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Central Vista Inauguration: संसद उद्घाटन को लेकर सरकार और विपक्ष में भिड़ंत ,जानिए किस टीम में कौन किसके साथ !

Central Vista Inauguration: आज से ठीक तीन दिन बाद नए संसद भवन का उद्घाटन हो जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी इसका उद्घाटन करेंगे लेकिन विपक्ष का बड़ा वर्ग इस उद्घाटन का विरोध कर रहा है। विरोध करने वाले दलों की संख्या अब 21 हो गई है जबकि सरकार के साथ भी कई दाल खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है कि सरकार के साथ भी करीब 15 दाल खड़े हैं। इन दलों में अधिकतर पूर्वोत्तर राज्यों के दल शामिल हैं।

विपक्षी दलों ने जहां उद्घाटन समारोह को असंसदीय बताया है जबकि सरकार के समर्थक दल कह रहे हैं कि पीएम मोदी अगर उद्घाटन कर रहे हैं तो इसमें बुराई क्या है। ये बातें ज्यादातर वह पार्टियां कर रही है जिनका राष्ट्रीय राजनीति से कोई लेना देना नहीं। फिर उनकी बातों में कोई सही तर्क भी नहीं है। विपक्ष कह रहा है कि जो होता दिख रहा है वह लोकतान्त्रिक देश के लिए ठीक नहीं है और बीजेपी देश के लोकतान्त्रिक मूल्यों को ख़त्म करना चाहती है। यह उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए। और ऐसा नहीं कराकर बीजेपी राष्ट्रपति का अपमान कर रही है। उधर राष्ट्रपति मुर्मू इस पुरे मामले पर मौन है और झारखंड की यात्रा पर गई हुई हैं।

इधर अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुँच गया है। एक याचिकर्ता ने अदालत में अर्जी डाली है कि लोकतान्त्रिक देश में संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को ही करना चाहिए। शीर्ष अदालत इस याचिका पर क्या कुछ करता है यह भी देखने की बात होगी। लेकिन पुरे देश में इस मसले को लेकर आरोप प्रत्यारोप की कहानी चल रही है। मीडिया भी इस खेल को खूब प्रचारित प्रसारित कर रही है। कह सकते है कि संसद उद्घाटन का यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। एक तरफ यूपीए की राजनीति दिख रही है तो दूसरी तरफ ख़त्म हो चूका एनडीए का कुनबा बनता दिख रहा है। जिस एनडीए के साथ कोई दीखता नहीं था अब उसके साथ 15 पार्टियां दिख रही है। कहा जा रहा है कि आने वाले समय में इस मंच के साथ कुछ पार्टियां भी शामिल हो सकती है।

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गौरतलब है कि संसद उद्घाटन का मामला उस समय राजनीतिक रंग ले लिया जब लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने पिछले 18 मई को प्रधानमंत्री मोदी को न्योता भेजा। इसके साथ ही विपक्ष का विरोध शुरू हो गया। विपक्षी लगातार कह रहे हैं कि राष्ट्रपति से संसद भवन का उद्घटान नहीं कराना राष्ट्रपति का अपमान  है और बीजेपी केवल चुनावी लाभ के लिए राष्ट्रपति मुर्मू का इस्तेमाल करती है। लेकिन मुर्मू के प्रति उनके मन में कोई इज्जत नहीं है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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