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Uttar Pradesh News: कुर्बानी के लिए बिक रहे बकरों की जैन समाज के लोगों ने बचाई जान

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में बकरीद पर बकरों को लेकर जगह-जगह से नई तस्वीरें आ रही है। ये तस्वीरें बकरों की कुर्बानी से जुड़ी हुई हैं। वहीं इनमें एक तस्वीर बागपत जनपद के अमीनगर सराय कस्बे से भी सामने आयी है। जैन समाज के लोगों ने बाजार में बिक्री को आये 250 बकरे खरीदकर ‘बकराशाला’ में संरक्षित कर लिया है ताकि इन सभी की जान बचाई जा सकें।

दरअसल, अमीनगर सराय कस्बे में जैन समाज के लोगों द्वारा जीव दया संस्थान की 2016 में स्थापना की थी। इस संस्थान को खोलने का उद्देश्य बेजुबान जीवों की रक्षा करना था। खासतौर पर बकरीद पर कुर्बानी(Uttar Pradesh News) दिए जाने वाले बकरों को बचाना। जैन समाज के लोग भगवान महावीर स्वामी के संदेश जीयो और जीने दो, की प्रेरणा से इस बकराशाला मे 450 बकरे मौजूद हैं। बकरीद से एक दिन पहले जिन 250 बकरों को जगह-जगह कुर्बानी के लिए बिक्री को रखा गया था, उन्हें महंगे दामों में खरीदकर न केवल इनकी जान बचाई बल्कि उन्हें ‘बकराशाला’ में संरक्षित किया।

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इन सभी के गले में लाल धागे भी कुर्बानी देने वालों ने बांधे हुए थे। 5000 वर्ग फीट में नवनिर्मित बकराशाला में बकरों के खाने-पीने, रहने समेत चिकित्सकों की भी बेहतर व्यवस्था की हुई है। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। संस्थान से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि उत्तर भारत (Uttar Pradesh News) में यह पहली और इकलौती बकराशाला हैं। इसका उद्देश्य केवल बेजुबान जीवों की रक्षा करना है। आने वाले दिनों में पक्षियों के लिए भी 45 मंजिला ऊंचा टावर बनाया जाएगा जिसमें पक्षी अपना निवास बनाकर रह सकेंगे।

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पशु प्रेमी दिनेश जैन ने बताया, अमीनागर सराय का निवासी हूं, 7 साल पहले हमारे जैन संतो ने ये प्रेरणा दी थी दुनिया मे कहावत है की बकरा अपनी मौत नहीं मरता हमारे जैन संतो ने कहा की इस मुक प्राणी की रक्षा इसको जो कहावत चली आ रही है इसको बदलना है इनको जीवन दान दो 2016 मे एक बकरा शाला जीव दया संस्थान के रूप मे यहां स्थापित की और उस समय 40/45 बकरों से इस बकरा शाला की शुरुआत हुई थी.

आज जहां लगभग करीब 500 बकरे है और वहां जगह कम पड़ने लगी इतने दानवीरों ने हमें सहयोग दिया समाज (Uttar Pradesh News in hindi) के बहुत सारे लोग है उन्होंने सबको जोड़ा इसके प्रेरणा श्रोत निक्की जैन फैशन वाले ही है जगह कम पड़ने लगी तो ये 5 हजार वर्ग गज की दो वर्ष पूर्व क्रय की और इसका कल विधि विधान के साथ लोकार्पण हुआ पिछले 1 सप्ताह से ईद की पूर्व संध्या तक हमारी संस्था को लगभग 250 लोगो ने अपनी और से बकरा खरीद कर के दान में दिया ताकि उसका लालन पालन किया जा सके और वो अपनी पूरी उम्र में आकर के देह वासन करे हमारी कोशिश है की तन मन धन से उनकी रक्षा करनी है. हमारी जान भी जाएगी तो हम इन जीवों को बचाएंगे यहाँ पर बकरो के ठहरने की खाने की पानी की चारे की दवाई की नियमित रूप से चिकित्सक चेकअप करता है प्रदीप भाई है वो भी यहां दिन रात सेवा मे रहते हैं और बहुत सारे कर्मचारी उनकी सेवा में रहते है।

राजस्थान , मध्य प्रदेश , गुजरात सब जगह गौ शाला बहुत है लेकिन जीव दया सेवा संस्थान के रूप में बकरा शाला उत्तर भारत की पहली बकरा शाला है और पिछले 7 साल मे जहां 40-45 बकरों से इसकी शुरुआत हुई थी आज लगभग 500 बकरों का हम लालन पालन कर रहे है और जैन समाज के लोग जो दिल्ली मे है बड़ौत मे है मेरठ मे है आसपास में है सबका सहयोग मिल रहा है भगवान महावीर के सिद्धांतो पर बकरों का लालन पालन करते हैं ताकि उनको आजीवन जीवन दान मिल सके आने वाले समय में हमारा लक्ष्य ये है पक्षी घायल हो जाते है बीमार हो जाते है उनको मारने की कोशिश होती है पक्षियों का आश्रय बना रहे है 45 मंजिला टावर बनायेंगे घायल पक्षियों को लाया जाएगा असहाय पक्षियों को लाया जाएगा। हमारे क्षेत्र मे काफ़ी संख्या में मुस्लिम है कभी भी किसी ने इस चीज का कोई विरोध नहीं किया और जो अच्छे समझदार मुस्लिम है जो इसकी सरहाना करते है.

Prachi Chaudhary

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