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चुनौतियां पैदा करती बढ़ती आबादी, इस वजह से मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस

World Population Day 2023 : संपूर्ण विश्व में 11 जुलाई यानी की आज विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है। हर साल की भांति इस साल भी विश्व जनसंख्या दिवस को थीम के आधार पर मनाया जा रहा है। ये एक वैश्विक पहल है जो पूरी दुनिया भर में मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य है कि दुनिया भर को बढ़ती आबादी से पैदा हुई कई चुनौतियों और उनसे होने वाले प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करना होता है।

ये दिन अहम है, मुद्दा गंभीर और विचारजनक है, लेकिन यहां पर सवाल उठता है कि किसी एक देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए किसी इतने गंभीर मुददे को महज किसी तारीख या दिन पर याद कर फिर भूल जाना ये तो उचित बात नहीं है। हम भला ऐसे कैसे किसी तारीख के मोहताज हो सकते हैं। इसांनों की लगातर बढ़ती आबादी समूची दुनिया के माथे पर चिंता की लकीरें खींच रही हैं। दुनिया भर के देशों की आबादी को लेकर अलग अलग समस्याएं है। अब आप ही सोचिए कि सिर्फ ऐसे किसी तारीख या दिन को इतने गंभीर मुद्दे को सेलीब्रेट करना सही है या फिर इसे सेलीब्रेट करने के बजाए कोई सकारात्मक कदम उठाया जाए जो पूरी दुनिया के हित में हो।

बढ़ती जनसंख्या का समाधान ऐसे करें
परिवार नियोजन और महिला सशक्तिकरण : परिवार नियोजन के तहत भी इसका समाधान निकल सकता है। इसके तहत महिलाओं को खुद सशक्त बनना होगा। परिवार नियोजन की सभी सेवाओं में महिलाओं को बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना होगा।

शहरीकरण और आवास: जनसंख्या बढ़ जाने की वजह से बड़े स्तर पर शहरीकरण हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप शहरों में अपर्याप्त आवास और मलिन बस्तियां पैदा हुई हैं। आबादी बढ़ने की वजह से बुनियादी सुविधाओं जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण, आवास, आदि महत्वपूर्ण चुनौतियां पैदा हुई है।

स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा
लगातार बढ़ रही आबादी पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और अच्छी शिक्षा प्रत्येक के लिए जरूरी है। इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए बढ़ती आबादी को कंट्रोल करना जरूरी है।

जनसंख्या विस्फोट
जनसंख्या की बढ़ती रफ्तार हमारे आर्थिक विकास पर भी असर डालती है। विकास के सारे प्रयासों को विफल कर देती है। जब जनसंख्या दर में बढ़त ज्यादा होने लगती है तो इस स्थिति में उपलब्ध संसाधन भी कम पड़ जाते हैं।

क्या है थीम
इस बार की थीम की बात करें तो संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जो थीम रखी गई है वो है एक ऐसी दुनिया की कल्पना करना जो करीब 8 अरब लोगों का भविष्य आशाओं के साथ संभावनाओं से भरपूर तय की गई है।

Priyanshi Srivastava

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