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किसान आंदोलन का आज तीसरा दिन, सरकार से होगी बातचीत!

Delhi Farmer Protest: किसान आंदोलन का आज तीसरा दिन है, देश की राजधानी में संग्राम जारी है। किसान जमकर उत्पात मचा रहे हैं, शायद यही कारण है कि सरकार भी एक्शन मोड में नजर आ रही है। क्योंकि आज सरकार और किसानों के बीच में शाम 5 बजे बैठक होनी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर बैठक सफल रहती है तो फिर ये आंदोलन खत्म हो जाएगा।

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दरअसल आपको बता दें कि एक तरफ तो सरकार अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रही है, किसानों को मनाने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर आंदोलनकारियों ने आज से कई जगहों पर ट्रेन भी रोकने की चेतावनी दी है। अगर ऐसा हुआ तो सोचिए, कि आम आदमी की परेशानी कितनी बढ़ जाएगी।

बता दें कि आंदोलन की वजह से दिल्ली बॉर्डर पर अभी ही ये आलम है। ऐसे में आज से सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा भी शुरु हो रही है। अगर आज भी यही स्थिति रही तो भला उन छात्रों का क्या होगा, जिन्हें परीक्षा के साथ-साथ इस जाम की टेंशन भी झेलनी पड़ेगी।आंकड़ों के मुताबिक करीब 35 लाख छात्र 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा देंगे। ये परीक्षा 15 फरवरी से 20 फरवरी तक चलेगी। परीक्षा का वक्त सुबह 10.30 बजे से शुरू होगा।

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हालांकि बोर्ड की तरफ से एडवायजरी जारी की गई है कि आंदोलन की वजह से बंद रास्तों और ट्रैफिक की समस्या को देखते हुए परीक्षार्थी अपने घरों से जल्दी निकलें और मुमकिन हो तो एक्ज़ाम सेंटर पहुंचने के लिए मेट्रो का इस्तेमाल करें।मगर सवाल ये है कि उन परीक्षार्थियों का क्या होगा।जिनके घर मेट्रो रूट में नहीं पड़ते.. या फिर जिन्हें मेट्रो तक पहुंचने के लिए भी उन रास्तों से गुजरना पड़ता है, जहां आंदोलनकारी सुबह से ही हंगामा शुरू कर देते हैं।

दिल्ली के बॉर्डर पर जुटे आंदोलनकारियों को राजधानी की सीमा में घुसने से रोकने के लिए पुलिस को रास्ते बंद करने पड़े।  जिसकी वजह से घंटों तक गाड़ियों की लंबी कतार लगी रही।  नतीज़ा ये हुआ कि ज़रूरी सामान ले जाने वाले कई ट्रक दिल्ली पहुंच ही नहीं पाए। जिससे आम लोगों को परेशानी तो हो ही रही है.।देश और राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है.।

हरियाणा सरकार ने 15 जिलों में धारा 144 लागू लगाई हुई थी। जबकि कई जगह इंटरनेट सेवाएं भी बंद रहीं।वैसे नोएडा आने जाने वाले रास्तों पर भी हालात कोई जुदा नहीं थे। यहां भी रेंगती गाड़ियां बता रही थी कि ये का दिन भारी रहने वाला है।

क्या ये सच में किसान हैं?

जो तस्वीरें सामने आ रहीं हैं, उससे एक बात तो साफ है कि किसान कभी जवानों पर हमला नहीं कर सकता है, लेकिन तस्वीरें में ये प्रदर्शनकारी जवानों पर हमला भी कर रहे हैं और लाठियों से प्रहार भी कर रहे हैं। अब सवाल यही की आखिर कब तक ये हल्लाबोल चलता रहेगा और कब तक आम जनता इन प्रदर्शनकारियों की वजह से परेशान होती रहेगी। क्योंकि ये आंदोलन कहीं ना कहीं खालिस्तानी रूप लेता हुआ नजर आ रहा है।

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