क्या बीजेपी के केंद्रीय नेता मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ना नहीं चाहते?
Madhya Pradesh Election 2023: बीजेपी ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) विधान सभा चुनाव के लिए अपने पांच सांसदों को मैदान में उतार तो दिया है लेकिन इससे बीजेपी सांसद खुश नहीं। इन पांच सांसदों में तीन तो केंद्रीय मंत्री हैं। प्रहलाद पटेल और विजयवर्गीय अपनी विधान सभा उम्मीदवारी से काफी मायूस बताये जा रहे हैं। बीजेपी नेताओं की इस मायूसी पर कांग्रेस तंज भी कसती जा रही है। हालांकि यह भी उतना ही सच है कि जब कांग्रेस अपनी सूची जारी करेगी तो उसके साथ भी यही सब होना है। जानकार तो यह भी कह रहे हैं कि कांग्रेस के भीतर बहुत से लोग टिकट के लिए आते दिख रहे हैं और फिर पार्टी के बहुत से नेता भी टिकट की आस में बैठे हैं। जिस दिन इन लोगों को टिकट नहीं मिलेगी तब का नजारा देखने वाला हो सकता है। कुछ लोग पार्टी से निकल सकते है तो कुछ लोग निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। सच तो यही है कि देश की कोई भी राजनीतिक पार्टी ऐसी नहीं है जिसके नेता पाक साफ़ हो और जनता की सेवा भाव से राजनीति में आते दिखते हों।
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बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव है कैलाश विजयवर्गीय। वे संसद तो है ही उन्हें फिर से चुनाव लड़ने को कहा गया है। विजयवर्गीय मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पार्टी के चुनावी रणनीतिकार भी है। उन्होंने अपनी अनिच्छा जाहिर करते हुए कहा है कि उनकी इच्छा अब चुनाव लड़ने की नहीं है लेकिन पार्टी का आदेश तो मानना ही होगा। वे इस निर्देश का पालन भी करेंगे। विजयवर्गीय को इंदौर की एक सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। उन्होंने कहा है कि पार्टी ने टिकट दे दिया है मुझे, मगर मैं अंदर से खुश नहीं हूँ। मेरी चुनाव लड़ने की अब कोई इच्छा भी नहीं थी। चुनाव लड़ने का जो माइंड सेट होता है वह अब नहीं है। उन्होंने आगे कहा है कि मैं बड़ा नेता हो गया हूँ। इसलिए अब हाथ जोड़ने का नहीं भाषण देने का समय है। हाथ जोड़ने का समय नहीं रहा। अब तो समय भाषण देना और निकल जाने का समय है। हमने इसके लिए प्लान भी बना लिया था कि रोज आठ सभाएं करनी है जिनमे से पांच सभाएं हेलीकाप्टर से और तीन कार से। इस तरह से रोज आठ सभाएं करनी है। इसका पूरा प्लान भी बन गया था। लेकिन सोचने भर से क्या होता है? भगवान की जो इच्छा होती है वही होता है।
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उधर दमोह के सांसद प्रहलाद पटेल केंद्रीय मंत्री हैं और उनको नरसिंहपुर से उम्मीदवार बनाया गया है। इस विधानसभा (Madhya Pradesh) से अभी उनके भाई जालम सिंह पटेल विधायक हैं। प्रहलाद पटेल भी अपनी उम्मीदवारी से ज्यादा खुश नहीं है। पटेल ने कहा कि इतने लम्बे समय मैं राजनीतिक जीवन में हूँ और पहली बार विधान सभा चुनाव लडूंगा। मैं अपने गृह जिले से उम्मीदवार बनाया गया हूँ। मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूँ। पटेल ने यह भी कहा कि राज्य को नई ऊंचाइयां दिलाने के लिए आपसी समन्वय की जरूरत है।