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Newborn sleeping too much : पैदा होने के बाद क्या दिन भर सोता है नवजात शिशु, ज्यादा सोना खतरे की घंटी, जान लें कारण

Newborn sleeping too much: शिशु के स्लीप के बाद अक्सर माताएं चैन की सांस लेती हैं मगर आपको बता दें कि कई बार बच्चा जरूरत से अधिक नींद भी ले लेता है।
पेरेंट बनने के बाद कपल्स की सबसे बड़ी शिकायत यही होती है कि बच्चा होने के बाद उनकी चैन की नींद छूट गई है। रात को कभी बच्चे‍ को दूध पिलाने के लिए उठना पड़ता है तो कभी उसकी नैपी बदलने के लिए। इसी चक्कर में नवजात शिशु के पेरेंट्स की नींद पूरी नहीं हो पाती है।
जन्म के बाद कुछ महीनों तक बच्चे का स्लीकपिंग पैटर्न नहीं बना होता है और कभी-कभी बच्चेड ज्या दा नींद ले लेते हैं। ऐसे में पेरेंट्स सोचते हैं कि बच्चे के सेाने पर वो भी झपकी ले लें। हालांकि, कुछ मामलों में बच्चे। का
ज्यादा स्लीप चिंता का कारण बन सकता है।

नवजात शिशु को कितनी नींद चाहिए

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, वैसे-वैसे उसकी नींद की जरूरत भी बदलती रहती है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के मुताबिक नवजात शिशु से लेकर 12 महीने तक के बच्चे को 12 से 16 घंटे की नींद दिन में चाहिए होती है। वहीं 1 से 2 साल के बच्चे को दिन में 11 से 14 घंटे की नींद लेनी होती है।

आमतौर पर नवजात शिशु दिन में 3 से 4 घंटे के गैप में 30 से 45 मिनट सोते है और एक वर्ष के होने पर वो रात को देर तक सोना शुरू कर देते हैं।

क्या ज्यादा सो सकते हैं बच्चे।

जी हां, शिशु ज्यादा नींद ले सकता है। यदि आपका बच्चा 1 या 2 घंटे ज्यादा सोता है तो ये नॉर्मल बात है। हालांकि, 3 से 4 घंटे ज्यादा सोना चिंता का विषय है।

बीमार होने या थकान में 4 से 6 महीने के शिशु 1 या 2 घंटा कभी-कभी ज्यादा सो सकते हैं लेकिन अगर बच्चा पूरे दिन में 20 से 22 घंटा अधिक सोता है और दूध पीने तक के लिए नहीं जागता है तो यह फीर्क की बात है।
शिशु के ज्यादा सोने का कारण
बच्चे के अधिक नींद लेने की कई वजह हो सकती हैं, जैसे कि :
वैक्सीन लगवाने के बाद बच्चों को ज्यारदा नींद आती है। इम्यूनाइजेशन दिन में करवाने से बच्चे को दिन में ज्यादा नींद आ सकती है।


बाकी दिनों के मुकाबलो में किसी दिन अधिक एक्टिव रहने पर बच्चा थकान से सो सकता है।
पीलिया के गंभीर होने पर भी बच्चेक को सुस्ती महसूस हो सकती है। अमेरिकन प्रेग्नेंससी एसोसिएशन के मुताबिक गंभीर पीलिया की स्थिति में शिशु को दूध पीने में दिक्कत और बहुत सुस्ती आती है।
इंफेक्शन या लो ब्लेड शुगर की वजह से थकान, सुस्ती और आलस महसूस हो सकता है। अगर आपके बच्चे् को दूध पीने के लिए भी उठने में दिक्कत हो रही है तो आप इसे नजरअंदाज न करें।

क्या करें

अगर आपका बच्चा दूध पीने के लिए भी नींद से नहीं जागता है तो उसके गालों को प्यार से सहलाते हुए उसे उठाएं। शिशु को जगाने के लिए उसकी हथेलियों और तलवों पर भी हाथ रगड़ सकती हैं।

यदि बच्चा दूध पीना शुरू करने के कुछ मिनट बाद ही सो जाता है तो उसे ब्रेस्ट से हटाकर पहले जगाएं और फिर दूध पिलाएं। आप बच्चे को नींद से जगाने के लिए ठंडे और साफ कपड़े को उसके चेहरे पर भी लगा सकती हैं।

6 महीने और इससे अधिक उम्र के बच्चे को खिलौनों या अन्य किसी तरह से उलझा कर रखें और नींद होने के वक्त तक उसे सोने ना दें। स्लीपिंग पैटने बनाने के लिए आपको बच्चे को दिन में एक्टिव (active) रखना होगा।

Prachi Chaudhary

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