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Akhilesh Yadav पर शिवपाल का तंज, कहा- कई बार धोखा दिया, अब नहीं करेंगे सपा से गठबंधन

प्रयागराज। प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने एक बार फिर अपने भतीजे सपा  प्रमुख (SP Chief) अखिलेश यादव पर तंज करते नजर आये। उन्होने कहा कि अखिलेश यादव अपने संगठन को नहीं संभाल पाए। उन्होंने हमें कई बार धोखा दिया है। वे अब सपा से कोई समझौता करेंगे।

सपा विधायक व प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव का कहना है कि वर्ष 2024 में मुझे सरकार में ही रहना है। इसके लिए वे अपनी पार्टी का किसी से दल से गठबंधन जरुर करेंगे, लेकिन सपा से नहीं करेंगे। सपा प्रुमख की नेतृत्व क्षमता पर सवार उठाते हुए कहा कि अखिलेश यादव अपने संगठन को मजबूत नहीं कर पाये। यही वजह है कि विधान सभा चुनाव में प्रदेश के 75 जिलों में संगठन ही नहीं था।

शिवपाल ने भाजपा के साथ जाने के सवाल पर बस इतना ही कहा कि समय आने पर सब बता दिया जाएगा। उन्होने फिलहाल अपने आगामी राजनीतिक पत्ते नहीं खोले हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव इन दिनों वैसे भी अलग-थगल पड़े हुए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान अखिलेश से खुश नहीं हैं। आजम ने सार्वजिनक रुप से तो किसी मंच पर अखिलेश यादव से अपनी कटुता जाहिर नहीं की, लेकिन उनके विधायक बेटे अब्दुला और आजम खां के नजदीकी नेता कई बार अखिलेश पर निशाना साध चुके हैं।

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सपा समर्थक मुस्लिमों (Muslim Suporters)  का अखिलेश यादव पर भरोसा कम होता जा रहा है और अखिलेश द्वारा आजम खान की उपेक्षा से आहतित होकर सपा से दूरियां बनानी शुरु कर दी हैं। उधर सपा से जुड़े यादवों को एक बड़ा खेमा भी अखिलेश यादव से नाराज है और इस खेमे के लोग अखिलेश को छोड़कर तेजी से उनके चाचा शिवपाल यादव के साथ जा रहे हैं। शिवपाल यादव ने यादव बिरादरी के प्रदेश के सभी प्रभावी और वरिष्ठ को खुद से जोड़ने के लिए यदुकुल पुनर्जागरण मिशन की शुरुआत की है। इसमें दर्जन भर से अधिक पूर्व मंत्री, विधायक, सांसद आदि जुड़े हैं। इससे शिवपाल की यादव बाहुल्य क्षेत्र में पकड़ मजबूत हो रही है, जिससे स्वतः ही सपा कमजोर हो रही है।

अखिलेश यादव परिवार को एकजुट करने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखती। यदि वे चाहते तो शिवपाल यादव को साथ लेकर परिवार और सपा को मजबूत कर सकते थे, लेकिन उन्होने ऐसा नहीं किया। इधर शिवपाल अनुभवी नेता हैं और प्रदेश की जनता और राजनीतिक हवा का रुख देखकर वे योगी सरकार से तालमेल बनाये रखने के साथ ही अपने लिए मजबूत राजनीतिक जमीन तलाशने में जुटे हैं, जबकि अखिलेश यादव सोशल मीडिया पर ही बयानबाजी करके 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सक्रियता दिखा रहे हैं।

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Team News Watch India

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