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SC on EVM-VVPAT Cross-Validation: ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट से निकलने वाली पर्ची से किया जाए मिलान

Every vote of EVM should be matched with the slip coming out of VVPAT

SC on EVM-VVPAT Cross-Validation: भारत का सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) उन याचिकाओं की एक श्रृंखला पर अपने फैसले की घोषणा करने के लिए तैयार है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (Electronic Voting Machines – EVM) का उपयोग करके वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रायल (Voter Verifiable Paper Audit Trial – VVPAT) पर्चियों के साथ डाले गए वोटों के पूर्ण क्रॉस-सत्यापन (Full Cross-Validation) की मांग की गई है, जबकि आज लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान है।

आज सुबह 10:30 बजे जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की दो जजों की बेंच फैसला सुनाया गया।

भारत के चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण के अनुरोध के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने पहले बुधवार 24 अप्रैल को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित (Reserve Judgment) रख लिया था। पीठ ने ईवीएम (EVM) से संबंधित कई जनहित याचिकाओं (Public Interest Litigation – PIL) पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें उनके कामकाज के संबंध में अनुचित संदेह के खिलाफ सलाह दी गई थी।

बुधवार 24 अप्रैल को सुनवाई के दौरान, पीठ ने ईवीएम (EVM) के बारे में विशिष्ट तकनीकी (Specific Technology) प्रश्न उठाए, विशेष रूप से उनके माइक्रोकंट्रोलर (Microcontroller) की पुन:प्रोग्रामेबिलिटी (Reprogrammability) के संबंध में। जवाब में, भारत के चुनाव आयोग (Election Commission) ने स्पष्ट किया कि ईवीएम (EVM) में माइक्रोकंट्रोलर (Microcontroller) एक बार प्रोग्राम करने योग्य हैं और विनिर्माण के बाद इन्हें बदला नहीं जा सकता है।

सुरक्षा उपायों (Safety Measures) के संदर्भ में, ईसीआई (Election Commission of India – ECI) ने कहा कि, किसी भी परिस्थिति में ईवीएम (EVM) के साथ छेड़छाड़ असंभव है। इसके अतिरिक्त, ईसीआई ने कहा कि वीवीपैट पर्चियों (VVPAT Slips) की पूरी गिनती करना व्यावहारिक रूप (Practical Form) से संभव नहीं है।

ईसीआई (ECI) ने कहा कि सीयू (CU), बीयू (BU) और वीवीपीएटी इकाइयों (VVPAT Units) में से प्रत्येक में अपने स्वयं के माइक्रोकंट्रोलर (Microcontroller) होते हैं, जो सुरक्षित रूप (Safe Form) से रखे जाते हैं, इन माइक्रोकंट्रोलर तक भौतिक पहुंच (Physical Access) प्रतिबंधित है।

वीवीपीएटी (VVPAT) एक ऐसा तंत्र है जो यह सुनिश्चित करता है कि मतदाताओं को दृश्य पुष्टि (Visual Confirmation to Voters) दी जाए कि उनका वोट डाला गया है। वीवीपैट मशीन (VVPAT Machine) पर 7 सेकंड के लिए उम्मीदवार के सीरियल नंबर (Serial Number), नाम (Name) और पार्टी के प्रतीक (Party Symbols) के साथ कागज की पर्चियां (Slips of Paper) दिखाई देती हैं ताकि मतदाता अपने वोट को सत्यापित कर सकें।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms – ADR) और कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल (Arun Kumar Agarwal) द्वारा दायर एक याचिका में सभी वीवीपैट पर्चियों (VVPAT Slips) की गिनती की मांग की गई है।

पहली बार 2014 में पेश की गई, वीवीपीएटी प्रणाली (VVPAT System) का परीक्षण उस वर्ष के आम चुनावों (General Elections) में किया गया था, इस प्रणाली का 2017 के गोवा विधानसभा चुनावों (Goa Assembly Elections) में व्यापक उपयोग देखा गया था। 2019 के आम चुनावों में सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों में वीवीपीएटी-ईवीएम कॉम्बो (VVPAT-EVM Combo) का इस्तेमाल किया गया था।

Chanchal Gole

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