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विवाह पंचमी पर शादी करना क्यों माना जाता हैं अशुभ, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

Vivah Panchami Kab Hai: विवाह पंचमी 17 दिसंबर को मनाई जाएगी। इस दिन व्रत रखा जाता है और पूजापाठ की जाती है, लेकिन इस दिन किसी की शादी करना अशुभ माना जाता है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं और देखते हैं विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त और महत्व , पूजाविधि।

विवाह पंचमी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को कहते हैं। इस दिन विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है और इस दिन विवाह करना या फिर शादी तय करना अशुभ मानते हैं। इस साल 17 दिसंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी। इस शुभ तिथि को माता सीता और भगवान राम के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में भव्य आयोजन होते हैं और लोग घरों में पूजापाठ करते हैं, लेकिन इस दिन शादी विवाह का कोई कार्य नहीं होता है। आइए आपको बताते हैं विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि, साथ ही यह भी जानिए कि इस दिन क्यों नहीं होती हैं शादियां।

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विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त

विवाह पंचमी (Vivah Panchami 2023) का व्रत और पूजा 17 दिसंबर को होगी। विवाह पंचमी (Vivah Panchami 2023)की तिथि का आरंभ 16 दिसंबर को शाम 8 बजे से होगा और इसका समापन 17 दिसंबर की शाम को 5 बजकर 33 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि की मान्यता के अनुसार विवाह पंचमी का व्रत 17 दिसंबर को रखा जाएगा।

विवाह पंचमी का महत्वा

मान्यता है कि विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और सीता जी का विवाह हुआ था। इस दिन अयोध्या नगरी में कई स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रम होते हैं और इस दिन लोग विवाह के गीत गाकर खुशियां मनाते हैं। यह भी कहा जाता है कि इसी दिन के तुलसी दास जी ने रामचरितमानस की रचना पूर्ण की थी। मान्यता है कि इस दिन पति और पत्नी को मिलकर राम सीता की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से दांपत्यि जीवन खुशहाल होता है और वैवाहिक जीवन में कभी कोई अड़चन नहीं आती।

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विवाह पंचमी पर शादी करना क्यों होता हैं अशुभ

भगवान राम और सीता की जोड़ी को वैसे तो आदर्श जोड़ी माना जाता है और विवाहित जोड़ियों को उनके जैसा होने का आशीर्वाद दिया जाता है। लेकिन ऐसी मान्यता है पुत्री के माता-पिता इस दिन अपनी बेटियों की शादी करना शुभ नहीं मानते। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विवाह करने के बाद भगवान राम और सीता माता के जीवन में ढेरों कष्ट आए और उन्हें 14 वर्ष का जीवन वन में बिताना पड़ा था। इस कारण से इस दिन बेटियों की शादी नहीं की जाती है।

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विवाह पंचमी की पूजाविधि

विवाह पंचमी के दिन सुबह जल्दी स्नान करके लकड़ी की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान राम और सीता माती की तस्वी‍र स्था़पित करें और उन्हें पीली माला पहनाएं। उसके बाद विधि विधान से पूजा करें और आरती करके भोग लगाएं। कुंवारी कन्याएं इस दिन अच्छा वर पाने के लिए ऊं जानकी वल्लभाय नमः मंत्र का 108 बार जप करें। इस दिन भूलकर भी घर में मांसाहार न बनाएं।

Prachi Chaudhary

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