ट्रेंडिंगन्यूज़बड़ी खबर

Kim Jong-Un: दुनिया के सामने आते ही तानाशाह की बेटी ने मचाया हड़कंप, USA के लिए जान बचाना मुश्किल

इस बीच उत्तर-कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन (Kim Jong-Un) पहली बार सार्वजनिक तौर पर अपनी छोटी बेटी के साथ नजर आए हैं। किंम जोंग-उन दुनिया के उन चुनिंदा खुफिया देशों में से एक हैं जिनके नेता की निजी जिंदगी के बारे में बहुत कम ही जानकारियां सार्वजनिक तौर पर निकल कर आती हैं।

नई दिल्ली: दुनिया के सनकी नेता कहे जाने वाले किम जोंग-उन (Kim Jong-Un) ने उत्तर कोरिया के मिसाइल इतिहास में एक नई कड़ी जोड़ दी है। अक्सर मिसाइल टेस्ट करने और खुलेआम अमेरिका को मिसाइल अटैक की धमकी देने वाले नार्थ कोरिया ने दावा किया है कि उसने बीते शुक्रवार 16 नवबंर को इंटर-कॉंन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल, हॉसांग-17 का सफल परीक्षण किया है। इस बीच उत्तर-कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन (Kim Jong-Un) पहली बार सार्वजनिक तौर पर अपनी छोटी बेटी के साथ नजर आए हैं। किंम जोंग-उन दुनिया के उन चुनिंदा खुफिया देशों में से एक हैं जिनके नेता की निजी जिंदगी के बारे में बहुत कम ही जानकारियां सार्वजनिक तौर पर निकल कर आती हैं।

अमेरिका पर भारी पड़ेगा उत्तर कोरिया

उत्तर-कोरिया अक्सर ऐसे दावे करता रहा है और अक्सर विशेषज्ञ संदेह करते रहे हैं लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार उत्तर-कोरिया को सफलता मिली हैं क्योंकि वह लगातार मिसाइल परीक्षण करके सीखता रहता है। इस मिसाइल परीक्षण ने अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया की चिंताएं बढ़ा दी हैं क्योंकि यह मिसाइल उत्तर-कोरिया सीधे अमेरिका तक पहुंच मुहैया कराती है।

यह भी पढ़ें: Shraddha Murder Case: आज आरोपी आफताब का हो सकता है नार्को टेस्ट, उठ रही CBI जांच की भी मांग
इस बीच अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने कंबोडिया में जापानी समकक्षों के साथ राष्ट्रपति जो बाइडन के त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन में संयुक्त बयान जारी करते हुए उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण की कड़ी निंदा की और प्रतिरोध को मजबूत करने के लिए एक सात काम करने पर सहमति भी जताई। इसके साथ ही जो बाइडन ने दक्षिण कोरिया और जापान की परमाणु हथियारों सहित पूरी क्षमता के साथ रक्षा करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता की एक बार फिर से पुष्टि की।

मिसाइल है इनके लिए खतरनाक

बता दें कि अन्तर महाद्वीपीय प्राक्षेपिक प्रक्षेपास्त्र यानि इंटर-कॉंन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल एक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। यह एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम होती हैं। इन प्रक्षेपास्त्रों का उपयोगस मुख्यतः नाभिकीय युद्ध की स्थिति में किया जाता है क्योंकि एक देश से दूसरे देश तक कम से कम समय में नाभिकीय अस्त्र ले जाने में इन मिसाइलों को सबसे कम समय लगता है।
इस समय पाँचों नाभिकीय शक्ति सम्पन्न देश चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस और अमेरिका के पास यह मिसाइल तकनीक है। भारत भी इंटर-कॉंन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल पर तेजी से काम कर रहा है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ और एमडी अतुल दिनकर राने के एक बयान के मुताबिक भारत को लगभग अभी 8 से 10 साल तक इस तकनीक को हासिल करने में लग सकते हैं।

NEWS WATCH INDIA
Ashok Kumar

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button