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कांग्रेस के घोषणा पत्रों में निहित है सिर्फ जनता को लुभाने की तरकीब

Karnataka Election: कर्नाटक की जनता को लुभाने के लिए कल बीजेपी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया और आज कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र के जरिये लोगों को लुभाने की तरकीब निकाली निकाली। एक से बढ़कर एक घोषणा। कह सकते हैं घोषणाओं की बाढ़। कोई भी आदमी इन घोषणाओं का विश्लेषण करने बैठे तो उसका दिमाग ख़राब हो सकता है। यह सवाल उन बीजेपी वालों से भी पूछा जा सकता है कि जब घोषणा पत्रों में भी वही बात कही जा रही है तो सरकार रहते बीजेपी ने क्या काम किया। यही ,सवाल कांग्रेस से भी पूछ सकती हैं कि इन घोषणाओं में नया क्या है ? पांच साल पहले और उससे भी पहले की घोषणाओं को आप टटोलकर देखिये तो लगभग एक ही बात मिल सकती है। गरीबी की बात पहले भी की जाती थी ,आज भी की जा रही है। बेरोजगारी की बात पहले भी की जाती थी ,आज भी हो रही है। यही बात बीजेपी भी करती है और कांग्रेस के साथ ही जेडीएस भी। फिर सरकार और विपक्ष से यह सवाल तो पूछा ही जा सकता है कि आखिर विकास की बात अभी हो क्यों की जा रही है ? लेकिन यह सवाल कौन करेगा ?

बीजेपी ने भी अपने घोषणा पत्रों में कई बाते रखी हैं। क्या बीजेपी बता सकती है कि आज जिन बातों की चर्चा वह कर रही है सरकार के रहते उन बातों की चर्चा क्यों नहीं की ? वही काम सरकार में रहकर क्यों नहीं किया ?दरअसल यह सारा खेल जनता को बेवकूफ बनाने के लिए किया जाता है और लोभी जनता इन पार्टियों की जाल में फंसती रही है। होना तो यह चाहिए कि जिसकी भी सरकार बनती है उस सरकार से जनता को पूछना चाहिए कि उसने जो बाते कही थी उसे पूरा कब किया जाएगा और अगर पूरा नहीं किया गया तो उस पार्टी का बाइकाट किया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा होता कहाँ है ?

लोकतंत्र के नाम पर जनता को लूटने की कहानी चल रही है। जनता मौन है और सिर्फ चुनावी लाभ लेने को मजबूर। यह मज़बूरी ही लोकतंत्र को खोखला कर रहा है। कह सकते हैं कि लोभी जनता ठग सरकार की कहावत चरितार्थ हो रही है। जबतक जनता लोभ से ग्रसित होगी राजनीति से ठगती रहेगी और नेता मालामाल होते रहेंगे।

खैर अभी कांग्रेस के घोषणा पत्र पर नजर डालने की जरूरत है। कांग्रेस में अपने घोषणा पत्र में पांच गारंटियों को दोहराया है। ये गारंटी है -गृह ज्योति ,गृह लक्ष्मी ,अन्न भाग्य ,युवा निधि और शक्ति। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को सभी समुदायों का शांतिपूर्ण उद्यान नाम दिया है। गृह ज्योति के तहत हर महीने 200 यूनिट बिजली फ्री देने की बात कही गई है। गृह लक्ष्मी योजना के तहत हर घर की महिला मुखिया को 2000 रुपये हर महीने देने की बात है जबकि अन्न भाग्य के तहत बीपीएल परिवार के हर व्यक्ति को हर महीने दस किलो चावल देने की बात है। युवा निधि योजना के तहत हर स्नातक बेरोजगारों को हर महीने 3000 रुपये देनी की बात की गई है जबकि डिप्लोमा होल्डर को 1500 रुपये हर महीने देने की बात कही गई है। शक्ति योजना के तहत महिलाओं को फ्री बस यात्रा करने की बात है। इसके साथ ही कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 2006 के बाद के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करने की बात कही है।

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इसी के साथ ही और बहुत साड़ी बातें कही गई है। लेकिन एक सच ये है कि देश से गरीबी ख़त्म हो और स्थाई रूप से बेरोजगारी ख़त्म के साथ ही महंगाई पर रोक लगे इसकी चर्चा कही नहीं है। लेकिन यह सब केवल कांग्रेस के साथ ही नहीं है। बीजेपी भी वही करती दिख रही है। ऐसे में कहा जा सकता है कि जनता को मजबूत करने की बात कोई नहीं कर रहा। सभी पार्टियां तात्कालिक लाभ देकर जनता को भ्रमित कर रही है। लोकतंत्र का यही खेल भविष्य के लिए खतरा है। जनता को समझने की जरूरत है।

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