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राकेश टिकैत ने सरकार को दी धमकी, कहा अगर किसानों की मांगों को नहीं माना तो फिर होगा….!

Behind Reason farmer protest highights | Kisan andolan Reason

Delhi Farmer Protest: अब किसान आंदोलन (Farmer Protest)  कर रहे हों और राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) की एंट्री ना हो….ऐसा कैसे हो सकता है। जी हां देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में किसानों का हल्लाबोल जारी है। किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन का आज छठा दिन है। शंभू बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं और सरकार पर दवाब डालने की कोशिश लगातार कर रहे हैं।

दरअसल आपको बता दें कि आज किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों की आज शाम 6 बजे चंडीगढ़ में चौथी बैठक होनी है। अब बैठक में नतीजा क्या निकल पाता है ये तो कोई नहीं बता सकता है। क्योंकि किसान और सरकार दोनों ही एक दूसरे की सुनने को तैयार नहीं है। सरकार ये कहती है कि किसानों की 13 में से 10 मांगों को मान लिया गया है। तो वहीं दूसरी ओर किसान सरकार के दावों को झूठा कह रहे हैं। साथ ही किसानों का ये कहना है कि सरकार को हमारी सभी मांगों को मानना पड़ेगा, अगर ऐसा नहीं होता है तो ये आंदोलन  (Farmer Protest) चलता ही रहेगा।

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करे कोई भरे कोई…

आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी करे कोई भरे कोई….जी हां जिसका अर्थ ये होता है कि कांड कोई और करे और सजा किसी और को भुगतनी पड़े। किसान आंदोलन  (Farmer Protest) में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। किसान लगातार आंदोलन (Farmer Protest)  कर रहे हैं। सरकार पर दवाब बनाने की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में प्रशासन की ओर से हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी बढ़ा दी गई है। जिससे की छात्रों, युवाओं को काफी नुकसान हो रहा है। क्योंकि परीक्षाओं का समय चल रहा है अब ऐसे में अगर नेट ही नहीं मिल पाएगा तो फिर छात्र पढ़ कैसे पाएगा। लेकिन किसानों को तो किसी की फिक्र नहीं…उनको तो बस अपना फायदा दिख रहा है।

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हरियाणा के 7 जिलों में अब 19 फरवरी रात 12 बजे तक इंटरनेट पर पाबंदी रहेगी। तो वहीं दूसरी ओर अपने आप को किसानों का मसीहा कहने वाले राकेश टिकैत की भी एंट्री हो गई है।दरअसल आपको बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार किसानों की बात को नहीं मानती है तो फइर 26 और 27 फरवरी को हरिद्वार-गाजियाबाद हाईवे पर ट्रैक्टर लगाकर प्रदर्शन करेंगे। हालांकि आज किसानों और सरकार के बीच में बातचीत होनी है….लेकिन फिर भी किसान नेता लगातार सरकार को धमकी दे रहे हैं।

क्या हिंसा से निकल पाएगा कोई हल?

हिंसा से कभी भी किसी लड़ाई का समाधान नहीं निकल पाया है। किसान  (Farmer Protest) लगातार सड़कों पर बैठे हुए तो हैं, लेकिन सवाल यही कि आंदोलन को आखिरकार राजनीतिक हवा क्यों मिल रही है। आखिर क्यों किसान सिर्फ अपना ही फायदा देख रहे हैं। आखिर क्यों किसानों को सिर्फ अपना ही लोन माफ कराने ही पड़ी है। आखिर क्यों हर साल किसान आंदोलन पर बैठ जाते हैं….जिससे की आम जनता को काफी समस्याओं को सामना करना पड़ता है।

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