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आज सुबह से Amarnath Yatra की शुरुआत, 3488 यात्रियों का पहला जत्था रवाना

Amarnath Yatra: लंबे समय से इंतज़ार कर रहे शिव भक्तों की पहली टोली आज सुबह चार बजे बाबा अमरनाथ की यात्रा पर निकल पड़े। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर जम्मू के बेस कैंप से पहले जत्थे को रवाना किया है। यात्रियों की इस पहली टोली में 3488 यात्री शामिल हैं। इस यात्रा की शुरुआत होते ही बम बम भोले और भारत माता की जय से जम्मू कश्मीर गूंज रहा है। देश के कोने-कोने से पहुंचे ये यात्री अब भारी सुरक्षा के बीच बर्फानी बाबा के दर्शन कर सकेंगे। यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा पुख्ता इंतजाम किया गया है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा दस्ता मौजूद किये गए हैं। किसी तरह से कोई अनहोनी न हो इसके लिए जत्थे के आगे पीछे पेट्रोलिंग भी की जा रही है।

Amarnath Yatra CRPF

इस बार अमरनाथ की यात्रा 62 दिनों तक चलने वाली है। इस बार यात्रा (Amarnath Yatra) के दौरान खाने-पीने के कुछ सामान पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसके बावजूद भी बड़ी संख्या में लोगों ने यात्रा के लिए अपना पंजीकरण कराया है। कहा जा रहा है कि इस साल सबसे ज्यादा यात्री बर्फानी बाबा के दर्शन करेंगे। इस यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं। यात्रा में कोई रुकावट नहीं हो और किसी भी यात्री को कोई परेशानी नहीं हो इसके सरकारी स्तर पर हर संभव बेहतर इंतजाम सरकार की तरफ से किये गए हैं। इस यात्रा की पूरी निगरानी खुद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और श्राइन बोर्ड कर रहे हैं। इनके कार्यालय को यात्रा की हर सूचना पहुंचाई जा रही है। यात्रियों की लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है। मकसद सिर्फ यही है यात्रा में कोई खलल पैदा नहीं हो। केंद्र सरकार ने सुरक्षा बलों की अतिरिक्त कंपनियों को जम्मू कश्मीर में तैनात किया है ताकि इस यात्रा की सुरक्षा को सुरक्षित किया जा सके।

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खबर के मुताबिक सीआरपीएफ के 160 बटालियन के कमांडेंट हरिओम खरे ने कहा है कि अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) के लिए सीआरपीएफ (CRPF) पूरी तरह से तैयार है। यात्रा के लिए चप्पे -चप्पे पर फ़ोर्स और पुलिस की तैनाती की गई है। हमारे साथ डॉग स्क्वाड भी है। यात्रियों के साथ सीआरपीएफ की बड़ी टुकड़ी जा रही है। बाइक दस्ता भी इनकी सुरक्षा करेगा। रास्तों को पूरी तरह से कवर किया गया है। ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है।

हालांकि इस बार सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव भी किया। गुफा मंदिर में सीआरपीएफ की जगह इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस के जवानो की तैनाती की गई है। आईटीबीपी खासतौर माउंटेन वारफेयर में ट्रेंड होते हैं। यही वजह है कि बर्फानी बाबा के पास पास आईटीबीपी की ही तैनाती की गई है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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