ट्रेंडिंगन्यूज़बड़ी खबर

SC पहुंचे देवकीनंदन ठाकुर: कहा- 9 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक, उनके लिए खोलना चाहता हूं स्कूल

नई दिल्ली: वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक और नई जनहित याचिका दायर करके राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 की धारा 2 (सी) की वैधता को चुनौती दी है। यह नई याचिका सुप्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने दायर की है।

ठाकुर जी महाराज द्वारा दायर की गयी इस याचिका में कहा गया है कि भारयीय संविधान का अनुच्छेद 29-30 के तहत राज्य में बहुसंख्यक समुदाय को मिला उनका अधिकार के अवैध रूप से छीना जा रहा है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि केंद्र ने उन्हें एनसीएम (राष्ट्रीय अल्प संख्यक आयोग) अधिनियम के तहत ‘अल्पसंख्यक’ अधिसूचित नहीं किया है। यहूदी, बहावाद और हिंदू धर्म के अनुयायियों को उनकी पसंद के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन के उनके मूल अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।

इस याचिका में कहा गया है कि टीएमए पाई केस, (2002) 8 एस सी सी 481] में फैसले के बाद कानूनी स्थिति बहुत स्पष्ट है कि भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति निर्धारित करने की इकाई राज्य होगी। याचिका में ये भी बताया गया है कि वास्तविक अल्पसंख्यकों को अल्पसंख्यक अधिकारों से वंचित करना और पूर्ण बहुमत के लिए अल्पसंख्यक लाभों की मनमानी और अनुचित वितरण, धर्म जाति, जाति लिंग और जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव के निषेध के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है।

जानिए कौन हैं देवकीनंदन ठाकुर, जो कर रहे हैं एससी-एसटी एक्ट का जोरदार विरोध  | know about Devkinandan Thakur mathura sc ST act protest - Hindi Oneindia
देवकीनंदन ठाकुर

देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज का कहना है कि अनुच्छेद 15 में सार्वजनिक रोजगार से संबंधित मामलों में अवसर की समानता के अधिकार को कम करता है, [अनुच्छेद 16] अंतःकरण की स्वतंत्रता और धर्म को स्वतंत्र रूप से मानने और प्रचार करने के अधिकार का हनन करता है और [अनुच्छेद 25]।

ये भी पढ़े- लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने अब मांगा गुरुग्राम के स्कूल संचालक से फिरौती, कहा- रकम दो वरना मार देंगे

याचिकाकर्ता ने मांग की है कि एक समुदाय को ‘अल्पसंख्यक’ के रूप में अधिसूचित करने के उद्देश्य से, केंद्र को एनसीएम अधिनियम के एस 2 (सी) और एस 2 (एफ) के तहत अधिसूचित होने के लिए एक विशेष समुदाय के दावे पर विचार करने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका जल्द ही सुनवाई होने का उम्मीद है।

news watch india
Team News Watch India

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button