Live UpdateSliderचुनावट्रेंडिंगराजनीति

Gaurav Vallabh Joins BJP: कांग्रेसी गौरव वल्लभ पंत तो भाजपाई हो गए ,निरुपम कहाँ जायेंगे ?

Gaurav Vallabh Joins BJP: कांग्रेस को आज बड़ा झटका लगा है। यह झटका राजस्थान से लेकर मुंबई तक देखा गया। इस झटके का असर पार्टी पर आने वाले समय में क्या होगा यह देखने की बात होगी। लेकिन जिस तरह के झटके पार्टी के नेताओं ने दिए है उससे साफ़ हो गया है कि कांग्रेस के भीतर कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता तेज तर्रार प्रवक्ता के रूप में शुमार रहे गौरव वल्लभ पंत ने पार्टी से इस्तीफा दिया और पार्टी के ऊपर कई सवाल भी दाग दिए।

गौरव वल्लभ पंत कांग्रेस के उन प्रवक्ताओं में शुमार थे जो विश्लेर्षण करने में माहिर माने जाते थे। कई बार तो उन्होंने अपने सवालों से बीजेपी के लोगों को निरुत्तर भी कर वडिया था। लेकिन अब वे आज ही बीजेपी के साथ चले गए। सुबह में उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया और दोपहर में बीजेपी के चले गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में रहकर वे असहज महसूस कर रहे थे लेकिन अब वे खुश हैं।

पंत ने कहा कि वे सनातन का विरोध नहीं कर सकते ,न ही सनातन के खिलाफ नारे ही लगा सकते हैं। उन्होंने खुद को सनातनी और एक शिक्षक बताते हुए कहा कि वे सनातन के खिलाफ नहीं जा सकते और कांग्रेस में अब नए विचारों के लिए कोई जगह नहीं है।

पंत जोधपुर से सरोकार रखते हैं। वे गोल्ड मेडलिस्ट हैं और लम्बे समय से वाद -विवाद में हिस्सा लेते रहे हैं। उनके पास आर्थिक जानकारी काफी अच्छी है। यही वजह है कि कांग्रेस ने गौरव वल्लभ पंत को पार्टी का प्रवक्ता बनाया था। प्रवक्ता के रूप में वे काफी सफल भी थे। बीजेपी के कई नेता उनका सामना करने से बचते थे। क्योंकि वह सच्ची तस्वीर से सबको मात देते थे।

पंत चुनाव के लिए क्राउड फंडिंग के हिमायती रहे हैं। उन्होंने झारखंड में जब रघुबर दास के खिलाफ चुनाव लड़ा था तो क्राउड फंडिंग के जरिये ही चुनावी खर्च को निकला था। लेकिन अब जब वे बीजेपी के साथ चले गए तो उनकी आगे की रणनीति क्या होगी यह देखने की बात होगी। उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को लपेटते हुए कहा है कि भगवान राम के मंदिर में कांग्रेस के नेताओं का नहीं जाना ठीक नहीं है। हम सनातन का विरोध कैसे कर सकते हैं ? इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर कई और तरह के आरोप लगाए हैं।

उधर मुंबई में कांग्रेस के तेजतर्रार नेता संजय निरुपम भी कांग्रेस से अलग हो गए हैं। निरुपम को मुंबई से टिकट की आस थी लेकिन वह सीट शिवसेना के पास चली गई। इसके बाद उन्होंने शिवसेना पर हमला किया था। इसके बाद पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निलंबित किया और बाद में निरुपम ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। निरुपम के इस्तीफे के बाद अब कई सवाल भी उठने लगे हैं।

जानकार कह रहे हैं कि आखिर कांग्रेस में कोई न कोई परेशानी तो है। एक तरफ कांग्रेस नए -नए लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम कर रही है और दूसरी तरफ वरिष्ठ नेता पार्टी से निकलते जा रहे हैं। इस चुनावी दौर में ही करीब दो दर्जन से ज्याद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीजेपी के साथ चले गए हैं। संजय निरूपण आगे कौन सा कदम उठाते हैं यह देखने की बात होगी लेकिन कांग्रेस से नेताओं का जाना इसी तरह से होता रहा तो कांग्रेस का खेल ख़राब होने से कौन रोक सकता है ?

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button