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अपनी हत्या के डर से मैदान नहीं छोड़ेंगे, महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद की हुंकार

Mahamandaleshwar of Juna Arena News: माया देवी मंदिर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर गुप्तचर एजेंसियों द्वारा एक अत्यधिक गुप्त सर्वे हुआ है कि किस हिंदूवादी चेहरे की हत्या से हिन्दू समाज मे सबसे ज्यादा भय व्याप्त होगा।

ऐसे चेहरों में 4 नाम सबसे प्रमुखता से आये हैं। इन चेहरों में सबसे पहला नाम है बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री का,दूसरा नाम है महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज,तीसरा पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी व चौथा नाम है डॉ प्रवीण भाई तोगड़िया जी का।इनमें बाद के दो नाम काफी सोच विचार के बाद निकाल दिए गए हैं।अब 2 नाम बचे हैं धीरेन्द्र शास्त्री और महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी का। इसमें भी धीरेन्द्र शास्त्री जी ने हिन्दू राष्ट्र की बात तो की है पर उन्होंने इस्लाम के बारे में कभी भी कुछ ऐसा नहीं बोला है जिससे कि कोई दूसरा समुदाय उनकी हत्या करने पर उतारू हो जाये।

यहाँ तक कि उन्होनें कई बार मीडिया मंचो से मुस्लिम समुदाय से अपने अच्छे रिश्तों के बारे में बताया है।वैसे भी उनकी छवि एक सज्जन धर्मपुरुष की है। इसके विपरीत महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी सम्पूर्ण विश्व के कुछ उन मुट्ठी भर लोगो मे से हैं जो इस्लाम और इस्लाम के संस्थापक मोहम्मद पर खुल कर अपने विचार रखते हैं।मुस्लिम जिहादी संगठन हर कीमत पर उनकी हत्या करना चाहते हैं।सिक्ख समुदाय में भी महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी की पैठ इस समय किसी भी अन्य सनातनी धर्मगुरु के मुकाबले बहुत ज्यादा है।वो अभी भी सिक्ख हिन्दू एकता के सबसे बड़े समर्थक के रूप में जाने जाते हैं।

सिक्ख गुरुओं के प्रति उनकी निष्ठा प्रश्नों से परे हैं।ऐसे में कई खालिस्तान समर्थक गुट भी उनकी हत्या करना चाहते हैं।श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का महामंडलेश्वर होने और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मजबूत किसान बिरादरियों के समर्थन के कारण निर्विवाद रूप से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी को सनातन धर्म का सबसे निर्भीक और मजबूत सन्यासी माना जाता है।ऐसे में उनकी हत्या से सारे हिन्दू समाज मे भय व्याप्त होना स्वाभाविक है। इस तरह से उनका नम्बर सबसे पहले है और उनकी हत्या लोकसभा चुनाव से पहले कर दी जाएगी।


यह जानकारी अत्यंत विश्वस्त सूत्रों के द्वारा महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज को दी गयी है। इस बारे में अपने गुरु व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरी जी महाराज को अवगत कराने और उनका आशीर्वाद लेने के लिये ही महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी हरिद्वार आये थे पर उन्हें उनके दर्शन नही हो सके।


माया देवी मंदिर में उनके साथ उनके शिष्य अनिल यादव जिन्हें सब छोटा नरसिंहानंद भी कहते हैं, वो भी साथ थे।
माया देवी मंदिर में माँ के दर्शन करके महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने अपना संकल्प दोहराया कि मृत्यु के डर से वो मैदान नहीं छोड़ेंगे।

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उनकी मौत का समय माँ और महादेव ने तय किया है।अगर यह निकट है तो वो अपने जीवन का एक एक क्षण अब सनातन धर्म की रक्षा के प्रयास में लगाएंगे। अब उनका पहला लक्ष्य सनातनियों अर्थात हिन्दू, सिक्ख,जैन,बौद्ध और आर्य समाजियों में एकता का प्रयास करना है।इसके साथ ही वो सारे विश्व के काफिरों अर्थात गैर मुस्लिमों को भी साथ लाने का भरसक प्रयास करेंगे।बंद कमरों में कैद होकर कीड़े मकोड़ो की मौत मरने से लाखो गुना बेहतर है मैदान में उतर कर वीरगति को प्राप्त करना और वो ये ही करेंगे।आगे वो होगा जो माँ और महादेव की इच्छा।

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Ashok Kumar

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