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Cloud Brust: आखिर क्यों मानसूनी बदलाव के साथ बार- बार फटते हैं बादल, जानें क्या है वजह?

नई दिल्ली: मानसून शुरु हो गया है और इस मौसम में उत्तराखंड में बादल फटने  (Cloud Brust) की घटनाएं अक्सर सामने आती है. यहां लगातार देवीय आपदा का प्रकोप बना रहता है. बीते कुछ वर्षों की बात करें तो बादल फटने (Cloud Brust) की घटनाएं भी बढ़ गई हैं. पहाड़ों पर बसे पिथौरागढ़ जिले में बादल फटने (Cloud Brust) से भारी तबाही मची है.

बादल फटने (Cloud Brust) से एक गांव पूरी तरह से तबाह हो गया है. इस हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 11 लोग को लापता बताया जा रहा है. उत्तराखंड में भी बुधवार तड़के हुई बारिश से उत्तरकाशी और टिहरी में भूस्खलन की घटनाएं सामने आई है. वहीं बदरीनाथ, केदारनाथ और यमुनोत्री हाईवे भी मलबा आने से अवरुद्ध हो गए. वहीं बुधवार को हिमाचल के कुल्लु में भी बादल फटने की खबर सामने आ रही है. जिसमें करीब 6 लोग लापता बताए जा रहे है.

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राहत और बचाव कार्य जारी है. पड़ोसी देश नेपाल में भी बादल फटने (Cloud Brust) से काली नदी में अचानक से बाढ़ आ गई. पानी का बहाव इतना तेज था कि कई घर नदी में समा गए.

शुक्रवार रात 1 बजे हुआ हादसा

शुक्रवार रात को भारत-नेपाल सीमा पर आफत की बारिश हुई. रात लगभग एक बजे के आसपास नेपाल के लास्कु के पास बादल फटने (Cloud Brust) से लास्कु नाले ने विकराल रूप ले लिया. नाले के साथ आए मलबे से काली नदी का प्रवाह प्रभावित हो गया. खोतिला व्यासनगर के पास काली नदी में लगभग 2 किमी लंबी झील बनने से खोतिला के नदी किनारे स्थित व्यासनगर के 50 से अधिक मकान जलभराव हो गए.

कब फटते हैं बादल?

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बादल फटना (Cloud Brust) साधारणतय: गरज के साथ होता है. जब काफी नमी वाले बादल एक जगह ठहर जाते है, तभी बादल फटने (Cloud Brust) की घटना होती है. वहां मौजूद पानी की बूंदे आपस में मिल जाती है. जिनके भार से बादल का घनत्व बढ़ जाता है और तेज बारिश शुरु हो जाती है.  

आखिर क्या होता है बादल फटना?

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, एक साथ एक जगह पर बहुत अधिक बारिश हो जाना बादल फटना (Cloud Brust)  कहलाता है. यदि किसी जगह एक घंटे के दौरान 10 सेमी यानी 100 मिमी से ज्यादा बारिश होती है तो इसे बादल फटना (Cloud Brust) कहते है. मानसून की गर्म हवाओं के ठंडी हवाओं के संपर्क में आने पर बड़े आकार के बादल बनते है.

पहाड़ी स्थानों पर ही क्यों फटते है बादल?

पानी से भरे इन बादलों को पहाड़ी की ऊंचाई आगे नहीं बढ़ने देती, जिसके कारण वह पहाड़ों में ही फंस जाते है. वाष्प से भरे बादलों का एक साथ बढ़ जाता है, और एक क्षेत्र में तेज बारिश होने लगती है.

कैसे कम किया जा सकता है नुकसान?

ऐसी घटनाओं से बचने के लिए लोगों की घाटियों की बजाय सुरक्षित जगहों को घेर बनाना चाहिए. ढलान पर मजबूत जमीन वाले क्षेत्रों में रहना चाहिए. जहां जमीन दरक गई हो, वहां पानी घुसने से रोकने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए.

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