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कौन हैं हीरालाल सामरिया जो बने मुख्य सूचना आयुक्त ?

Chief Information Commissioner: देश को नया मुख्य सूचना आयुक्त आज मिल गया। आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मुर्मू ने नए मुख्या सूचना आयुक्त हीरालाल सामरिया को शपथ दिलाई है। इस सादे समारोह में उपराष्ट्रपति धनकड़ के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल थे।
जहाँ तक सामरिया के बारे में जानकारी है उसके मुताबिक वे राजस्थान से आते हैं और दलित समुदाय के हैं। देश को पहली बार कोई दलित मुख्य सूचना आयुक्त मिला है। ये राजस्थान के भरतपुर से आते हैं। इनकी पढाई लिखाई सिविल इंजिनियर की रही है। सामरिया ने सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। सामरिया श्रम और रोजगार मंत्रालय में सचिव और रसायन और उर्वरक मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं। यह भी बता दें कि सामरिया तेलंगाना कैडर के अधिकारी हैं। ये 1985 बैच के हैं। 7 नवम्बर 2020 को सामरिया को सूचना आयुक्त बनाया गया था। सामरिया तेलंगाना में रहते हुए करीमनगर और गुंटूर के कलेक्टर भी रह चुके हैं।

सामरिया आँध्रप्रदेश में परिवहन विभाग के आयुक्त भी रह चुके हैं।

माना जा रहा है कि सामरिया को मुख्य सूचना आयुक्त बनाकर केंद्र सरकार ने दलित कार्ड को खेला है। केंद्र सरकार के इस फैसले का लाभ बीजेपी को तेलंगाना और राजस्थान के चुनाव में हो सकता है। फिर आगामी लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को लाभ मिल सकता है।

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बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सुचना आयोग और राज्य सूचना आयोग में रिक्त पदों को जल्द भरने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि अगर इन पदों को जल्द नहीं भर गया तो सूचना के अधिकार का कानून निष्प्रभावी हो सकता है। ऐसे में जल्द इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है। कोर्ट ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को यह भी कहा था कि जिन राज्यों में और केंद्र में आयुक्तों की कमी है या पद रिक्त पड़े हुए हैं उसकी जानकारी जल्द ली जाए ताकि उसे भरा जा सके।

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सामरिया के मुख्य सूचना आयुक्त बनने के बाद अब केंद्र में सूचना आयुक्तों के आठ पद खाली पड़े हुए हैं। आयोग में इस समय मात्र दो आयुक्त ही है जिससे मामले की सुनवाई नहीं होपा रही है। इसी तरह के कई राज्यों के भी आयोग निष्क्रिय पड़े हुए हैं। झारखंड में तो पूरा सूचना आयोग ही बंद पड़ा हुआ है। वहां कोई भी आयुक्त नहीं है। इसी तरह से देश के कई राज्यों का भी यही हाल है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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