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गाजा सीजफायर पर मोदी सरकार के स्टैंड से विपक्ष में हायतौबा, सरकार की नीति पर उठा डाले सवाल!

Israel Hamas Politics:भारत वो देश है, जो हमेशा दुनिया को शांति का संदेश देता है, जो अमन शांति में भरोसा रखता है। इसी कड़ी में आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में संघर्ष-विराम का आह्वान करने वाले प्रस्ताव से भारत ने दूरी बनाई है, जिस पर हिंदुस्तान में सियासी पारा हाई हो गया है। विपक्ष के तमाम नेता मोदी सरकार को घेरने में लग गए हैं और अपनी सियासी रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, AIMIM चीफ ओवैसी समेत तमाम नेताओं ने सरकार पर जमकर प्रहार किया। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत के इस कदम से स्तब्ध और शर्मिंदा हैं। विपक्ष ने जब सरकार पर जमकर हमला बोला तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भी आगे आना पड़ा और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने मोर्चा संभालते हुए विपक्ष को आडे हाथों लिया।

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भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर वार किया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को कलंक पसंद है। उन्होंने आगे कहा कि  ‘प्रियंका गांधी वोट के लिए क्या-क्या करोगे? हम फिलिस्तीन के अस्तित्व के लिए कल भी खड़े और आज भी खड़े हैं। लेकिन हमास जैसे आतंकवादी संगठन का पक्ष कांग्रेस ही ले सकती है सामान्य लोग तो नहीं ले सकते हैं।

दरअसल आपको बता दें कि प्रियंका गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया था, उन्होंने लिखा था कि “आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है” ~महात्मा गांधी

मैं स्तब्ध और शर्मिंदा हूं कि हमारे देश ने गाजा में युद्धविराम के लिए मतदान करने से परहेज किया है।हमारे देश की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी, जिन सिद्धांतों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया, ये सिद्धांत संविधान का आधार हैं जो हमारी राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हैं। वे भारत के नैतिक साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सदस्य के रूप में इसके कार्यों का मार्गदर्शन किया।जब मानवता के हर कानून को नष्ट कर दिया गया है, लाखों लोगों के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा आपूर्ति, संचार और बिजली काट दी गई है और फिलिस्तीन में हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को नष्ट किया जा रहा है, तो स्टैंड लेने से इंकार करना और चुपचाप देखना गलत है। एक राष्ट्र के रूप में हमारा देश अपने पूरे जीवन काल में उन सभी चीज़ों के लिए खड़ा रहा है जिनके लिए हमारा देश खड़ा रहा है।

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तो वहीं दूसरी ओर AIMIM चीफ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह चौंकाने वाला है नरेंद्र मोदी  सरकार ने इस पर रोक लगा दी,यूएन  मानवीय संघर्ष विराम और नागरिक जीवन की सुरक्षा के लिए संकल्प।इजराइल ने गाजा में 7028 लोगों की हत्या कर दी है. उनमें से 3000 से अधिक बच्चे और 1700 महिलाएं हैं। गाजा में कम से कम 45% आवास नष्ट हो गए हैं। 14 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। शांतिकाल में भी, गज़ावासियों को पूर्ण नाकाबंदी का सामना करना पड़ता है और उन्हें मानवीय सहायता पर निर्भर रहना पड़ता है। युद्ध शुरू होने के बाद से हालात और भी खराब हो गए हैं।

यह एक मानवीय मुद्दा है, राजनीतिक नहीं। प्रस्ताव पर रोक लगाकर, भारत वैश्विक दक्षिण, दक्षिण एशिया और ब्रिक्स में अकेला खड़ा है। नागरिक जीवन से जुड़े मुद्दे पर भारत ने परहेज क्यों किया? गाजा को सहायता भेजने के बाद परहेज क्यों? “एक विश्व एक परिवार” का क्या हुआ? और “विश्वगुरु”? नरेंद्र मोदी हमास के हमले की निंदा की लेकिन युद्धविराम की मांग करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन सकी। उन्होंने कुछ दिन पहले जॉर्डन के राजा से बात की थी, लेकिन जॉर्डन द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर उन्होंने रोक लगा दी थी। यह एक असंगत विदेश नीति है।

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