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उत्तराखंड चार धाम यात्रा समापनः बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद, अब पांडुकेश्वर व जोशीमठ में कर सकेंगे दर्शन

बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने के समय पूरे मंदिर को फूल मालाओं से सजाया गया। इसके बाद भगवान बद्रीनाथ धाम को घृत कंबल ओढाया गया। घी में डूबोया गया यह विशेष ऊनी कंबल मीणा गांव की महिला मंगल दल द्वारा तैयार किया गया था।

देहरादून/चमोली। शनिवार को देवभूमि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा का समापन हो गया। इसी के साथ ही विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट भी शनिवार को बंद हो गये। अब श्रद्धालु उनकी शीत कालीन गद्दीस्थल पांडुकेश्वर व जोशीमठ में भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर सकेंगे।

इस साल बद्रीनाथ धाम में रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे हैं। वर्ष 2022 में यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 17 लाख 47 हजार है, जबकि करोना के चलते पिछले दो साल यात्रा स्थगित रही। इससे पहले वर्ष 2019 में 10.48 लाख  श्रद्धालु और इससे पहले 2019 में 10.58 लाख श्रद्धालु आये थे।

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बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने के समय पूरे मंदिर को फूल मालाओं से सजाया गया। इसके बाद भगवान बद्रीनाथ धाम को घृत कंबल ओढाया गया। घी में डूबोया गया यह विशेष ऊनी कंबल मीणा गांव की महिला मंगल दल द्वारा तैयार किया गया था।

बता दें कि चार धाम के प्रमुख मंदिरों के कपाट केवल छह माह के लिए खोले जाते हैं। बद्रीनाथ धाम के कपाट जहां शनिवार अपराह्न बंद हुए, वहीं केदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर, श्री गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्टूबर और श्री यमुनौत्री के कपाट 27 अक्टूबर को बंद हो चुके हैं। इन प्रमुख मंदिरों के कपाटों को मई के पहले सप्ताह में खोला और नवंबर में बंद कर दिया जाता है।

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