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तेल कीमतों पर G7 और रुस आमने सामने, तेल कंपनियां कूट रहीं है भारी मुनाफा

कच्चे तेल की कीमतों को लेकर G7 देशों के शेयर बाजार ब्रोकरों के इंश्योरेंस पर असर पड़ रहा है । G7 देशों के कैप को दरकिनार करते हुए रुस एशियाई देशों को G7 के कैप 60 डॉलर प्रति बैरल से उपर की कीमत पर तेल का निर्यात कर रहा है जिसमें भारत भी शामिल

नई दिल्ली: वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल (G7) के दामों में रिकॉर्ड गिरावट के बावजूद तेल कंपनियां पेट्रोलियम उत्पादों के दामों में कटौती नहीं कर रही हैं । मार्केट एक्सपर्ट्स आकाश जिंदल के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतें 76.80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई हैं जो पिछले 9 महीनों में रिकॉर्ड गिरावट है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 14 रुपये तक की गिरावट कर सकती है लेकिन वे ऐसा नहीं कर रही हैं।

कच्चे तेल पर रुस ने दे डाली चेतावनी

कच्चे तेल में गिरावट को देखते हुए रुस ने शुक्रवार को तेल उत्पादन में कटौती की है । तेल कीमतों को लेकर प्रतिस्पर्धा इस लिए भी बनी हुई है की रुस के राष्ट्रपति ने चेतावनी देते हुए कहा है की G7 समिट में भाग लेने वाले देशों को रुस कच्चा तेल नहीं देगा । G7 देशों ने रुस के कच्चे तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल का कैप लगा दिया है जिसका मतलब है की अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में रुस इस कीमत से ज्यादा पर कच्चा तेल नहीं बेच सकता। कच्चे तेल की कीमतों पर रुस के राष्ट्रपति के रुख से आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमतों पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है।

G7 के देशों के शेयरों पर पड़ रहा असर

कच्चे तेल की कीमतों को लेकर G7 देशों के शेयर बाजार ब्रोकरों के इंश्योरेंस पर असर पड़ रहा है । G7 देशों के कैप को दरकिनार करते हुए रुस एशियाई देशों को G7 के कैप 60 डॉलर प्रति बैरल से उपर की कीमत पर तेल का निर्यात कर रहा है जिसमें भारत भी शामिल है। रुस द्वारा तेल एशियाई देशों को बेचे जाने से न सिर्फ उसका विदेशी मुद्रा भण्डार बढ़ रहा है बल्कि कई एशियाई देश उसके समर्थन में आ रहे हैं ।

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चीन पहले ही G7 की अनदेखी करते हुए रुस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल आयात कर रहा है । रुस की तेल कीमतों का असर दिसंबर के शुरुआती सप्ताह से ही देखने को मिल रहा है । रुस ने साफ किया है की जो भी देश तेल कीमतों में G7 के कैप को मानेगा वह उसे कच्चे तेल का निर्यात नहीं करेगा । रुस के रुख से कच्चे तेल की कीमतों में अगले कुछ दिनों में और गिरावट आ सकती है । भारत बड़ी तादात में कच्चा तेल ईरान और रुस से ले रहा है जिससे भारत की तेल कंपनियों को भारी मुनाफा हो रहा है लेकिन बावजूद इसके वे कीमतों में कटौती नहीं कर रही हैं ।

प्रेम उपाध्याय

Pramod Sharma

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