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INDIA allaince Update loksabha Election 2024: यूपी से लेकर महाराष्ट्र तक I.N.D.I.A. में दरार!

INDIA allaince Update loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है, सियासी दल अपने अपने उम्मीदवारों का भी ऐलान कर रहे हैं। लेकिन इंडिया गठबंधन में लगातार दरार पड़ती जा रही है। बीजेपी भले ही 400 पार का नारा दे रही हो, लेकिन बीजेपी के नेताओं को भी भलीभांति तरीके से पता है कि ये काम उतना आसान है नहीं, जितना बीजेपी के नेता समझ रहे हैं।

एक ओर बीजेपी जीत की हुंकार भर रही है। तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी नेता अपने गढ़ में भी हारते हुए नजर आ रहे हैं। रामपुर को समाजवादी पार्टी का किला कहा जाता है, लेकिन इस किले में भी समाजवादी पार्टी के नेता आपस में टकरा रहे हैं। जिसका खामियाजा समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनावों में जरूर चुकाना पड़ेगा।

I.N.D.I.A. गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस आपसी झगड़ों और सहयोगियों के दबाव के आगे परेशानी में पड़ गई है। महाराष्ट्र से बिहार तक सीट बंटवारे ने कांग्रेस की नींद उड़ा दी है। स्थानीय नेता सीधे हाईकमान को ललकार रहे हैं और महाराष्ट्र में तो गठबंधन तोड़ने तक की मांग होने लगी है। ऐसे में गठबंधन का भविष्य क्या होगा इस पर सवाल उठने लगे हैं। सहयोगियों के संकट के बीच कर्नाटक से भी कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बजने लगी है। तीन राज्यों में कैसे कांग्रेस उलझी हुई है

उत्तर प्रदेश की मुस्लिम बहुल दो सीटों पर समाजवादी पार्टी का आपसी झगड़ा अखिलेश यादव के लिए सिरदर्द बन गया है।जेल में बंद आजम खान के गढ़ रहे रामपुर में समाजवादी पार्टी के 3 उम्मीदवारों ने नामांकन कराया है। जबकि मुरादाबाद में अखिलेश की पार्टी के 2 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया।मुरादाबाद से मौजूदा सांसद एसटी हसन पहले ही नामांकन करा चुके थे और आज रुचि वीरा ने पर्चा दाखिल कर समाजवादी पार्टी में नया दंगल शुरू कर दिया। दिन पर चले सियासी ड्रामे और कन्फ्यूजन का खात्मा सूरज ढलने से पहले-पहले हो गया। एसटी हसन ने पार्टी का फैसला मानने की बातकर अखिलेश को कुछ राहत दी।मुरादाबाद की तरह ही रामपुर में भी समाजवादी पार्टी आपसी घमासान का शिकार है।

रामपुर से मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी, आजम के करीबी आसिम रजा के साथ ही अब्दुल सलाम ने भी नामांकन किया है।अब्दुल सलाम को तो आखिरी मौके पर चुनाव लड़ने की याद आई और नामांकन के लिए वो दौड़ते भागते नज़र आए।नामांकन के बाद हर कोई खुद को उम्मीदवार बता रहा है। आसिम रजा भले ही ना घबरा रहे हों लेकिन पहले चरण के चुनाव को लेकर जिस तरह समाजवादी पार्टी आपस में लड़ रही है उससे इतना तो साफ है कि मौजूदा लीडरशिप के लिए सबकुछ सही करना इतना आसान नहीं होने वाला।

बहरहाल, देखने वाली बात ये होगी कि समाजवादी पार्टी में दरार कब थमेगी, क्योंकि अगर इसी तरीके से समाजवादी पार्टी में दरार पड़ती गई तो फिर बीजेपी के लिए जीत की राह आसान हो जाएगी। बिहार में भी कांग्रेस और RJD में तकरार की खबरें सामने आ रही है। हालांकि इंडिया गठबंधन से विपक्षी नेता लगातार GOOD BYE कह रहे हैं।

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