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कैलेंडर का सही तरीकें से प्रयोग, वास्तु शास्त्र में सकारात्मक उर्जा का प्रतीक

How Calendar Remove Negativity from Home: वास्तु शास्त्र में कैलेंडर का प्रयोग काफी महत्वपूर्ण बताया गया है। वास्तु में कैलेंडर को सकारात्मक उर्जा व विकास का प्रतीक माना है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, (How Calendar Remove Negativity from Home) घर में ऐसे कैलेण्डरों का इस्तेमाल करना चाहिए जो खुशहाली, सम्पन्नता, विकास व आर्थिक उन्नति को प्रतिध्वनित कर सकें।

कालचक्र निरंतर गतिमान है, काल अर्थात वक्त की गणना के लिए हर घर में कैलेण्डर का इस्तेमाल किया जाता है। कैलेण्डर दिनचर्या का प्रतीक है, ( How Calendar Remove Negativity from Home) यदि कैलेण्डर को शुभ दिशा में लगाया जाए तो वास्तुशास्त्र के सिद्धांत के मुताबिक कैलेंडर घर में सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार कर उसे देखने वालों की दिनचर्या को मंगलमय बना सकता है। यह प्रकृति का सिद्धांत है कि जिस चीज को हम अधिक देखते हैं, हम उसके उतने ही करीब हो जाते हैं।

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यही वजह है कि वास्तु में कैलेंडर को सकारात्मक उर्जा व विकास का प्रतीक माना है। भिन्न-भिन्न शैली के कैलेण्डर हमारी जीवनशैली को प्रभावित करते हैं, अतः घर में ऐसे कैलेण्डरों का इस्तेमाल करना चाहिए जो खुशहाली, सम्पन्नता, विकास व आर्थिक उन्नति को प्रतिध्वनित कर सकें, जिन्हें देखकर हृदय सुकून से भर उठे, दिमाग का तनाव दूर हो सके, ऐसे कैलेण्डर का इस्तेमाल करने से व्यक्ति क्रियाशील ऊर्जा प्राप्त (How Calendar Remove Negativity from Home) कर साल भर अपनी मेहनत एवं क्रमानुसार सफलता की तरफ अग्रसर होता है। वास्तु शास्त्र एवं फेंगशुई के सिद्धांतों के मुताबिक कैलेंडर का सही ढंग से इस्तेमाल यंत्रों के समान ही लाभदायक होता है।

जानकारी के मुताबिक बता दें कैलेण्डर को हमेशा घर अथवा कार्यालय में पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए। वास्तु के मुताबिक इन दिशाओं व स्थिति में कैलेण्डर का उपयोग करने से सुबह उठने के बाद सबसे पहले व्यक्ति का मुख पूर्व और उत्तर की तरफ रहेगा, (How Calendar Remove Negativity from Home) इससे व्यवस्थित जीवन शैली व दिनचर्या कायम होती है। वास्तु के मुताबिक यदि मनुष्य इन्हीं दिशाओं में देखते हुए अपनी दिनचर्या का प्रारम्भ करे, तो वास्तु शास्त्र की सकारात्मक ऊर्जा का लाभ साल भर मिलता रहेगा।
घर में प्राकृतिक दृश्य वाले, फूलों के चित्र, महापुरूषों के पोस्टर वाले, हरियाली, जंगल, पहाड़ वाले, झरने के दृश्य वाले कैलेण्डरों (AstroVaastu) को प्रमुखता दें, ये सकारात्मक उर्जा के प्रतीक होते हैं साथ

कटे-फटे कैलेण्डर नकारात्मक उर्जा को बढाता हैं, अतः अगर घर में रखे कैलेण्डर फट जाएँ या खराब पड़ जाए तो उन्हें तुरन्त बदल दें।
हर महीने की आखिरी तारीख की रात्री को ही कैलेण्डर का पेज बदल दें, ऐसा करने से वक्त के साथ चलने की प्रेरणा मिलती है।

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युद्ध दर्शाने वाले, उदास चेहरे वाले, सूखे जंगल के दृश्य वाले, खण्डहर वाले, प्राकृतिक विनाश जैसे भूकम्प, तूफान, ज्वालामुखी, बाढ़ वाले तथा जंगली (AstroVaastu) जीव-जंतुओं वाले कैलेण्डरों का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि ये सभी नकारात्मक उर्जा को बढ़ावा देते हैं।
बुजुर्गों व्यक्तियों के कमरे में अध्यात्म, ध्यान, मौन करने वाले दृश्यों के कैलेंडर लगाने चाहिए।
बच्चों के कमरे में ज्ञान, विकास वाले कैलेण्डर होने चाहिए ताकि जब वे कैलेण्डर देखें तो साथ ही उनका मानसिक स्तर भी बढ़ता जाए। साथ ही (AstroVaastu) पढ़ने वाले बच्चों के कक्ष में जीवन में कामयाबियों की बुलंदियों को छूने वाली महाविभूतियों के चित्रों वाले कैलेण्डर भी लगाए जाते हैं।
गर्भवती महिला के कक्ष में मातृत्व सुख बढ़ाने वाले अथवा भगवान कृष्ण के बालरूप का कैलेण्डर लगाना चाहिए।
यदि घर में रखे किसी कैलेण्डर में देवी-देवता का चित्र हो तथा कैलेण्डर पुराना पड़ जाए, तो उसे इधर-उधर न फेकें और न ही कूड़े में डालें, उसे बहते जल में विसर्जित कर दें।
जो कैलेण्डर बड़े-बड़े अक्षरों में दिन-तारीख, देशी महीने, नक्षत्र इत्यादि दर्शाता हो, ऐसे कैलेण्डर घर में लगाएं। जिस कैलेण्डर पर छुट्टियों, पर्व-त्यौहार, लग्न आद का पूरा विवरण हो, उसे ही खरीदें।
कैलेंडर के ऊपर दूसरा कैलेण्डर न टांगें, पुराने कैलेण्डर को हटाकर ही उसकी जगह नए कैलेण्डर लगाऐं और नया कैलेण्डर लगाते समय उस स्थान की स्वच्छता का ध्यान दें, वहाँ से धूल-मिट्टी हटा दें।
वास्तु फेंगशुई (FengshuiVastu Sashtra ) के नियमों के मुताबिक कैलेण्डर कभी भी दरवाजे के ऊपर नहीं लगाना चाहिए, मुख्य द्वार के ऊपर कैलेंडर लगाना से यह माना जाता है कि आप जानना चाहते हैं कि जिंदगी के कितने दिन शेष बचे हैं। मुख्य द्वार पर लगे कैलेण्डर घर के सदस्यों की आयु पर बुरा प्रभाव भी डालता है।

Prachi Chaudhary

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