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Gautam Adani: गौतम अडानी लुढ़के सातवे स्थान पर, तीन दिनों में साढ़े चार लाख करोड़ की चपत

गौतम अडानी लुढ़के सातवे स्थान पर, तीन दिनों में साढ़े चार लाख करोड़ की चपत। अडानी (Gautam Adani) पिछले आठ सालों में आगे बढे और दुनिया के शिखर पर पहुँच गए। पिछले दिनों उन्होंने प्रायोजित तरीके से कई मीडिया संस्थानों को इंटरव्यू दिया था और अपनी सफलता का राज बताया था।

नियति को कौन जानता है ! यह नियति ही है जो इंसान को नीचे से ऊपर खड़ा कर देता है और फिर वह अपनी कामयाबी का डंका पीटता चलता है। यही वह नियति है जब किसी को नीचे गिराकर उसके सारे खेल को ख़त्म कर देता है। सच तो यही है कि समय के चक्र को कोई नहीं जनता। समय जब अनुकूल होता है तब एक मुर्ख भी ज्ञानी दीखता है। उसके हर चाल को दुनिया आदर्श मानती है लेकिन जब समय विपरीत होता है तो उसकी सारी कलई खुल जाती ही अडानी (Gautam Adani) के साथ अभी तीन दिनों में जो होता दिख रहा है उससे साफ़ है कि नियति के चक्र से कोई नहीं बच सकता।

अडानी (Gautam Adani) पिछले आठ सालों में आगे बढे और दुनिया के शिखर पर पहुँच गए। पिछले दिनों उन्होंने प्रायोजित तरीके से कई मीडिया संस्थानों को इंटरव्यू दिया था और अपनी सफलता का राज बताया था। लेकिन तब भी उनकी सफलता का राज संदेहास्पद की था। किसी को यकीन नहीं हुआ। आखिर ईमानदारी से कोई दुनिया का बादशाह कैसे बन सकता है ? कॉर्पोरेट की कहानी ही बेईमानी से शुरू होती है और बेईमानी पर ख़त्म। और जब किसी कॉर्पोरेट के साथ सत्ता का सहयोग हो तो फिर उसे आगे बढ़ने से कौन रोक सकता है ?

चौंकाने वाली खबर तो यही है कि जो व्यक्ति सप्ताह भर पहले अपनी महानता के गीत गए रहे हो मात्र एक झटके में जमीन पर खड़ा हो गया। यही सबसे बड़ा सवाल है। बीते तीन दिनों में अडानी (Gautam Adani) को चार लाख 20 हजार करोड़ की चपत लगी है। पहले वे दुनिया के सबसे अमीर तीसरे व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे अब सातवें स्थान पर आ गए हैं। अब यहां से आगे बढ़ना और भी मुश्किल है। खुद गौतम अडानी की संपत्ति साढ़े नौ लाख करोड़ से घटकर साढ़े सात लाख करोड़ पर आ गई है। यानि उनकी निजी संपत्ति करीब डेढ़ लाख करोड़ की कमी आयी है। यह कोई मामूली गिरावट नहीं है। कई लोग कह रहे हैं यह सब कोर्पोरेट घराने के बीच चल रहे द्वन्द की कहानी है। लेकिन इससे मोदी सर्कार को भी झटका लगा है। याद रहे अडानी पर देशी बैंको के करीब ढाई लाख करोड़ का कर्ज है और अब डर इस बात का है और अडानी ऐसे ही नीचे खिसकते चले गए तो देश को दिवालिया से कौन बचाएगा ? अडानी के साथ ही पिछले तीन दिनों में शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों की भी हालत ख़राब हो गई है। करीब दो लाख 75 हजार करोड़ रुपये निवेशकों के भी डूब गए हैं।

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दरअसल यह सारा खेल हाल में अमेरिकी वित्तीय रिसर्च कंपनी हिंडनवर्ग की एक रिपोर्ट सामने आने के बाद शुरू हुआ है। इस रिपोर्ट में अडानी की कंपनी को गलत तरीके से मार्किट में अपनी स्थिति मजबूत बनाये रखने की पोल पट्टी खोली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी (Gautam Adani) का कारोबार झूठ और ठगी पर आधारित है और शेल कंपनियों के जरिये अडानी के शेयर बढ़ते रहे हैं। रिपोर्ट में कई और तरह के आरोप लगाए गए हैं।सबसे ज्यादा परेशानी तो इस बात को लेकर है कि जिन सरकारी बैंको से कर्ज लेकर अडानी आगे बढ़ रहे हैं कही उस बैंक का पैसा डूब गया तो देश का क्या होगा। देश की इकॉनमी का क्या होगा ?

Akhilesh Akhil

Political Editor

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