ट्रेंडिंगन्यूज़बड़ी खबर

Cheetah In India: दक्षिण अफ्रीका से फिर लाये जायेंगे 12 चीते

भारत को दक्षिण अफ्रीका (South Africa) से 12 और चीतों की खेप आगामी फरवरी महीने में मिलने की सम्भावना है। इस सम्बन्ध में दोनों देशो के बीच समझौता किये गए हैं। समझौता के मुताबिक फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका (South Africa) से 12 चीते भारत लाये जायेंगे। इन चीतों को भी पिछले साल नामीबिया से लाये गए चीतों के झुंड में ही छोड़ा जायेगा।

भारत को दक्षिण अफ्रीका (South Africa) से 12 और चीतों की खेप आगामी फरवरी महीने में मिलने की सम्भावना है। इस सम्बन्ध में दोनों देशो के बीच समझौता किये गए हैं। समझौता के मुताबिक फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका (South Africa) से 12 चीते भारत लाये जायेंगे। इन चीतों को भी पिछले साल नामीबिया से लाये गए चीतों के झुंड में ही छोड़ा जायेगा।

चीतों की आबादी को बढ़ाना भारत की प्राथमिकता है और इसके संरक्षण के महत्वपूर्ण एवं दूरगामी परिणाम होंगे, जिसका लक्ष्य कई पारिस्थितिक उद्देश्यों को हासिल करना होगा, जिसमें भारत में उनकी ऐतिहासिक सीमा के भीतर चीते की भूमिका को फिर से स्थापित करना और स्थानीय समुदायों की आजीविका संबंधी विकल्पों को बेहतर करना तथा उनकी अर्थव्यवस्थाओं को आगे बढ़ाना शामिल है। फरवरी में 12 चीतों के आयात के बाद, अगले आठ से 10 वर्षों के लिए सालाना 12 चीतों को स्थानांतरित करने की योजना है।

पिछली शताब्दी में अधिक शिकार और निवास स्थान के नुकसान के कारण इस प्रतिष्ठित प्रजाति के स्थानीय स्तर पर विलुप्त हो जाने के बाद चीता को एक पूर्व दायरे वाले देश में फिर से लाने की पहल भारत सरकार से प्राप्त अनुरोध के बाद की जा रही है। इस बहु-विषयक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम को दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय जैव विविधता संस्थान (एसएएनबीआई), दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय उद्यान, चीता रेंज विस्तार परियोजना, और दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में लुप्तप्राय वन्यजीव ट्रस्ट के सहयोग से राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान के साथ मिलकर वानिकी, मत्स्य पालन और पर्यावरण विभाग द्वारा समन्वित किया जा रहा है

यह भी पढ़ें: चीन से बड़ी साजिश का खुलासा, अगर नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं आप तो हो जाये सावधान,  ये खबर आपके लिये जरूरी है.

भारत में चीता को फिर से लाने से संबंधित यह समझौता ज्ञापन भारत में चीता की व्यवहार्य और सुरक्षित आबादी स्थापित करने हेतु दोनों पक्षों के बीच सहयोग की सुविधा प्रदान करता है; संरक्षण को बढ़ावा देता है और यह सुनिश्चित करता है कि चीता के संरक्षण को बढ़ावा देने संबंधी विशेषज्ञता को साझा व आदान-प्रदान हो और उसके लिए आवश्यक क्षमता का निर्माण किया जाए। इसमें मानव-वन्यजीव संघर्ष समाधान, वन्यजीवों का कब्जा एवं स्थानांतरण और दोनों देशों में संरक्षण के कार्यों में सामुदायिक भागीदारी शामिल है। समझौता ज्ञापन के अनुसार, दोनों देश बड़े मांसाहारी जीवों के संरक्षण में प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण, प्रबंधन, नीति और विज्ञान के क्षेत्र में पेशेवरों के प्रशिक्षण के माध्यम से सहयोग और उत्कृष्ट कार्यप्रणालियों का आदान-प्रदान करेंगे, और दोनों देशों के बीच स्थानांतरित चीतों के लिए एक द्विपक्षीय संरक्षकता की व्यवस्था बनायेंगे

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button