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सुप्रीम कोर्ट का अब्दुल्ला आजम के फर्जी प्रमाण पत्र संबंधी याचिका पर सुनवाई से इंकार, कहा- सबूतों के आधार पर कोर्ट में ट्रायल आगे बढ़े

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यूपी के सपा नेता आजम खान को बड़ा झटका देते हुए कहा कि उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी प्रमाण पत्र संबंधी याचिका पर सुनवाई से साफ इंकार कर दिया। कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि आप 1933 की जन्म तिथि पर कई वर्ष जी लिये। आपको चुनाव लड़ना होगा और हो सकता है कि महकमें के किसी अधिकारी की मिली भगत हो। इसलिए सबूतों के आधार पर कोर्ट में ट्रायल की कार्रवाई आगे बढनी चाहिए।

यूपी के सपा नेता आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर उनके बेटे अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाणपत्र बनाने को लेकर निचली अदालत में हो रही सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। जबकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में आजम खान की ओर से पेश हुए अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट से सामने आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आज के दो जन्म प्रमाणपत्र बने होने की बात स्वीकार की थी। अब्दुल्ला का एक जन्म प्रमाणपत्र रामपुर व दूसरा लखनऊ से जारी किया गया था।

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इस संबंध में आजम खान की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आप और आपके बेटे के खिलाफ अदालत में आरोप तय किये जा चुके हैं और आप (आजम खान) और अब्दुल्ला जेल भी जा चुके हैं, फिर मामले का सबूतों के आधार पर एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई होने दीजिए।

बता दें कि इस मामले में रामपुर के भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने 3 जनवरी 2019 को रामपुर के गंज पुलिस स्टेशन में सपा नेता आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीम फातिमा के खिलाफ धारा 468 व 420 के तहत मामला दर्ज कराया था। सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम के दो जन्म-प्रमाण पत्र, दो पासपोर्ट औऱ दो पैन कोर्ड बनवाने का आरोप लगाया था। इस मामले में इन तीनों को गिरफ्तार करके जेल भी भेजा गया था।

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