंने कहा कि जब आप सपनो के बाद जागते हैं तो कुछ भी सच नहीं होता। गांव में रतहने वाले लोगो के लिए कुछ नहीं किया गया।

आशा नहीं निराशाजन है बजट: अखिलेश यादव

बजट पर सपा नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी प्रहार किया है। अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जनता को पहले कुछ नहीं दिया तो अब क्या देगी ?बीजेपी का बजट महंगाई और बेरोजगारी को और भी बढ़ाता है। किसान महिला ,मजदुर  और युवा ,व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ाती है। यह बजट चंद बड़े लोगों को आगे बढ़ाने वाला है।

मौजूदा बजट भी पिछले तमाम बजट की तरह: PDP

उधर, पीडीपी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ़्ती (Mehbooba Mufti) ने कहा कि मौजूदा बजट भी पिछले तमाम बजट की तरह ही है। कुछ बड़े पूंजीपतियों के लिए टैक्स वसूले जा रहे हैं।

घोषणाओं वाली सरकार है: मायावती

बसपा प्रमुख ने कहा कि यह घोषणाओं वाली सरकार है। अब तक ऐसा ही करती रही है। मध्यमवर्ग और नीचे चला गया है। पिछले सरकार की कमियां कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की झरि लगा दी जाती है। आज देश में करीब 80 करोड़ लोग पान किलो अनाज पर जी रहे हैं। और फिर से झूठी उम्मीद की बात की जा रही है। मायावती ने कहा कि सरकार की संकीर्ण नीतियों का असर सबसे ज्यादा गरीब लोगो पर होता है। जो गांव में रहते हैं उनकी हालत आज क्या है वह कौन जानता है ?

कुछ इसी तरह की प्रतिक्रियां तेजस्वी यादव से लेकर आप वाले संजय सिंह ने भी है। दक्षिण भारत के नेताओं ने भी इस बजट की कटु आलोचना की है। लेकिन बीजेपी में फीलगुड है और भगत जन में उल्लास। जिसका पेट भरता हो उसे गरीबी और बेरोजगारी की मार का अनुभव कैसे हो सकता है।

Pramod Sharma

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button