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बिहार के मिथिलांचल और सीमांचल को आज साधेंगे अमित शाह !

Bihar political News: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज बिहार दौरे पर जा रहे हैं। बिहार में उनका यह इस साल का छठा दौरा है। बिहार से बीजेपी को उम्मीद भी है और नीतीश कुमार को चुनौती भी देनी है। जबसे नीतीश कुमार एनडीए से बाहर होकर विपक्ष एकता के साथ खड़े हुए हैं बीजेपी की मुश्किलें बढ़ी हुई है और और वह गुस्से में भी है। करीब 20 सालो तक बिहार में जदयू के साथ सरकार चलाने वाली बीजेपी अब कह रही है कि बिहार में जंगलराज है। यह जंगलराज क्या होता है अगर इसको परिभाषित किया जाए तो कहा जा सकता है कि इस शब् के जरिये बिहार को अपमानित ही किया जाता है। बीजेपी से पूछा जाना चाहिए कि उसके जंगलराज का कांसेप्ट क्या है ? और अगर आज जंगल राज है तो जब दो साल पहले तक उनकी सरकार थी तब क्या था ? अगर इसका जवाब उनके पास है तो सिलसिलेवार तरीके से फिर बिहार की कलई को खोला जा सकता है। फिर बीजेपी से यह भी पूछा जाना चाहिए कि मणिपुर से लेकर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और में कौन सा राज है जहां आये दिन वह सारे काम हो रहे हैं जिसकी कल्पना किसी भी नागरिक समाज में नहीं की जा सकती। क्या गुजरात में जंगलराज नहीं है ? या फिर फिर सब कुछ मैनेज किया गया है ?

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खैर बिहार में बीजेपी अपनी मजबूती के प्रयास में हैं। बीजेपी को लग रहा है कि बिहार को अगर साध लिया गया तो आगामी लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार और राजद को चुनौती दी जा सकती है। बिहार का माहौल अभी तक ऐसा रहा है कि जब दो पार्टी आपस में मिल जाती है तो सत्ता के सभी समीकरण बदल जायते हैं। जदयू जब तक बीजेपी के साथ ही तब तक बिहार में राजद का खेल बंद था। और जैसे ही जदयू और राजद का गठबंधन बना बीजेपी हासिये पर चली गई। ऐसा ही माहौल।
इस बार बिहार से अधिक सीटें जीतने की को। पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए को 40 में से 39 सीटें जीत मिल गई थी। एक सीट कांग्रेस को मिली थी। लेकिन अब से अलग हो चुकी है। फिर बीजेपी के खिलाफ इंडिया तैयारी है। इस गठबंधन का एक मात्र उदेश्य बीजेपी को पराजित करना है और सत्ता से बीजेपी को हटाना है। इधर बीजेपी को यह भी दिखाना है है कि जदयू के जाने पर कोई है। एनडीए पहले से ज्यादा मजबूत है। लेकिन सच तो यही है कि बीजेपी के चुनौती है। जातीय अब के सम्मिलित खेल के पास नहीं। यूपी की तरह बिहार में धार्मिक उन्माद भी बहुत कम ह देखने को मिलता है। पूरा खेल जातीय समीकरण का है।
ऐसे माहौल में अमित शाह के सामने बड़ी चुनौती है। सबसे बड़ी चुनौती तो यही है कि मिथिलांचल और सीमांचल में कैसे वोट बैंक को स्थिर रखा जाए। कैसे अपने पक्ष में किया जाए। मिथिलांचल का इलाका हालांकि बीजेपी के पक्ष में ही रहा है। इस इलाके से पांच लोकसभा क्षेत्र आते हैं। बीजेपी की नजर भी इन्ही सीटों पर है। मधुबनी के झंझारपुर में आज शाह की सभा है और कोशिश हो रही है कि पाँचों लोकसभा के लोग शाह की सभा में पहुंचे। कहा जा रहा है कि आज की लोग शाह को सुनने पहुंचेंगे। लेकिन यह भी बता दें कि बिहार के शाह पहुँच रहे हैं वह बाढ़ ग्रसित इलाका भी। लोगों को जो भी सुविधाएं आज मिल सब राज्य सरकार की तरफ से ही। लेकिन शाह आज कहते हैं इस पर सबकी नजर है। कहा जा रहा है कि शाह आज की सभा में नीतीश और राजद के गठबंधन पर है,ला कर सकते हैं।

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केंद्रीय गृह मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर कार्यक्रम से पहले लिखा- “ज्ञान और परिश्रम की भूमि बिहार में आज हर जगह सिर्फ जंगलराज है. प्रदेश में बेहतर विकास और सुरक्षा केवल भाजपा सरकार से ही संभव है. बिहार के प्रवास पर मिथिलांचल के झंझारपुर लोकसभा में जनसभा को संबोधित करूंगा. देश की सीमाओं को दिन-रात सुरक्षित कर रहे जवानों की सुविधा के लिए मोदी सरकार निरंतर काम कर रही है. कल अररिया (बिहार) में एलपीएआई के जोगबनी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर और बथनाहा में एसएसबी के नवनिर्मित आवासीय भवनों का उद्घाटन करूंगा.”
जाहिर है शाह आज बिहार में बहुत कुछ बोल सकते हैं। मकसद एक ही है कि कैसे अपने पक्ष में लोगों को किया जाए। उधर झंझारपुर के बाद शाह फिर अररिया के जोगबनी भी जायेंगे। जोगबनी में इंटिग्रेटेटेड चेक पोस्ट पर निर्मित आवासीय भवनों का उद्घाटन करेंगे और पार्टी कार्यकर्ताओं को भी सम्बोधित करेंगे। खबर है कि सीमांचल के इस इलाके से भी बीजेपी को आस है। आज बड़ी संख्या में बीजेपी के लोग और कार्यकर्ता भी जोगबानी में पहुँच रहे हैं। वहां भी शाह कोई बड़ी बात कह सकते हैं।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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