आधा दर्जन से ऊपर घरों की दीवारों में अचानक आई दरार, लोगों में दहशत का माहौल..
UP News Mathura: मथुरा के चौमुहां कस्बा में आधा दर्जन से अधिक घरों की दीवारों में अचानक आई दरार को देखकर लोग भयभीत हैं। एक मकान दरार की वजह से भरभराकर गिर गया। गनीमत रही कि उस वक्त घर मे कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था। जिसके चलते कोई जनहानी नहीं हुई। लोगों ने बताया कि जुझार चौपाल के पास वर्षों पहले डाली गई पानी की पाइप लाइन में लीकेज होने के कारण जमीन धसने लगी है। जमीन धसने के कारण घरों के साथ-साथ सीसी सड़क में भी दरार आ गई है। लोगों का कहना था कि इस सम्बंध में कई बार नगर पंचायत प्रशासन से शिकायत की है लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। बुधवार को लोगों ने एसडीएम छाता को शिकायती पत्र देकर नुकसान की भरपाई कराए जाने की मांग की है।
कस्बा निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू,गिरधारी व गुड्डू ने बताया कि उनका दो मंजिल का मकान है। जमीन धसने के कारण उनके पूरे घर की दीवारों में दरार आ गई है। दीवारों में आई दरारों को देखकर वह भयभीत हैं। बताया कि दिन तो जैसे तैसे कट जाता है लेकिन रात के वक्त कही कोई अनहोनी न हो जाए इस लिए उन्हें रात भी जागकर काटनी पड़ती है। जीतू ने बताया कि उसने अभी नया घर बनवाया है जिसकी दीवारें दरार की वजह से फट गई हैं। मजबूरन उन्हें अपने परिवार के साथ उसी घर मे रहना पड़ रहा है। गोपीचंद ने बताया की वर्षों पहले नगर पंचायत द्वारा डाली गई पाइप लाइन में लीकेज होने के कारण घरों की दीवारों के साथ-साथ सड़क भी धसने लगी है। जुझार चौपाल पर बने शनिदेव मंदिर की दीवार दरार की वजह से फट गई है,तो वही मंदिर प्रांगण में भी काफी लंबी दरार आ गई है।
उन्होंने इसकी शिकायत कई बार नगर पंचायत प्रशासन से की है। शिकायत के बाद भी चौमुहां नगर पंचायत के किसी भी कर्मचारी ने घरों में आई दरार के कारणों को जानने की कोशिश तक नहीं की है। बुधवार एसडीएम छाता को शिकायती पत्र देकर घरों में हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग की है। धर्मो,महेश,मन्शो,सौदान,गुड्डी देवी व ऊषा देवी का कहना था कि घरों की दीवारों में आई दरार से उनका पूरा मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। वह क्षतिग्रस्त मकान में अपने परिवार के साथ रहने को मजबूर हैं। परिवार के लोगों के साथ कोई अनहोनी न हो जाए इसकी दिन रात चिंता लगी रहती है। पीड़ित लोगों ने जिलाधिकारी से सर्वे कराकर मुआवजा दिलाएं जाने की मांग की है। साथ ही चेतावनी है की यदि जल्द ही प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे।