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Bihar Headlines news Political: I.N.D.I.A और NDA दोनों में तकरार, तो किसका होगा बिहार?

Seats have not yet been distributed between NDA and India Alliance in Bihar for the Lok Sabha elections. There is a fight for seats in NDA

Bihar Headlines news Political Loksabha election: लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में NDA और इंडिया अलायंस में अभी तक सीटें नहीं बंटी हैं। NDA में तो सीटों के लिए घमासान की स्थिति है ही, इंडिया अलायंस में भी बात नहीं बन पा रही है। इंडिया अलायंस को उम्मीद है कि NDA के कुछ दल नाराज होकर उसके साथ आ सकते हैं। RJD खुद अपनी लिए 30 सीटें रखना चाहती है।
बिहार में अभी तक NDA और इंडिया अलायंस में सीट बंटवारे की घोषणा नहीं हो पाई है। दोनों ओर घमासान और खींचतान की स्थिति है। एनडीए में अभी छह दल शामिल हैं तो इंडी अलायंस में फिलहाल पांच दल हैं। पशुपति पारस के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) और उपेंद्र कुशवाहा का राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) अभी तो हैं एनडीए में, लेकिन सीटें मन माफिक नहीं मिलने की आशंका से दोनों की नाराजगी बनी हुई है। माना जा रहा है कि बात नहीं बन पाने की स्थिति में दोनों बिहार में RJD के नेतृत्व वाले इंडिया अलायंस में शामिल हो सकते हैं। शायद यही वजह है कि इंडी अलायंस ने भी अपने साथी दलों के बीच सीटों का बंटवारा रोक रखा है। NDA ने सभी साथी दलों से बातचीत कर यह तो संकेत दे ही दिया है कि किसे कितनी सीटें दी जा सकती हैं। कम सीटों के अंदेशे से NDA के साथ अब तक रहे आरएलजेपी, RLM और हम (से) के नेता परेशान हैं।

कम सीटें मिलने से पारस और कुशवाह नाराज

RLJP के अध्यक्ष पशुपति पारस ने तो साफ कह दिया है कि वे सीटों के ऐलान का इंतजार कर रहे हैं। अगर NDA ने उन्हें सम्मानजनक सीटें नहीं दी तो वे नए रास्ते तलाशने के लिए स्वतंत्र होंगे। RLM के उपेंद्र कुशवाहा कुछ बोल तो नहीं रहे, लेकिन उनके मन में भी नाराजगी है। हम (से) के नेता जीतन राम मांझी को संतुष्ट करने की भाजपा ने पूरी कोशिश की है। उनके बेटे संतोष सुमन को भाजपा ने MLC-मंत्री बना कर उन्हें बिहार में तीन महत्वपूर्ण विभाग देकर संभालने की पूरी कोशिश की है। पर, बारगेनिंग के लिए वे कब किस बात पर बिदक जाएं, कहना मुश्किल है।

पशुपति पारस की राह में चिराग रोड़ा बन गए हैं.

पशुपति पारस ने अपने भाई राम विलास पासवान द्वारा बनाई लोक जनशक्ति पार्टी को विभाजित कर छह में 5 सांसदों को अपने पाले में कर लिया था। इसी आदार पर चिराग पासवान को केंद्रीय मंत्री बनने से उन्होंने रोक दिया था। हिस्सेदारी अधिक होने के कारण उन्हें केंद्रीय मंत्री बना दिया गया था। पर, उन्हें BJP ने अब इसलिए भाव देना बंद कर दिया है कि उनकी सांगठनिक क्षमता राम विलास पासवान के बेटे और लोजपा (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान के मुकाबले कम है। अभी तक की सूचनाएं यही हैं कि उन्हें BJP ने सिर्फ एक सीट देने की पेशकश की है, जबकि चिराग पासवान को पांच सीटें दी जा रही हैं। इससे वे बिदके हुए हैं।

मांझी को BJP ने मनाया, एक सीट पर अड़े

RLM के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा 3 सीटों की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि 2014 में NDA में रहते उनकी तत्कालीन पार्टी RLCP को 3 सीटें मिली थीं। तीनों पर उनके उम्मीदवार जीत भी गए थे। इसलिए वे इस बार भी 3 सीटों की मांग कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक BJP उन्हें भी एक ही सीट देना चाहती है। जीतन राम मांझी तो गया की एक ही सीट मांग रहे थे। उन्हें अब यह सीट मिलेगी भी या नहीं, इस पर संदेह हैं। इसलिए कि उनके बेटे को पहले ही बिहार में पहले एमएलसी, फिर मंत्री और 3 महत्वपूर्ण विभाग देकर भाजपा ने मनाने की कोशिश की है। VIP के मुकेश सहनी से भी भाजपा बातचीत कर रही है। माना जा रहा है कि बात बन जाने पर उन्हें भी एक ही सीट दी जा सकती है। हां, इतना तय है कि BJP अपनी सिटिंग 17 सीटों में इस बार कोई कटौती नहीं करेगी।

इंडी एलायंस में भी सीटों पर बातचीत नहीं हो पा रही है

इंडी अलायंस में अभी RJD कांग्रेस के अलावा 3 वामपंथी दल शामिल हैं। उसे उम्मीद है कि पशुपति पारस भी उसके फल्ड में आ सकते हैं। उपेंद्र कुशवाहा भी खेमा बदल लें तो कोई आश्चर्य नहीं। यही वजह है कि RJD के नेतृत्व वाले इंडी अलायंस ने पर्याप्त सीटें होने के बावजूद अभी तक बंटवारे का काम रोक रखा है। हां, एक बात सामने जरूर आ रही है कि RJD खुद 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। बाकी 10 सीटों में ही वह साथी दलों को संतुष्ट करना चाहती है। CPI (ML) के 12 विधायक हैं। उसने 9 सीटों पर दावा ठोंका है। कांग्रेस कम से कम 10 सीटें मांग रही है। पशुपति पारस के इंडी अलायंस में आने पर उन्हें चार सीटें दी जा सकती है। बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं। इंडिया अलायंस को भी सीटों के बंटवारे में मशक्कत करनी पड़ रही है।

Prachi Chaudhary

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