ट्रेंडिंगन्यूज़

सप्ताह भर चले सियासी ड्रामे का पटाक्षेपः मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर सरकार गिरने की ‘कालिख’ से बच गये उद्धव ठाकरे

मुंबई: बुधवार की रात महाराष्ट्र में एक सप्ताह चले सियासी ड्रामे का पटाक्षेप जिस तरह से हुआ, वह अपेक्षित था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उस दिन ही अपनी सरकार जाना तय मान लिया था, जब उन्होंने मुख्यमंत्री का सरकारी आवास छोड़कर अपने निजी आवास ‘मातोश्री’ चले गये थे।

हालांकि शिवसेना ने आखिरी दम तक अपनी सरकार बचाये रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपनी पूरी कानूनी ताकत झोंकी, लेकिन बागी विधायकों के शिंदे गुट का पलड़ा वहां भी भारी पड़ा और उद्धव गुट हर मोर्चे पर विफल रहा। फ्लोर टेस्ट में महाराष्ट्र सरकार का गिरना तय था, इसलिए ने पहले की स्क्रिप्ट लिख रखी थी कि यदि सुप्रीम कोर्ट फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश देता है, तो वह फ्लोर टेस्ट का सामना करने से पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे, ताकि सरकार गिरने की ‘कालिख’ से बचा जा सके।

यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश देने के आधे घंटे बाद ही उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया था, इस कारण बृहस्पतिवार को 11 बजे महाराष्ट्र विधान सभा को विशेष सत्र, जो केवल बहुमत परीक्षण के लिए बुलाया गया था, स्थगित हो गया।

ये भी पढ़ें- राज्यपाल ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए विशेष सत्र बुलाया, उद्धव गुट फ्लोर टेस्ट पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

ढाई साल में ही उद्धव ठाकरे को सत्ता से दूर जाना इसलिए भी ज्यादा अखर रहा है, क्योंकि उनकी सरकार शिवसेना विधायकों के कारण गयी। यदि राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) और कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेकर सरकार गिरा देती तो शिवसेना को इतना राजनीति नुकसान नहीं होता। उद्धव गुट अपनी सरकार जाने से इतना दुखी नहीं है, जितना शिवसेना के दो फाड़ होने से है। महाराष्ट्र में शिंदे गुट में शामिल 39 शिवसेना विधायक उद्धव ठाकरे पर हर तरह से भारी पड़े और उन्होनें बाला साहेब का नाम लेना और हिन्दुत्व का राग अलापा नहीं छोड़ा, जिससे जनता में उनकी सकारात्मक छवि बनी।

शिवसेना और उद्धव ठाकरे की इस स्थिति के लिए काफी हद तक शिवसेना प्रवक्ता व सांसद संजय राउत भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। बागी विधायकों को राउत के धमकी भरे बयान देना, अपशब्दों का प्रयोग करना, पार्टी में खुद को सुप्रीम मानने के कारण अहंकारी सोच, आदि ऐसे कुछ बातें हैं, जिससे शिंदे गुट और उद्धव गुट में कटुता बढती गयी और बीजेपी के साथ मिलने से शिंदे गुट मजबूत होता गया और अब आने वाली सरकार और समय उनका ही है।

news watch india
Team News Watch India

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button