उत्तर प्रदेशट्रेंडिंगन्यूज़राजनीतिराज्य-शहर

रामपुर सीट से फिर चुनाव लड़ सकती है बेगम नूरबानो ,सपा और कांग्रेस में बढ़ेगी तल्खी !

UP Rampur News in Hindi रामपुर समाचार ! NWI

रामपुर समाचार (Rampur Samachar)! क्या सपा और कांग्रेस में फिर तल्खी बढ़ेगी ? यह सवाल यूपी की राजनीतिक हलकों में तैर रहा रहा है। कहा तो यहाँ तक जा रहा है कि जिस तरह से रामपुर सीट से नवाब खानदान की बहु नूर बानो ने फिर से चुनाव लड़ने की बात कही है उससे इंडिया गठबंधन के बीच रार मचने की सम्भावना है। नूरबानो करीब दस सालों से चुनावी राजनीति से दूर थी लेकिन अब वह फिर से राजनीति में कदम रखने का ऐलान किया है। जानकार कह रहे हैं कि अगर नूरबानो फिर से सियासी खेल में उतरती है तो सपा और कांग्रेस के बीच की दूरियां और भी बढ़ सकती है।


दरअसल यूपी की रामपुर सीट से पहले दो बार कांग्रेस की टिकट पर नूरबानो चुनाव लड़ चुकी है और जीत भी चुकी है। इसके बाद यह सीट सपा के पास चली गई थी। आजम खान यहाँ से चुनाव लड़ते थे और इस सीट की पहचान आजम खान के नाम जुड़ गया था। लेकिन अब फिर से नूरबानो यहाँ से चुनाव लड़ने का ैराडा रख रही है। बीते गुरूवार को नूरबानो ने कांग्रेस के साथ बैठक की है और कहा है कि वह अगला लोकसभा चुनाव लड़ेगी।


नूरबानो की घोषणा के बाद सपा और कांग्रेस के बीच दरार पीड़ा हो सकती है। इस बात को सियासी जानकार भी मान रहे हैं। सपा तो वैसे भी मध्यप्रदेश चुनाव से ही कांग्रेस से खफा है। सपा वहां इंडिया गठबंधन से मिलकर पांच सीटों की मांग कर रही थी लेकिन कमलनाथ ने सपा को टिकट नहीं दिया और इसके साथ ही अखिलेश यादव के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का भी प्रयोग किया था। चुनाव परिणाम हालांकि कांग्रेस के खिलाफ गए और कांग्रेस की हार हो गई लेकिन अखिलेश के मन में कांग्रेस के खिलाफ विचार तैयार हो गया। अखिलेश यादव ने कांग्रेस को झूठी पार्टी तक कह दिया था।


अब नूरबानो के ऐलान के बाद रामपुर सीट पर भी खेल हो सकता है। हालांकि अभी तक कांग्रेस ने इस पर कुछ भी नहीं कहा है लेकिन जानकार मान रहे हैं कि अगर नूरबानो यहाँ से चुनावी मैदान में उअतरती है तो रामपुर सीट का चुनाव दिलचस्प होगा और इंडिया गठबंधन में दरार पड़ना निश्चित है।


पिछले लोकसभ चुनाव में सपा बसपा गठबंधन में यह सीट सपा के कहते में गई थी और सपा को यहाँ से जीत हासिल हुई थी। 1999 के बाद कांग्रेस यहाँ से चुनाव नहीं जीत पायी है। ऐसे में अब नूरबानो यहाँ से चुनाव लड़ती है सपा और कांग्रेस के बीच मतभेद हो सकता है और इसका असर इंडिया गठबंधन पर पड़ेगा।


नूरबानो 1996 में पहली बार राजनीति में उत्तरी थी और रामपुर सीट से चुनाव लड़ी थी और जीत भी गई थी। हालांकि 1998 के चुनाव में नूरबानो बीजेपी के मुख्तार अब्बास नकवी से चुनाव हार गई थी। लेकिन 1999 में जब चुनाव हुए तो नूरबानो को फिर से यहाँ से जीत मिली थी।


रामपुर सीट से 2004 में जयाप्रदा चुनाव लड़ी थी लेकिन वह हार गई थी। नूरबानो की जीत हुई थी। लेकिन 2009 के चुनाव में जयप्रदा ने नूरबानो को हरा दिया था। बता दें कि नूरबानो के पति जुल्फेकार अली खान कांग्रेस से पांच बार रामपुर के सांसद रहे। हालांकि नूरबानो इस बार कहाँ से चुनाव लड़ेगी अभी यह साफ़ नहीं हुआ है। कहा जा रहा है कि अगर रामपुर से उसे टिकट नहीं मिलता है तो वह दूसरी जगह भी चुनाव लड़ सकती है। लेकिन जानकार यह भी कह रहे हैं कि यूपी में कौन कहाँ से लड़ेगा इसका फैसला सपा को करना है। अगर िन्दी गठबंधन को एक साथ आगे बढ़ना है तो सपा की बात यूपी में माननी पड़ेगी । सपा के खिलाफ अगर कांग्रेस जाती है तो इंडिया गठबंधन को भी हानि होगी और यूपी में कांग्रेस की परेशानी होगी।

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button