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शिक्षा विभाग का नया फरमान, बिहार के शिक्षकों को बड़ा टास्क, अब 20 रूपए में बेचना होगा बोरा-चट्टी

बिहार समाचार (Bihar News): बिहार की राजनीति से तो आप सभी भली भांति परिचित होंगे ही वहां पॉलिटिक्स मॉडल कैसा चलता है। तो वहीं अगर शिक्षा मॉडल की बात करें तो वो भी अनोखा ही है कब कहां किसके ऊपर कैसा फरमान जारी कर दिया जाए कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।इन सबके के बीच बिहार में एक ऐसा फरमान जारी किया गया है जो आश्चर्यजनक है।

अब बिहार में शिक्षकों के लिए एक बेहद ही अनोखा और अजीब फरमान जारी किया गया है। जो कि सरकारी स्कूलों के मास्टरों पर लागू करने के लिए कहा गया है। यहां पर विद्यालयों में शिक्षकों को बोरा बेचने का टास्क दिया गया है। इतना ही नहीं बोरा बेचने का फरमान जारी करते हुए उनके दाम भी तय कर दिए गए हैं कि किसी भी शिक्षक को एक बोरे को इतने रूपए में बेचना है। बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्‍य सचिव केके पाठक द्वारा जारी हुए नए फरमान के मुताबिक बिहार के सभी स्कूलों में कोई भी शिक्षक 20 रूपए प्रति बोरा बेचेगा।

Bihar teachers sell

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बता दें कि सरकारी स्कूलों में जो मिड डे मील उपल्बध कराया जाता है। मिड डे मील खपत हो जाने के बाद यानी कि अनाज से भरी बोरी खाली हो जाने के बाद उन्हें बेच दिया जाए। इसके तहत सभी शिक्षकों को जिम्म्ददारी सौंपी गई है कि खाली हुई बोरियों को उन्हें उचित दामों में बेच दिया करें। जिसमें किसी भी शिक्षक को कम से कम 20 रूपए प्रति बोरा बेचना होगा। इतना ही नहीं बेचे गए बोरों से जो कमाई होगी उन पैसों को सरकारी खाते में जमा कराना होगा। बता दें ये आदेश 14 अगस्‍त को जारी किया गया है। जिसके बाद शिक्षकों का विरोध और समर्थन का दौर जारी है।

बात तो ये है कि बिहार में मिड डे मील के लिए जो अनाज से भरे खाली हुए बोरे को बेचने की बात कही जा रही है राज्य सरकार ने उनकी कीमत सिर्फ 10 रूपए ही तय कि थी लेकिन अब सरकार को लग रहा है कि बोरों के दाम बढ़ गए हैं हमें भी बढ़ाने चाहिए इसी के चलते राज्य सरकार ने होशियारी दिखाते हुए 20 रूपए प्रति बोरा बेचने का आदेश दिया है।

इस निर्देश को जारी किए जाने के बाद से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। इस निर्देश को शिक्षकों का सिर्फ और सिर्फ अपमान करने का जरिया बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि इससे शिक्षकों को शैक्षणिक काम से अलग करके उन्हें व्यापारी बनाया जाने का मकसद है। यदि कोई शिक्षक व्यापारी बन जाएगा तो शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लक्ष्य पर पानी फिरना तय है। केंद्र सरकार के उच्च शिक्षा मॉडल का बंटाधार करने के लिए ऐसा फरमान जारी किए गया है।

Priyanshi Srivastava

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