Congress: क्या कांग्रेस गठबंधन सामाजिक न्याय के मुद्दों पर अगला चुनाव लड़ेगा ?
भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कई मुद्दों को उठाया था। हालांकि कांग्रेस (Congress) बार बार कहती रही कि यह राजनीतिक यात्रा नही है। यह भाईचारे की यात्रा है ,देश को समझने को यात्रा है और नफरत के बाजार में भाईचारे को दुकान खोलने को यात्रा है। लेकिन इस यात्रा में बेरोजगारी की भी बात हुई ,गरीबी और परेशानी की भी बात हुई और अडानी की कथित लूट पर भी खूब चर्चा की गई। तब यह भी कहा गया कि आर्थिक और बेरोजगारी मसले पर कांग्रेस (Congress) चुनाव लड़ सकती है। लेकिन इस बीच बहुत सी राजनीतिक घटनाएं सामने आई। खेल इतना बड़ा हुआ कि राहुल मोदी सरनेम मामले में दोषी करार दिए गए। उनकी सांसदी खत्म हो गई।
इस बीच एक बड़ी राजनीतिक घटना ये घटी कि लगभग समूचा विपक्ष एकजुट होने को तैयार हुआ। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) दिल्ली आए और कांग्रेस (Congress) नेताओं के साथ ही की विपक्षी नेताओं से इनकी अच्छी सकारात्मक मुलाकात हुई। आगे क्या होगा और विपक्षी एकता बीजेपी को कितना नुकसान पहुंचाएगा यह तो आने वाले समय में पता चलेगा लेकिन नीतीश और राहुल की मुलाकात का एक लाभ यह होता दिख रहा है कि राहुल ने अगले लोकसभा चुनाव का मुद्दा सेट कर दिया है।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पहली बार जातीय जनगणना पर खुलकर बोले हैं और केंद्र सरकार को कहा है कि वह जातीय जनगणना कराई ताकि सामाजिक न्याय हो सके ।कहा जा रहा है कि राहुल का यह बयान नीतीश कुमार इफेक्ट से प्रभावित है ।राहुल को नीतीश ने समझा दिया है कि कैसे इस खेल के जरिए कांग्रेस (Congress) को भी लाभ जो सकता है और फिर बीजेपी को हराया जा सकता है । नीतीश राहुल को समझने में सफल दिख रहे हैं ।बिहार में जातीय जनगणना जारी है ।अगले कुछ महीनो में इसके आंकड़े भी सामने आ सकते हैं ।सभी दलों को इन आंकड़े का इंतजार है ।अगर आंकड़े विपक्ष की राजनीति को आगे बढ़ाने के लायक होंगे तो बाकी राज्यों में भी इसकी मांग बढ़ेगी और फिर बीजेपी को मुश्किल बढ़ सकती है ।
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बता दें कि कांग्रेस (Congress) पहली बार जातिगत जनगणना पर मुखर हुई है। इससे पहले कुछ पार्टियां ही इसकी मांग करती रही है। अब तय हो गया है कि कांग्रेस और सहयोगी गठबंधन सामाजिक न्याय के मुद्दों पर ही अगला चुनाव लडेंगे । जानकर भी मान रहे हैं कि राहुल को नीतीश की बात समझ में आ गई है । नीतीश ने भी राहुल और खडगे को बता दिया है कि इसका लाभ कांग्रेस को ज्यादा मिल सकता है । नीतीश ने कांग्रेसन समझाया है कि बीकेपीकेआर हिंदुत्व के एजेंडे का जबाव मंडल की राजनीति से ही दिया जा सकता है। 90 के दशक में समाजवादी पार्टियां इसी एजेंडे से बीजेपी को टक्कर दे चुकी है। यह गणित समझने के बाद राहुल को नया संजीवनी मिला है। कहा जा रहा है कि आगामी दिनों में विपक्ष की को बैठक होनी है उसमे इस मसले पर बहस की जाएगी और इसी मुद्दे के जरिए बीजेपी पर हमला किया जाएगा ।