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अगर बीजेपी उम्र सीमा में लचीलापन नहीं लाएगी तो अगले चुनाव में कई बड़े नेता पैदल हो सकते हैं!

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Latest Politics News BJP! अगर बीजेपी के भीतर 75 साल की अधिकतम उम्र सीमा की कहानी चलती रही तो संभव है कि अगले कई राज्यों में होने वाले चुनाव में पार्टी के सामने कई मुश्किलें खड़ी हो सकती है। छत्तीसगढ़ ,रजस्थान और मध्यप्रदेश के कई बीजेपी नेता पार्टी से बाहर निकले जा सकते हैं। और इसकी शुरुआत भी हो गई है। छत्तीसगढ़ बीजेपी से जिस तरह पार्टी के नेता नंद कुमार साय निकलकर कांग्रेस से ज मिले हैं उससे बीजेपी को बड़ा झटका तो लगा ही है पार्टी को अब यह सोंचने को मजबूर भी कर दिया है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में बीजेपी को बड़ी चुनौती का सामना भी करना पड़ सकता है। कहा जा रहा है कि आगामी चुनाव जिन तीन राज्यों में होने हैं वहां से करीब 100 से ज्यादा ऐसे नेताओं की सूची तैयार की गई है जिनकी उम्र 75 साल से ज्यादा हो गई है य फिर 75 साल होने वाली है। और अपनी राजनीति को बचाने के लिए ये सौ नेता पर्त्य से बाहर निकलते हैं तो बीजेपी को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

बीजेपी इस बीमारी का क्या इलाज करेगी यह तो पार्टी के भीतर का मामला है लेकिन जानकार यह कह रहे हैं कि अगर 75 की उम्र सीमा में लचीलापन नहीं लाया गया तो बीजेपी में बागियों की संख्या बढ़ेगी और ऐसा हुआ तो बीजेपी चुनाव में परेशान हो सकती है। बीजेपी के लिए बड़े नेता ने कहा है कि राजनीति में उम्र की सीमा नहीं होनी चाहिए। जबतक शरीर एक्टिव रहता है तभी तक कोई जनता के बीच जा सकता है। और यह उम्र 80 से ज्यादा नहीं हो सकती ,ऐसे में पार्टी को उम्र सीमा का बंधन नहीं रखना चाहिए। जरुरी तो यह है कि बीजेपी को वंशवादी पार्टी नहीं बननी चाहिए। अभी देखा जा रहा है कि यही बीजेपी वंशवादी पार्टी होती जा रही है। दर्जनों ऐसे नेता हैं जिनके परिवार के लोग भी पार्टी में काम कर रहे हैं। ऐसे में पार्टी के लिए संकट खड़ा हो सकता है। इसे रोकने की जरूरत है।

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नंद कुमार साय की तरह ही बीजेपी के कई नेता जगह तलाश रहे हैं और संभव है कि वे पार्टी से बाहर निकल भी जायेंगे। बीजेपी के भीतर जिन नेताओं की उम्र 70 से ज्यादा हो गई है उन्हें लग रहा है कि अब उनकी राजनीति यहाँ नहीं चल सकती। ऐसे में वे जगह तलाश रहे हैं। हिमाचल में भी इसी उम्र वाले नियन की वजह से पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। कर्नाटक में भी यही सब देखने को मिल रहा है। जिन राज्यों में आगे चुनाव होने होने हैं वहां भी इसी तरह की बात सामने आने वाली है। बीजेपी सतर्क तो हो गई लेकिन अगर उसने उम्र को लेकर लचीलापन नहीं दिखाया तो खेल ख़राब भी हो सकता है।
मामला केवल विधान सभा चुनाव तक का ही नहीं है। अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। जानकारी के मुताबिक़ बीजेपी के भीतर 68 से ज्यादा ऐसे सांसद हैं जिनकी उम्र 70 साल से ज्यादा हो गई है। इनके ऊपर भी टिकट कटने के तलवार लटके हुए हैं। जिन नेताओं को लग रहा है कि पार्टी उन्हें टिकट नहीं देगी ,वे पार्टी से बाहर निकलने की तयारी करने लगे हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी जगह अपने बाल बच्चों का टिकट सेट करने की जुगत भीरा रहे हैं। लेकिन जिस तरह से ईश्वरप्पा का टिकट काटा गया और उनके बच्चो को भी टिकट नहीं दिया गया उससे साफ लगता है कि आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी से बड़ी संख्या में लोग बाहर निक सकते हैं।

बीजेपी कई लोगों को राज्यपाल बना दे रही है। लेकिन इसकी भी सीमा है। सभी लोग गुलाब चंद कटारिया नहीं हो सकते। खबर के मुताबिक राजस्थान में ही दो दर्जन से ज्यादा लोग उम्र सीमा के बंधन में फंसे हुए हैं। उनकी टिकट काट सकती है। बीजेपी के पास अभी 303 सांसद हैं लेकिन अगले चुनाव में इनमे से कई की उम्र 70 साल से ज्यादा हो जाएगी। बिहार के दर्जन भर सांसद मान कर चल रहे हैं उन्हें टिकट नहीं मिल सकती हैं। इसके साथ ही यूपी के भी दर्जर्न भर से ज्यादा टिकट नहीं मिल सकती है। महाराष्ट्र और कर्नाटक के भी दर्जनों सांसद को टिकट नहीं मिलेगी न.मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के दर्जन भर सांसद भी 70 साल से ज्यादा के हो गए हैं। ऐसे में बीजेपी आगे की क्या रणनीति बनाती है इसे देखना होगा वरना बड़ी संख्या में बीजेपी के लोग बाहर का रास्ता अपना सकते हैं।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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