AI use in Consumer Court: अब अदालत के मामले सुलझाने में भी AI का इस्तेमाल किया जाएगा। कंज्यूमर कोर्ट (AI in consumer court) में पेंडिंग मामलों को कम करने में AI की मदद ली जाएगी। सक्रिय कदमों, सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं और ई-दाखिल जैसी उन्नत तकनीक की वजह से कंज्यूमर कोर्ट (AI in consumer court) के मामले अब तेजी से निपट रहे हैं।
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देश में विभिन्न कंस्यूमर कोर्ट में पेंडिंग केस को कम करने के लिए केंद्र सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रयोग पर काम कर रही है। कंस्यूमर मामलों के मंत्रालय ने 19 सितंबर यानि बीते मंगलवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि जैसे-जैसे AI का दायरा तेजी से बढ़ रहा है, मंत्रालय राष्ट्रीय, राज्य और जिला उपभोक्ता आयोगों में पेंडिंग मामलों को कम करने के लिए इसकी सुविधाओं का इस्तेमाल करने पर भी काम कर रहा है। मंत्रालय का कहना है कि उपभोक्ता आयोगों में दायर मामले का AI के माध्यम से विश्लेषण किया जाएगा और इसका सारांश तैयार किया जाएगा। केस को जल्द से जल्द निपटाने के लिए AI के जरिए कई और कदम भी उठाए जाएंगे।
पहले से काफी तेजी से निपट रहे केस
मंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने अगस्त में 854 मामलों का सफलतापूर्वक समाधान किया है। यह आयोग की ओर से उठाए गए सक्रिय कदमों, सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं और ई-दाखिल जैसी उन्नत तकनीक के कारण संभव हुआ, जिससे मामलों को पहले से कहीं अधिक तेजी से निपटारा करने में सहायता मिली। मंत्रालय ने कहा, मामलों के निपटान की इसी स्पीड़ को बनाए रखने के लिए विभाग ने उपभोक्ता आयोगों में ई-दाखिल के माध्यम से मामले दायर करना अनिवार्य कर दिया है। जल्द ही ई-दाखिल पर वीसी (vedio confrence) की सुविधा शुरू करने जा रहे हैं।
इस साल हुआ काफी सुधार
मंत्रालय के अनुसार , NCDRC ने साल 2023 में आयोग में उपभोक्ता केस के निपटान में काफी सुधार किया है। NCDRC और उपभोक्ता मामलों के विभाग ने अगस्त में 854 उपभोक्ता मामलों को सफलतापूर्वक निपटाया है। इसी अवधि के दौरान दाखिल किए गए मामलों की संख्या 455 थी। मंत्रालय ने पेंडिंग मामलों को कम करने के लिए बीमा और रियल एस्टेट (Realstate) पर विभिन्न सत्र भी आयोजित किए हैं। झारखंड (Jharkhand), मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान (rajasthan), बिहार, महाराष्ट्र और केरल ( kerela) जैसे विभिन्न राज्यों में मीटिंग भी आयोजित की गईं।
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस क्या है?
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) एक तरह की बौद्धिक क्षमता होती है जिसे की बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई होती है। इसे आप एक सिस्टम का कृत्रिम दिमाग़ भी कह सकते हैं।
AI का full form होता है आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) ये एक ऐसा simulation है जिससे की मशीनों को इंसानी इंटेलिजेंस दिया जाता है या ये कहे की आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) को इस तरह से बनाया गया है की वो इंसानों की तरह सोच सकते है और काम कर सकते है। जैसे इंसानी दिमाग किसी भी परेशानी को पहले सीखती है, फिर उसे process करती है, decide करती है की क्या करना सही होगा और finally उसे कैसे solve करते उसके बारे में सोचती है। ठीक उसी तरह आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (artificial intelligence) में भी मशीनों को भी इंसानी दिमाग की सारी विषेश्तायें दी गयी हैं जिससे वो बेहतर काम कर सके।