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चुनाव आते ही कांग्रेस को महादेव की आई याद, क्या चुनावों में होगा बेडापार ?

Bhoopesh Baghel Latest News: कांग्रेस के साथ इन दिनों महादेव का गहरा कनेक्शन बना हुआ है। चुनावी माहौल में जहां छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ महादेव का जुड़ना जहां मुसीबत का सबब बना हुआ है तो वहीं राहुल गांधी महादेव की शरण में केदारनाथ पहुंचे हुए हैं। सवाल उठता है कि बाबा केदारनाथ तो चलिए फिर भी राहुल गांधी को आशीर्वाद दे देंगे लेकिन दुबई वाले महादेव से भूपेश बघेल को कौन बचाएगा। उपर से बड़ा सवाल ये भी है कि आखिर राहुल गांधी को महादेव की याद चुनावों में ही क्यों आती है। बाकी वक्त में उन्हीं के साथी जब सनातन को उल्टा सीधा बोलते हैं तो राहुल गांधी खामोश क्यों हो जाते हैं।


कांग्रेस का ‘महादेव’ कनेक्शन, छत्तीसगढ़ में ‘महादेव’ पर घिरे बघेल!


दरअसल आपको बता दें कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले महादेव यूं लगता है कि कांग्रेस की कुंडली में बैठ गये है। छत्तीसगढ़ में जहां भूपेश बघेल महादेव ऐप में कमीशनखोरी को लेकर घिरे हुए हैं तो ऐन वक्त पर राहुल गांधी महादेव के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे हैं। हर चुनाव की तरह इस बार भी राहुल गांधी की शिवभक्ति सबके सामने है। ये और बात है कि बाबा केदारनाथ के दरबार में जाते ही राहुल को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब उनके सामने ही श्रद्धालुओं ने मोदी मोदी के नारे लगा दिए। वैसे चुनाव पहले राहुल गांधी की धार्मिक यात्रा नयी नहीं है।

इससे पहले भी हर चुनाव से पहले राहुल गांधी मंदिरों में घूमते हुए पाए गए हैं

बता दें कि 2014 के चुनाव में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर दर्शन किए थे, 2017 गुजरात विधानसभा चुनाव में भी सोमनाथ बाबा के दरबार पहुंचे थे। साथ ही 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया। साल 2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उज्जैन के दर्शन किए। इस बार भी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव का प्रचार शुरू प्रियंका गांधी ने नर्मदा पूजन से किया।
ऐसे में अब एक बार फिर राहुल गांधी ने साफ्ट हिंदुत्व का इशारा देने की कोशिश की है। सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी की इस कोशिश का क्या वाकई कांग्रेस को फायदा मिलेगा वो भी तब जब विपक्षी गठबंधन के नेताओं में सनातन को गाली देने की होड़ सी मची है।

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इस होड़ में समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य सबसे आगे हैं। डीएमके चीफ स्टालिन के बेटे सनातन की तुलना डेंगू और कोरोना वायरस से कर चुके हैं। साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के बेटे सनातन को बीमारी बता चुके हैं। इन तमाम बयानों पर राहुल गांधी चुप रहे। ना तो विरोध किया ना ही ऐसे बयान ना देने की नसीहत दी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मौसमी सनातनी बनने से क्या कांग्रेस को कोई सियासी फायदा मिल पाएगा। जाहिर है महादेव इन दिनों कांग्रेस के लिए अहम मुद्दा है। फिर वो चाहे छत्तीसगढ़ वाले हों या केदारनाथ वाले। केदारनाथ वाले महादेव तो खैर भोले भाले हैं हो सकता है कि राहुल को आशीर्वाद दे भी दें। लेकिन छत्तीसगढ़ में महादेव का जो प्रकोप बरपा है उससे कांग्रेस को कौन बचाएगा। विधानसभा चुनावों की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है वैसे वैसे ही सियासी दलों में चर्चाएं गर्म होने लगी है। विपक्ष के नेताओं की लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। चाहे वो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हों या फिर आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही क्यों ना हो, लगातार विपक्षी नेताओं की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब ऐसे में सवाल यही है कि आगामी विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों में किसको फायदा हो पाता है।

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