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ज्ञानवापी केस में आज आएगा फैसला… ASI ने पहले कर दिया ये बड़ा अनुरोध

Gyanvapi Case: वाराणसी कोर्ट आज ज्ञानवापी मस्जिद (Mosque)सर्वे की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने पर अपना फैसला सुनाएगी। बुधवार को सुनवाई के दौरान फैसले को सुरक्षित रखा गया था। ASI की तरफ से 18 दिसंबर को सील कवर में ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट पेश की गई थी। इसके बाद कोर्ट में हिंदू पक्ष की तरफ से रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने की मांग की गई है।
ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट पक्षकारों को दिए जाने के मसले पर बुधवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान ASI ने इलाहाबाद Highcourt द्वारा दिए गए आदेश का हवाला देते हुए 4 सप्‍ताह तक रिपोर्ट सार्वजनिक न करने की अर्जी दी। जिला जज मसले पर 4 जनवरी यानि आज गुरुवार को फैसला सुनाएंगे। ASI ने 18 दिसंबर को सील कवर में सर्वे रिपोर्ट जिला जज की अदालत में दाखिल की थी। हिंदू पक्ष ने रिपोर्ट की कॉपी मांगी थी। वहीं, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी का कहना था कि रिपोर्ट सार्वजनिक न करने का शपथपत्र देने पर ही किसी को रिपोर्ट दी जाए। इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में 90 दिनों तक हुए ASI के सर्वे की रिपोर्ट पक्षकारों को दिए जाने पर बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान ASI ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से दिए गए आदेश का हवाला देते हुए 4 हफ्ते तक रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने की अर्जी दी।


Varanasi court ने पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया। आदेश के लिए कोर्ट ने 4 जनवरी यानि आज गुरुवार की तिथि तय की है। ASI ने बीते साल 18 दिसंबर को सील कवर में सर्वे रिपोर्ट जिला जज की कोर्ट में दाखिल की थी। हिंदू पक्ष की तरफ से रिपोर्ट की कॉपी देने का अनुरोध किया गया था। जबकि ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद समिती की तरफ से अर्जी दी गई थी कि रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने का शपथपत्र देने पर ही किसी को भी रिपोर्ट दी जाए। पक्षों की अर्जियों पर गुरुवार को सुनवाई होगी। इस बीच अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी ने अर्जी देकर supreme court के आदेश से सील ज्ञानवापी के वजुखाने की सफाई कराने की अनुमति (Permission) मांगी है।

आज अहम निर्णय

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने वाराणसी की अदालत से ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) परिसर के सर्वेक्षण की अपनी रिपोर्ट को कम से कम चार और हफ्तों तक सार्वजनिक नहीं करने का बुधवार को आग्रह किया। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि वाराणसी की जिला अदालत के न्यायाधीश ए. के. विश्वेश ने मामले को बृहस्पतिवार तक के लिए टाल दिया। मोहन यादव के मुताबिक, ASI ने सीलबंद सर्वेक्षण रिपोर्ट खोलने से पहले अदालत से 4 सप्ताह का और समय मांगा है।


इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court )ने पिछले साल 19 दिसंबर को वाराणसी (Varanasi) में ज्ञानवापी मस्जिद की मौजूदगी वाली जगह पर कथित मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग संबंधी मुकदमे की पोषणीयता को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्षों की कई याचिकाओं को खारिज कर दिया था। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि वर्ष 1991 का पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम किसी प्रार्थना गृह के धार्मिक चरित्र को परिभाषित नहीं करता है। इसे केवल विरोधी पक्षों की ओर से कोर्ट में प्रस्तुत साक्ष्य के माध्यम से निर्धारित किया जा सकता है।

हाई कोर्ट ने दिया है आदेश

इलाहाबाद High court ने निचली कोर्ट को इस मामले को 6 महीने के अंदर निपटाने के निर्देश देते हुए कहा था कि यदि जरूरी हो तो निचली कोर्ट ASI को आगे के सर्वेक्षण के लिए निर्देश दे सकती है। जिला अदालत के 21 जुलाई 2023 के आदेश के बाद ASI ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था। इसका उद्देश्य यह पता लगाना था कि 17 वीं शताब्दी में बनी ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं।
वजूखाने की सफाई पर भी फैसला

जिला अदालत में बुधवार को सुनवाई के दौरान हिन्दू पक्ष ने कहा कि मस्जिद के ‘वजूखाने’ की सफाई के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी जाए, क्योंकि वहां कई मछलियां मर गई हैं। मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ‘वजूखाना’ हमारी संपत्ति है। इसे साफ करने की जिम्मेदारी उसे ही दी जानी चाहिए। वहीं, हिंदू पक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वजूखाना सील हुआ है। ऐसे में सफाई कोर्ट कराए या फिर प्रशासन। गुरुवार को इस मामले में भी फैसला आएगा।

Prachi Chaudhary

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