क्राइमन्यूज़

मणिपुर में नही थम रही है हिंसा ,गृह मंत्री ने लिया एक्शन तैयार किया बडा प्लान

Manipur News: गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून यानी शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक शनिवार दोपहर 3 बजे बुलाई गई है। चूंकि मणिपुर में 3 मई के बाद से हिंसा अभी भी जारी है इसलिए राज्य सरकार ने अशांति को रोकने की कोशिश में इंटरनेट पर प्रतिबंध को 25 जून तक बढ़ा दिया गया है.

क्या था मसला??

जानकारी के मुताबिक बता दें मेइती को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल्स स्टूडेंट्स यूनियन (ATSU) की तरफ से आयोजित एक रैली के दौरान हंगामे के बाद 3 मई को मणिपुर में हिंसा छीड गई थी। जिसके बाद झडप अब तक रूकने का नाम नही ले रही है. बता दें इस हिंसा में अब तक 120 लोगों की जान जा चुकी है. और 3000 से ज्यादा लोग घायल हुए है.

राहुल ने दिया पीएम मोदी के खिलाफ बयान
जातीय हिंसा और झड़पों के मद्देनजर मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से 24 जून को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के समय पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि यह बैठक ऐसे समय में बुलाई जा रही है जब प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राज्य अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं, जिससे पता चलता है कि यह बैठक उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है।

राहुल ने ट्वीट किया,

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि मणिपुर 50 दिनों से जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे। सर्वदलीय बैठक तब बुलाई गई जब प्रधानमंत्री खुद देश में नहीं हैं! जाहिर है, यह बैठक प्रधानमंत्री के लिए महत्वपूर्ण नहीं है।

केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) ने मोदी पर साधा निशानाइस बीच, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने भी गुरुवार यानी 22 जून को मणिपुर की स्थिति पर चुप्पी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “पिछले 53 दिनों से मणिपुर जल रहा है। पीएम मोदी चुप्पी साधे बैठे है। मणिपुर से एक प्रतिनिधिमंडल वेणुगोपाल ने दावा करते हुए कहा है वह पिछले 10 दिनों से यहां हैं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी उनसे मिलना नही चाहते थे।

कैसे हैं मणिपुर के हालात?

मणिपुर में हिंसा रूकने का नाम नही ले रही है हिंसा इस कदर बढ़ चुकी है कि हाल ही में हिंसक लोगो ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन का घर तक फूंक डाला था. शांति बनाने के लिए कई बार कोशिश की जा चुके हैं लेकिन मचा बवाल काबु में आने का नाम नहीं ले रहाम हैं. आपको बता दें हिंसा को रोकने के लिए केंद्रीय सशस्त्र बल की 84 कंपनियों को राज्य में तैनात किया गया है, असम राइफल्स के भी 10,000 से ज्यादा जवान तैनात हैं, लेकिन सड़कों पर भारी सैन्य बल होने के बाद भी स्थिति बत्तर होती जा रही है.

Prachi Chaudhary

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button