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Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस के लिए हुआ हरियाणा की झांकी का दूसरी बार चयन, हरियाणा की भगवान कृष्ण के विराट स्वरूप के होंगे दर्शन

अमित अग्रवाल के मुताबिक, कुरुक्षेत्र, जिसे संस्कृति और सभ्यता, को दुनिया के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है. उन्होंने कहा,"पवित्र नदी सरस्वती के तट पर, वेदों और पुराणों की रचना और संकलन किया गया था.

गणतंत्र दिवस परेड में हरियाणा की भगवान कृष्ण के विराट स्वरूप की झांकी दिखाया जाएगी.रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने कर्तव्य पथ लगातार दूसरी बार गणतंत्र दिवस समारोह के लिए हरियाणा की इस झांकी का चयन किया है. हरियाणा के मुख्यमंत्री के अपर प्रधान सचिव अमित अग्रवाल ने पिछले साल कहा था कि खेलों में राज्य की उपलब्धियों को ‘खेलों में नंबर वन हरियाणा’ की थीम पर इस झांकी के माध्यम से देश के सामने पेश किया जाता है.

अमित अग्रवाल के मुताबिक, कुरुक्षेत्र, जिसे संस्कृति और सभ्यता, को दुनिया के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है. उन्होंने कहा,“पवित्र नदी सरस्वती के तट पर, वेदों और पुराणों की रचना और संकलन किया गया था. करीब 5, हजारा 59 साल पहले महाभारत की लड़ाई के पहले दिन, श्रीमद्भगवद् गीता का शाश्वत संदेश भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन को दिया था, तब से कुरुक्षेत्र की पहचान गीता के जन्मस्थान के रूप में की गई है.”

‘गीता के स्थान के रूप में मान्यता’

सीएम के अपर प्रधान सचिव (Additional Principal Secretary) अमित अग्रवाल (Amit Agarwal) के मुताबिक  2014 में जब पीएम नरेंद्र मोदी ने कुरुक्षेत्र गये थे तो, उन्होंने कहा था कि कुरुक्षेत्र को गीता के स्थान के रूप में मान्यता देने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी. उनकी इसी मानसिकता को मूर्त रूप देते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Chief Minister Manohar Lal Khattar) के नेतृत्व में गीता की जन्मभूमि को दुनिया भर में पहचान मिल रही है. और इसी के तहत देश-विदेश में ‘अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव’ (International Gita Festival) का भी हो चुका है.

‘झांकी में श्रीमद् भगवद गीता का अमर संदेश’

इस दौरान अमित अग्रवाल ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड (Republic day parade) में हरियाणा की झांकी पूरी दुनिया को श्रीमद् भगवद गीता का अमर संदेश देगी. इस झांकी में भगवान कृष्ण को अर्जुन के सारथी के रूप में सेवा करते और गीता का ज्ञान देते हुए दिखाया है. झाकी के नीचे का पूरा भाग एक जटिल डिजाइन में बनाया गया है. विराट स्वरूप की प्रदर्शित मूर्ती में भगवान विष्णु के 9 सिर हैं जो शिव, विष्णु, ब्रह्मा, अश्विनी कुमार, अग्नि, नरसिंह, गणेश, हनुमान और परशुराम हैं, जो बाएं से दाएं क्रम में हैं. एक गोलाकार मंच पर बनाया गया.

Prachi Chaudhary

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