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MP Elections: BJP ने पूरी पलटन ही चुनावी मैदान में उतार दी है

MP Elections इस बार BJP के लिए बड़ी चुनौती है। लगभग 20 साल से एमपी में बीजेपी का राज है और शिवराज सिंह चौहान की सरकार है। इन 20 सालों में शिवराज सिंह ने एमपी के लोगों को बहुत कुछ दिया है और लोग भी मानते हैं कि मामा ने बहुत कुछ किया है। फिर मामा को किस बात की परेशानी है यह समझ से परे हैं। अब स्थानीय लोग भी कहते हैं कि मामा ने बहुत कुछ दिया तो जरूर लेकिन अब मजा नहीं आ रहा ही .राज्य में कोई नई बात नहीं। कोई नया चेहरा नहीं। कोई नई राजनीति नहीं। कोई नई योजना नहीं। रोजगार के कोई नए अवसर नहीं। महिलाओं के के लिए कोई नयी बात नहीं। हर जगह सरकारी योजनाएं और उपहार की कहानी। गिफ्ट चुनावी कल्चर और हिंदुत्व का नारा।


हालांकि देश की राजनीति का सच यही है। यही काम तो विपक्ष वाले भी कर रहे हैं। उनकी योजनाएं भी तो इसी तरह ही की है। विपक्ष और कांग्रेस वाले भी गारंटी कार्ड लेकर घूम रहे हैं। लोगों को पटा रहे हैं। लेकिन मुकम्मल रोजगार की व्यवस्था कोई नहीं कर रहा है। किसी भी पार्टी की इतनी हैसियत नहीं कि वह देश के युवाओं को यह कह सके कि आप पढ़कर निकलिए और रोजगार पाइये। घर को चलाइए। ऐसा किस के पास ताकत है भला ?

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इस नजरिए से देखें तो देश के भीतर जितनी भी पार्टियां काम करती दिखती है सब झूठ ही तो बोलती है। अगर इन पार्टियों के नेताओं के झूठ को इकठ्ठा किया जाए तो एक मोटी पुस्तक बन सकती है। उससे भी ज्यादा। ये सब जहां जाते हैं वही झूठ बोलते हैं। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिस नेता की अपने राज्य में कोई पूछ नहीं वे भी दूसरे चनावी राज्यों में जाकर जनता के सामने बड़ी -बड़ी ढींगे हांकने से बाज नहीं आते।


खबर ये हैं कि इस बार BJP की राजनीति को कांग्रेस वालों ने बाँध रखी है। एमपी में BJP को घेर दिया है कांग्रेस वालों ने। कमलनाथ ने पूरी ताकत के साथ BJP के बढ़ते कदम को रोक रखा है। बीजेपी जानती है कि चुनावी राज्यों में एमपी उसके लिए काफी महत्वपूर्ण राज्य है। एमपी गया तो लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी की परेशानी बढ़ेगी। बीजेपी की बड़ी परेशानी है। बीजेपी किसी भी सूरत में एमपी को गवाना नहीं चाहती। वैसे तो बीजेपी कभी भी अपनी सरकार नहीं गवाना चाहती। और कोई भी पार्टी नहीं चाहती है।


एमपी में सरकार बनी रहे ,BJP की सत्ता में फिर से वापसी हो इसके लिए बीजेपी बड़े पैमाने पर एमपी में चुनाव प्रचार कर रही है। हालांकि चुनावी घोषणा अभी नहीं हए हैं लेकिन एमपी में बीजेपी के सभी मुख्यमंत्रियों को उतार दिया गया है। 14 से 25 तारीख के बीच एमपी में तीन बड़े कार्यक्रम निर्धारित हैं। एक तरफ जन आशीर्वाद यात्रा के जरिये 230 सीटों पर माहौल बनाया जा रहा है तो दूसरी तरफ कुछ बड़ी बड़ी रैलिया भी की जा रही है। इसमें पार्टी ने सभी बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है। अपने सभी मुख्यमंत्रियों को मैदान में जाने को कह दया है।


खबर के मुताबिक BJP के सभी मुख्यमंत्रियों को मध्यप्रदेश के चुनावी माहौल में उतार दिया गया है। खबर के मुताबिक सभी को एक एक सप्ताह का .ताकि लोगों में पार्टी के प्रति विश्वास बढे और लगे कि जब इतने बड़े बड़े नेता बीजेपी के मुख्यमंत्री है तब एक बार फिर से मामा के हाथ में सत्ता सौप दी जाए। दरसल बीजेपी की परेशानी यह है कि अब कई राज्यों के लोग भी एक ही बात ,हिंदुत्व ,राष्ट्रवाद और राममंदिर को लेकर ऊब से गए हैं। लोगों को लग रहा है कि अब इनके पास कोई दूसरा मुद्दा नहीं है। जो पढ़े लिखे लोग है वे तो सब समझ गए हैं लेकिन अनपढ़ और अंधभालकत हैं उन्हें जानकारी मिलने लगी है। कई लोग सवाल पूछने लगे हैं कि जब बीजेपी ने इतने काम किये हैं और हिंदुत्व को बढ़ावा दिया है तब इतने प्रचार की क्या जरूरत है। होगा उसे तो देगी ही। जो रोजगार दिया होगा उसे तो जनता लाएगीं ही .क्या बीजेपी इन सवालो का जवाब दे सकती है। जब एमपी भी यही सवाल बीजेपी वालो से लोग पूछते हैं तो संघ के लोगों को भी पीड़ा हो रही है। याद रहे एमपी में संघ की गहरी पकड़ है और संघ की वजह से ही बीजेपी की जीत होती रही है। लेकिन इस बार संघ के खेल को भी कांग्रेस ने पलट दिया है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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