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मां बगलामुखी और महादेव की शरण में आकर ही सनातन धर्म और सम्पूर्ण मानवता की रक्षा का लक्ष्य सम्भव-यति नरसिंहानंद गिरी

आज धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के जयराम विद्यापीठ आश्रम में सभी सनातन धर्मावलंबियों को जगद्जननी माँ जगदम्बा व महादेव की अखण्ड भक्ति की प्राप्ति,सद्बुद्धि की प्राप्ति, सनातन धर्म की रक्षा, सनातन धर्म के मानने वालों के घर परिवार सहित उनके अस्तित्व की रक्षा,सनातन धर्म के शत्रुओं का विनाश,सनातन वैदिक राष्ट्र का निर्माण और श्रद्धालु भक्तगणों की समस्त मनोकामना की पूर्ति हेतु श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के यति नरसिंहानंद गिरी के मार्गदर्शन व महंत राजेन्द्र पूरी के संकल्प से पांच दिवसीय माँ बगलामुखी महायज्ञ आरम्भ हुआ

नई दिल्ली: आज धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के जयराम विद्यापीठ आश्रम में सभी सनातन धर्मावलंबियों को जगद्जननी माँ जगदम्बा व महादेव की अखण्ड भक्ति की प्राप्ति,सद्बुद्धि की प्राप्ति, सनातन धर्म की रक्षा, सनातन धर्म के मानने वालों के घर परिवार सहित उनके अस्तित्व की रक्षा,सनातन धर्म के शत्रुओं का विनाश,सनातन वैदिक राष्ट्र का निर्माण और श्रद्धालु भक्तगणों की समस्त मनोकामना की पूर्ति हेतु श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के यति नरसिंहानंद गिरी के मार्गदर्शन व महंत राजेन्द्र पूरी के संकल्प से पांच दिवसीय माँ बगलामुखी महायज्ञ आरम्भ हुआ।महायज्ञ में कार्ष्णि स्वामी अमृतानंद जी,बालयोगी ज्ञाननाथ व यति सत्यदेवानंद सहित अनेक संतो ने भाग लिया।

माँ बगलामुखी व महादेव का यह महायज्ञ कल्प वृक्ष के समान

महायज्ञ के विषय मे बताते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने बताया कि भक्तगणों के लिये माँ बगलामुखी व महादेव का यह महायज्ञ कल्प वृक्ष के समान है जो उनकी सभी सात्विक मनोकामनाओं की पूर्ति करने में सक्षम है।सनातन धर्म में माँ बगलामुखी को श्री,विजय और सद्बुद्धि की देवी माना जाता है।

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महादेव की करें साधना

महादेव के साथ इनकी साधना से मनुष्य अपने हर तरह के शत्रुओं को पराजित करने योग्य बनता है और सद्बुद्धि, ऐश्वर्य,शक्ति और दीर्घायु सहित विजय को प्राप्त करता है।भगवान परशुराम इस पृथ्वी पर पहले साधक थे जिन्होंने माँ बगलामुखी और महादेव की साधना करके अलौकिक शक्तियां प्राप्त की।भगवान परशुराम ने माँ बगलामुखी साधना का रहस्य भगवान श्रीराम,योगेश्वर श्रीकृष्ण सहित अपने पितामह भीष्म, आचार्य द्रोण व दानवीर कर्ण जैसे महान योद्धाओ को बताया।

महापराक्रमी इंद्रजीत मेघनाथ सहित दशानन रावण और कुम्भकर्ण भी माँ बगलामुखी और महादेव के ही उपासक थे।सतयुग से लेकर कलयुग तक सभी सनातन धर्म के प्रमुख योद्धाओ ने माँ बगलामुखी और महादेव की साधना और भक्ति से ही स्वयम को महान बनाया है।

सनातन धर्म संकट का सामना कर रहा

उन्होंने यह भी कहा कि आज सनातन धर्म जिस तरह के संकट का सामना कर रहा है,उस संकट को आध्यात्मिक ऊर्जा के बिना समाप्त नहीं किया जा सकेगा।आज सनातन धर्म के मानने वालों को ऐसी ऊर्जा माँ बगलामुखी और महादेव की साधना से ही मिल सकती है।

महायज्ञ के मुख्य यजमान महन्त राजेन्द्र पूरी जी महाराज ने कहा कि सभी हिन्दुओ को अपने हर तरह के व्यक्तिगत, जातिगत,संस्थागत, दलगत तथा राजनैतिक स्वार्थों और मतभेदों को भुलाकर महायज्ञ में सम्मिलित होना चाहिये।हम सभी को समझना ही पड़ेगा कि सनातन धर्म की रक्षा से ही मानवता की रक्षा होगी और मानवता की रक्षा से ही हम सबका अस्तित्व बचेगा।

उन्होंने हरियाणा के सभी हिन्दुओ से इस महान अनुष्ठान में तन,मन और धन से साथ देने और सहयोग करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर राजकुमार पांचाल,बिल्लू,धर्मेंद्र शर्मा,मनदीप,अशोक,रवि शर्मा तथा अन्य भक्तगण उपस्थित थे।

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Neetu Pandey

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