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भाजपा रामपुर से, तो सपा-रालोद खतौली से जीती, सपा की डिंपल यादव मैनपुरी से 2.88 लाख वोटों से जीतीं

नई दिल्ली/ लखनऊ। वर्ष 2022 में हुए यूपी के अंतिम उपचुनाव में सपा ने अपनी रामपुर सदर विधानसभा सीट गंवा दी।  तो भाजपा खतौली विधानसभा सीट को खो बैठी। लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी लोस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। यहां से सपा की डिंपल यादव 2 लाख 88 हजार 461 मतों से जीतीं।

इस चुनाव में भाजपा व समाजवादी पार्टी को कोई विशेष लाभ नहीं हुआ। लेकिन रालोद को जरुर फायदा हुआ है। सपा से गठबंधन के चलते उपचुनाव में उसकी झोली में आ गयी और रालोद विधायकों की संख्या में वृद्धि हो गयी। सपा-रालोद गठबंधन ने यह सीट सत्तारुढ दल से छीनी है।

उपचुनाव में बीजेपी को कोई बड़ा कमाल नहीं कर सकी। वह खतौली (मुजफ्फरनगर) विधानसभा सीट गंवा बैठी। दरअसल भाजपा प्रत्याशी राजकुमार सैनी राजनीति में सक्रिय नहीं थी। पति के बाद पत्नी को ही प्रत्याशी बनाकर परिवार का राजनीति कद बढावा काफी लोगों ने राजकुमारी को सहयोग नहीं किया। इससे बीजेेपी की हार हुई।

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वर्ष 2022 में हुए अंतिम उपचुनाव में बीजेपी- सपा कोई फायदा नहीं हुआ। बीजेपी ने जहां रामपुर सीट सपा से छीनी। रामपुर में बीजेपी ने चार दशक बाद रामपुर सदर विधायक सीट पर जीत दर्ज करायी। यहां से बीजेपी प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने सपा प्रत्याशी आसिम रजा को हरा दिया। रामपुर विधानसभा सीट से आजम खां सपा से आठ बार विधायक रह चुके हैं। आसिम रजा उन्हीं के नजदीकी हैं, जिन्हें हार का मुंह देखना पड़ा है।

वहीं भाजपा से रालोद ने खतौली विधानसभा सीट छीन ली। इस सीट पर रालोद प्रत्याशी मदन भैया ने भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी सैनी को हराकर जीत हासिल की। इस तरह भाजपा के विधानसभा में अपने विधायकों की संख्या तो कम नहीं हुई, लेकिन खतौली की सीट गंवाने से स्थानीय कार्यकर्ताओं को मनोबल कमजोर जरुर हुआ है।

यूपी में दो विधानसभा सीट और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था। इनमें सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट से सपा की डिंपल यादव भारी मतों से विजयी रहीं। उन्होने बीजेपी प्रत्याशी रघुराज शाक्य को 2 लाख 88 हजार 461 मतों से हराकर बंपर जीत दर्ज करायी।

बता दें कि रामपुर (सदर) से समाजवादी पार्टी के आजम खान विधायक थे। एक आपराधिक मामले में कोर्ट से तीन साल की सजा होने पर उनकी विधान सभा सदस्यता रद्द हो गयी थी। उन्होने अपने नजदीकी आसिम रजा को सपा के टिकट पर चुनाव लड़वाया था। लेकिन आसिम रजा को सफलता नहीं मिली।

उधर खतौली (मुजफ्फरनगर) के बीजेपी विधायक विक्रम सैनी की भी विधानसभा सदस्यता कोर्ट के दोषी करार देने पर रद्द हुई  थी। सैनी को भी एक मामले में सजा सुनायी गयी थी। उपचुनाव में बीजेपी ने विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को टिकट दिया था। भाजपा प्रत्याशी राजुकमारी सैनी के सपा-रालोद गठबंधन से रालोद प्रत्याशी मदन भैया थे। मदन भैया चुनाव जीतने में कामयाब रहे।  

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