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दुनिया में भ्रष्टाचार का शोर लेकिन भारत में सब कुछ हरा-हरा

corruption news Update: क्या कोई भी आदमी कभी भी खुद को गलत मानता है ? क्या भारत के लोग कभी भी खुद भ्रष्टाचारी मानते हैं ? का कोई भी नौकरशाह ,कर्मचारी ,नेता और मंत्री से लेकर संत्री कभी भी खुद को ठग और बेईमान मानता है ? क्या कभी इस देश की जनता ने सोंचा है कि जिन नेताओं और मंत्रियों के आगे पीछे वे घूमते हैं और जयकारे लगाते हैं उनके पीछे का सच क्या है ? उनकी असली कमाई क्या है और वे देश के लिए क्या करते हैं ? क्या इस देश की जनता कभी इस बात पर गौर करती है कि जो लोग सुरक्षा के नाम पर नौकरी करते हैं पुलिस या किसी और भी महकमे में वह क्या करते हैं ?


क्या इस देश के उन लोगों के बारे में कोई जानने की कोशिश करता है कि समाज के भीतर जो कम पढ़े लिखे लोग हैं वे संपत्ति बनाने के लिए क्या कुछ करते हैं ? कोई कुछ नहीं जानता। और जो जानता भी है वह कुछ कहने से परेज ही करता है। इस देश का बड़ा सच यही है कि कोई भी आदमी अपने बेटे और भाई से यही अपेक्षा करता है कि वह जहाँ भी काम करता है वहाँ लूट मचाहए ,लोगों को ठगे और देश को लुटे। इस देश के लोग दूसरों पर खूब उंगुली उठाते हैं लेकिन खुद के बेटे और भाइयों की चोरी पर कोई उंगुली नहीं उठाते। और सच यही है कि पूरा ब्देश भ्रष्टाचार का शिकार है।
भ्रष्टाचार की रैंकिंग करने वाली संस्था ने ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने भारत को एक बार फिर से बड़ा भरसाहताचारी देश करार दिया है। हालांकि भारत पर यह तमगा काफी पहले से लेकिन अभी तो और भी यह देश भ्रष्टाचर के आकंठ में डूब गया है। 180 देशों की सूचि में भारत में भ्रष्टाचार कुलांचे मार रहा है। यहाँ इतना भ्रष्टाचार है कि कोई भी यह नहीं कह सकता उसकी असली कहानी क्या है ? संस्था के करप्शन इंडेक्स 2023 में भारत की रैंकिंग 93 वे स्थान पर पहुँच गई है। जबकि एक साल पहले यह देश 85 वे पोजीशन पर था। भारत कितना भ्रष्ट देश बन गया है कि इसकी जानकारी आप इस रु में ले सकते हैं कि इस देश से आसपास के पडोसी देश भी अच्छे हैं।


रिपोर्ट के मुताबिक चीन का रैंकिंग दुनिया के भ्रष्ट देशों में 76 वे नंबर पर है जबकि पकिस्तान 133 वे नंबर पर है। डेनमार्क एक नंबर पर है यहाँ सबसे कम भ्रष्टाचार है। सोमालिया 180 वे नंबर पर है जहां सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है।
बता दें कि जिस देश में जितना ज्यादा भ्रष्टाचार होता है उसे ूटन ही कम स्कोर दिया जाता है। भारत को इस बार मात्र 39 स्कोर मिला है। इंडेक्स में रैंकिंग इसी आधार पर बनाई जाती है।
अब कोई भी नेता यह कहता है कि भारत में राम राज्य है तो क्या यह कहना उचित है ? इस देश की हालत क्या है इसकी जानकारी इसकी रँकिंग से ही मिल जाती है। साफ़ है कि इस देश का ऐसा कोई विभाग नहीं जहाँ बड़े स्तर पर लूट खसोट चल रहे हैं। दो चार लोगों की धृ पकड़ होती दिखती है लेकिन इस देश के अधिकाते भ्रष्टाचारी को कौन पकड़ सकता है। यहाँ तो घर -घर में भ्रष्टाचारी बैठे हैं।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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