ट्रेंडिंग

ब्रिक्स से लेकर इसरो तक प्रधानमंत्री मोदी का दिखा इकबाल !

Brics Summit2023: ब्रिक्स की बैठक में भी प्रधानमंत्री मोदी का इकबाल बुलंद रहा और फिर इसरो ने जो कमाल किया प्रधानमंत्री मोदी का इकबार दुनिया में और भी बढ़ गया। गिरस गए तो वहां भी देश का मान बढ़ाया और फिर जब भारत लौटकर इसरो गए तो चाँद पर भारत के नाम का ही डंका बजा दिया। मोदी ने चाँद पर जहाँ लैंडर उतरा है उस जगह का नाम शिवशक्ति रखा है। जहाँ चंद्रयान 2 उतरा था उस जगह का नाम तिरंगा रखा और फिर 23 अगस्त को स्पेस दिवस माने का ऐलान भी किया गया। यह देश के लिए गौरव की बात है। आइये जानते हैं देश की प्रगति और प्रधानमंत्री मोदी के काल की कुछ कहानी।

Also Read: Latest Hindi News Today | Breaking Hindi News
राजनीतिक रूप से दुनिया का कौन सा नेता जनता के बीच सबसे ज्यादा चर्चित है या फिर जनता के बीच पैठ है इसका आंकलन पिछले दिनों किया गया था। भारत के प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले पायदान पर पाए गए थे। उनके सामने दुनिया का कोई भी नेता नहीं टिक सका। हालांकि यह सत्य नहीं है कि पीएम मोदी महान नेता है और उनके सामने दुनिया का कोई नेता नहीं टिकता। दुनिया के सामने भारत की स्थिति भी एक विकासशील देश की है। सच ये भी है कि इस देश की 30 करोड़ से ज्यादा जनता आज भी गरीबी रेखा से नीचे हैं और मौजूदा सच को मान लिया जाए तो देश की 80 करोड़ जनता पांच किलो अनाज पर जीने -मरने को बेताब है या अभिशप्त भी। सरकार का दावा है कि वह देश के 80 करोड़ लोगों को पांच किलो अनाज फ्री में देलकर ज़िंदा किये हुए है यानी अगर ये अनाज बंद कर दिए जाए तो इस 80 करोड़ लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। दूसरा सच ये है कि भारत का मान मर्यादा दुनिया में बढ़ा है और भारत अब कई मामलों में आत्मनिर्भर होता गया है। वैसे भारत तो कई 80 के दशक में ही आत्म निर्भर हो गया था। अगर हरित क्रांति नहीं आती तो देश का कबाड़ा हो गया होता। आज देश जहां भी दिख रहा है उसके मूल में किसानो की हरित क्रांति है। इसी हरित क्रांति ने देश के कई क्षेत्रों को भी आगे बढ़ाने में मदद की है। जब तक पेट नहीं भरता तब तक कोई आगे नहीं बढ़ सकता। जो देश आज भी अनाज की आयत करता है उसका क्या हाल होता है ,पकिस्तान इसका बड़ा उदहारण है।

Read More: Breaking Hindi Samachar Today| Latest Hindi Khabar
देश की प्रगति की कहानी तो 90 के दशक में ही शुरू हो गई थी। 90 के बाद देश ने जितनी उपलब्धि पाई है आज तक देखने को नहीं मिलता। चर्चा का विषय यह नहीं है कि तब किसकी सरकार थी और कौन प्रधानमंत्री थे। लेकिन 90 के बाद भारत की हालत काफ सुधरी और भारत दुनिया के मंच पर एक मजबूत देश बनकर उभरा। इसके पीसी की कहानी को सामने रखा जाए।तो आजादी के बाद देश को आगे बढ़ाने में जो निर्णय देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने लिए वह भी कम चकित करने वाला नहीं था। यह नेहरू ही थे जो जान गए थे कि मनुष्य की पहली जरूरत है भोजन है और फिर इसके लिए उन्होंने प्रथम योजना की जो परिकल्पना की वह कृषि पर ही आधारित थी। प्रथम पांच वर्षीय योजना कृषि को लक्ष्य करके तैयार किया गया और इसके बाद देश के खेतों की जो हालत सुधरी उसे पढ़ने की जरूरत है। दूसरी पंच वर्षीय योजना उद्योग को आधार करके तैयार की गई। यह वह समय था जब देश में बड़े स्तर कई बड़े उद्योग खड़े किये गए , बड़े -बड़े संस्थान खड़े किये गए। कई वैज्ञानिक संस्थान बनाये गए। बड़े -बड़े वैज्ञानिक संस्थान इसरो जैसे संस्थान ,विश्वविद्यालय ,आईआईटी ,आईआईएम जैसे संस्थान खोले गए। बड़े -नदी बाँध की नीव डाली गई। चौथी पंच वर्षीय योजना आते -आते गरीब और भुखमरी के शिकार भारत देश की हालत बदल गई थी।
इसके बाद लालबहादुर शास्त्री जी ने जो कुछ किया यह सब इतिहास के पन्नो में दर्ज है। लेकिन इंदिरा गाँधी ने राजनीति को भी बदला और देश की तक़दीर को भी बदला। बैंको का राष्ट्रीयकरण कोई मामूली बात नहीं थी। लेकिन आज बैंकों की जो हालत उसके लिए सिर्फ इंदिरा गाँधी को ही नमन करने की जरूरत है। आज रूस समेत दुनिया के तमाम देशों से भारत के जो दोस्ताना सम्बन्ध है वह सब आज के नहीं नेहरू से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी के जमाने के सरोकार से ही सफल हुए हैं।
पिछले 9 साल में देश ने कई प्रगति के राह को खोले हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कई क्षेत्रों में अपनी स्थति को मजबूत किया है और विश्व मंच पर भारत की स्थति को गरिमामय भी किया है। इधर इन दस सालों में भारत की राजनीति भी बदली है लेकिन भारत की विकास यात्रा भी काफी कुछ सफल हुआ है। इंदिरा के जमाने का आत्मनिर्भर भारत आज मोदी के जमाने में कुलांचे मार रहा है। इसरो का गठन तो नेहरू ने किया था। इसरो ने कई कारनामे किये हैं। इसरो की बड़ी -बड़ी उपलब्धि इतिहास के पन्नो में दर्ज है। लेकिन मौजूदा इसरो ने जो कर दिखाया है वह हर भारत वादी के सिर को ऊंचा कर दिया है। जाहिर है अभी देश के प्रधानमंत्री मोदी हैं और जाहिर है कि देश में अभी जो भी अच्छा या बुरा होगा नाम तो पीएम का ही होगा। मणिपुर मसले पर पीएम की ही बदनामी दुनिया में हुई है तो इसरो की सफलता भी पीएम के नाम से ही दर्ज हो रहा है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button