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गूगल तेरा वादा हुआ फेल! क्यों नही आया फोन में भूकंप अलर्ट?

Google Earthquake Alert Feature Check How To Work: गूगल भूकंप अलर्ट फीचर (Google Earthquake Alert Feature) का उपयोग अब भूकंप आने पर मोबाइल यूजर्स को अलर्ट करने के लिए किया जा रहा है। यह फीचर अधिकतम तीव्रता वाले भूकंप पर काम करेगा। पुराने फोनों और एंड्रॉइड 5 और उससे ऊपर के वर्जन के फोनों पर यह फीचर काम करेगा। फीचर को ऑन करने के लिए, फोन की सेटिंग्स में जाकर सेफ्टी और इमरजेंसी सेक्शन में जाना होगा। फिर भूकंप अलर्ट फीचर (Google Earthquake Alert Feature) को ऑन करना होगा।

उत्तर भारत (uttar Pradesh) इन दिनों भूकंप (Google Earthquake Alert Feature) के झटकों का सामना कर रहा है। इस बीच भूकंप आने पर गूगल का अलर्ट नहीं आया, जिसकी वजह से यूजर्स से सवाल कर रहे हैं कि आखिर क्या हुआ तेरा वादा? दरअसल कुछ वक्त पहले गूगल ने ऐलान किया था कि उसकी तरफ से भूकंप अलर्ट फीचर (Google Earthquake Alert Feature) को रोलआउट किया जा रहा है। यह फीचर भूकंप आने पर मोबाइल फोन के जरिए यूजर्स को अलर्ट करेगा, लेकिन भूकंप (Google Earthquake Alert Feature) आने वाले क्यों यूजर्स के फोन में गूगल अलर्ट नहीं आया? ऐसे जानने का प्रयास करते हैं कि अलर्ट क्यों नहीं आया?

पुराने फोन में काम नहीं करेगा फीचर

अगर आपके पास पुराना फोन मौजूद है, तो उस पर गूगल भूकंप अलर्ट फीचर (Google Earthquake Alert Feature) काम नहीं करेगा। गूगल की मानें, तो फीचर एंड्रॉइड 5 ऑपरेटिंग सिस्टम और उसके बाद के वर्जन पर भी काम करेगा। ऐसे में अगर आपके पास पुराना फोन मौजूद है, तो आपके पास अलर्ट नहीं आएगा।

कम तीव्रता के earthquake पर नहीं आएगा अलर्ट

google का भूकंप अलर्ट फीचर (Google Earthquake Alert Feature) उस समय काम करेगा, जब अधिक तीव्रता का भूकंप आएगा। गूगल की मुताबिक, तो 3 से 4 तीव्रता वाले भूकंप आने पर गूगल मोबाइल यूजर्स (Google Earthquake Alert Feature) को अलर्ट भेजेगा। इसके बाद दूसरा अलर्ट 4.5 या उससे अधिक की तीव्रता के भूकंप आने पर भेजा जाएगा।

कैसे ऑन करें फीचर
सबसे पहले फोन Setting में जाएं।


इसके बाद Safety & Emergency section में जाना होगा।
फिर आपको Earthquake पर click करना होगा।
यदि Safety & Emergency फीचर न दिखे, तो advanced और फिर Earthquake पर टैप करना होगा।
इसके बाद भूकंप alert feature को ऑन करना होगा।

क्यों आते हैं भूकंप

धरती के भीतर टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से ऊर्जा बाहर की ओर निकलती है और जो उथल-पुथल पैदा होती है वह भूकंप के रूप में हमारे सामने आती है। नेपाल में बार-बार भूकंप आने और दिल्ली तक महसूस होने की भी वजह है। नेपाल दुनिया के उन सबसे खतरनाक क्षेत्र में शामिल है, जहां टेक्टोनिक प्लेटें सबसे ज्यादा एक्टिव मोड में हैं। उसका असर उत्तर भारत तक होता है क्योंकि वह उससे जुड़ा है।

अगर 6 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप आता है तो बड़े नुकसान की आशंका रहती है। इसमें इमारतें गिर सकती हैं। नींव दरक सकती है और नुकसान हो सकता है। 7-8 की तीव्रता का भूकंप बेहद विनाशकारी होता है।

Prachi Chaudhary

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