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देश की आधी आबादी हो चुकी है इस घातक बीमारी का शिकार ! लगातार बढ रहा है हार्ट-अटैक का खतरा, ये हैं मुख्य लक्षण     

AIIMS Report: इंसोमनिया (Insomnia) एक ऐसी बीमारी जो आपकी आंखों की नींद गायब कर रही है.एम्स की रिपोर्ट की माने तो बढिया नींद नींद देश में आधी आबादी की आंखों को नसीब नहीं हो रही . नींद पर ये विश्लेषण क्यों जरूरी है इस खबर में जानिये.

आपकी आंखों से अगर नींद गायब है तो समझिये आप इंसोमनिया (Insomnia) का शिकार हो चुके हैं.ये बीमारी आपकी नींद से साथ-साथ आपकी जान के लिये भी बड़ा खतरा पैदा कर सकती है.क्योंकि एम्स की एक रिपोर्ट में पाया गया है. पूरी नींद नहीं लेने वालों में हार्ट-अटैक (Heart Attack) का खतरा अधिक होता है. बावजूद इसके भी देश की करीब आधी आबादी पूरी तरह से नींद नहीं ले रही है. एम्स की एक रिपोर्ट की माने तो भारत की 33 से 50 फीसदी जनता नींद ना आने की समस्या से ग्रसित है. यह सुनकर आप खुद ही अंदाजा लगाईये कि, क्या आज रात आप चैन की नींद ले पाएंगे?

क्या हैं पूरी नींद के संकेत ?

चलिये आपको ये भी बताते हैं कि, अच्छी नींद क्या होती है? आप कितने लंबे समय तक बिना रुकावट के नींद ले पाये या नहीं,पूरा दिन काम करते वक्त आपको थकावट तो नहीं हुई, जब आप सुबह उठे तो आपने चुस्त-दुरुस्त महसूस किया या नहीं ये सब आपकी अच्छी नींद के संकेत निर्धारित करते हैं.

एम्सके विश्लेषण में सामने आया है कि,अच्छीनींदभारतमेंआधीआबादीकीआंखोंसे गायबहै. ये विश्लेषण आपको भी जानना जरूरी है.

क्या हैं पूरीनींदकेफायदे जानिये ?

यदि आप पूरी तरह से नींद नहीं ले पाते आप हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) और हार्ट अटैक (heart attack) से लेकर ब्रेन स्ट्रोक (brain stroke) मोटापा (obesity), डायबिटीज (Diabetes), तक का शिकार हो सकते हैं. पूरे दिन आपको चिड़चिड़ा पन रहेगा, काम करने की थकावट रहेगी शरीर में सूजन (Swelling) होने का खतरा बढ सकता है.

 इसी के साथ यदि आप लगातार 16 से 17 घंटे अपनी नींद में कटौती करते हैं तो आप सीरियस डिसऑर्डर (serious disorder) का शिकार सकते हैं. 17 घंटे से ज्यादा का बैकलॉग हादसे की वजह बन सकता है. 

एम्स (AIIMS) के विश्लेषण के मुताबिक 7 घंटे सोने वालों के मुकाबले ऐसे लोग, जो 5 घंटे से भी कम की नींद ले रहे हैं, उन्हें हार्ट अटैक (heart-attack) का खतरा 60% अधिक रहता है. शरीर को मिलने वाली पूरी नींद फोकस और याद्दाश्त बढ़ाती है, इम्युनिटी (immunity) बढ़ाती है और शरीर में सूजन कम कर सकती है और बहुत सी बीमारियों से आपको बचाने का काम करती है. 

वर्ल्ड स्लीप डे (World Sleep day) पर सर्वे सामने आया है. मैट्रेस कंपनी वेकफिट Wakefit.co हर साल ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोर (Great Indian Sleep Score) कार्ड जारी करती है. ये खोज पिछले 6 वर्ष से की जा रही है. प्रति वर्ष इसका डाटा किया जाता है. आपको बता दें कि, ये डाटा ढाई लाख लोगों के रेस्पांस के आधार पर जारी किया जाता है. इस साल ये सर्वे मार्च 2022 से फरवरी 2023 के बीच किया गया और इस साल करीब 10 हजार लोगों पर स्टडी की गई. 

साल 2022-23 डाटा के मुताबिक…

देश की 55 फीसदी लोग रात 11 बजे के बाद सोते हैं

90 फीसदी लोग रात में 1 या 2 बार जरूर उठते हैं. 

87 फीसदी लोग सोने से ठीक पहले अपना फोन चेक करते हैं.

74 फीसदी लोग फोन चेक करने वाले होते हैं जिनकी उम्र 25 से 34 साल के बीच होता है

38 फीसदी लोग रात में सोने से पहले अपने भविष्य की चिंता नींद खराब कर रहे हैं. 

जानकर हैरानी होंगी कि 18 साल के कम के 40 फीसदी बच्चे ये मानकर चलते हैं कि वो नींद नही आने की परेशानी के शिकार हो चुके हैं. 

25 से 34 साल के 56 फीसदी लोगों ठीक से नींद नहीं आती

भारत में 54 फीसदी पुरुष और 59 फीसदी महिलाएं रात 11 बजे के बाद सोते हैं 

53 फीसदी महिला और 61 फीसदी पुरुषों की माने तो वो सुबह उठने पर फ्रेश महसूस करते हैं. 

जबकि, दफ्तरों में 56 फीसदी पुरुष और 67 फीसदी महिलाओं को नींद का अहसास होता है, उन्हे दफ्तर में नींद आती रहती है. पिछले साल के मुकाबले ये परेशानी 21 फीसदी बढ़ी है.

चलिये आपको ये भी बताते हैं कि हम अपने जीवन  का 1 तिहाई समय सोने में बिताते हैं. अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (Center for Disease Control) के मुताबिक दुनिया “Insufficient Sleep Epidemic” यानी नींद ना आने की बीमारी से गुजर रही है. 

जानिये कितनीनींद जरूरी है? 

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) की sleep guidelines की माने तो बच्चों को 10 से 12 घंटे, वयस्कों को 8 घंटे और बुजर्गों को 6-7 घंटे सोना बेहद जरूरी है. 

ऐसे करें पूरी नींद !

डॉक्टरों के मुताबिक, पूरी नींद के लिए शांत और पर्याप्त हवादार वातावरण, कमरे में हल्की सुगंध, कानों को मधुर लगने वाला संगीत मदद कर सकता है. फोन और टीवी स्क्रीन को सोने से आधा घंटा पहले त्याग देना चाहिए. रात का भोजन सोने से समय से कम से कम दो घंटे पहले कर लें.एम्स  अपने रिसर्च में पाया कि आयुर्वेदिक तरीके जैसे शिरोधारा, गुनगुने पानी से मुंह हाथ और पैरों को धोना और पैरों की मालिश करने के फायदा होता है.

 रिसर्च में देखा गया कि कुछ विशेष खान-पान जैसे अश्वगंधा, ब्रहमी, गन्ना, अंगूर, गुड़ और भैंस का दूध अच्छी नींद में मदद करते हैं. भारत में सदियों से रात में खाने के बाद गुड़ खाने या सोने से पहले दूध पीने की आदत है ये अच्छी नींद का आयुर्वेदिक उपचार है.

क्या है आयुर्वेद राय?

आयुर्वेद की माने तो इसका एक वैज्ञानिक पहलू ये भी है कि इंसान के शरीर में melatonin नाम का हार्मोन अमूमन देर रात बनता है. वैसे इंसानी शरीर प्रकृति के साथ चलता है और इसीलिए नींद दिन के वक्त नहीं, अंधेरे के वक्त ही आनी चाहिए. कई बार ऐसा देखा गया है कि ये हार्मोन 11 बजे और 3 बजे रिलीज होता है. ये हार्मोन इंसान के स्लीप साइकल को कंट्रोल करता है. अगर इंसान सही समय पर नहीं सो रहा तो हार्मोन भी गड़बड़ा जाता है.

जो लोग नींद ना आने की इस गंभीर समस्या के शिकार हैं वो योग, पंचकर्म, डायइट में बदलाव और डॉक्टरी सलाह से दवाएं ले सकते हैं. 

Prachi Chaudhary

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