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Kanpur Dehat News: वाह रे यूपी पुलिस…भ्रष्टाचारियों को सलाम, गरीबों पर अत्याचार का काम!

Looting government money by showing fake development work

Kanpur Dehat News: Yogi Sarkar Uttar Pradesh में जीरो टॉलरेंस के तहत काम कर रहीं हैं।  ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने पर लगातार जोर दिया जा रहा है। लेकिन कानपुर देहात में अधिकारियों की मिलीभगत से निचले स्तर के अधिकारी फर्जी विकास कार्य दिखाकर सरकारी पैसों की लूट कर रहे हैं।

अगर फर्जी विकास कार्यो की कोई शिकायत कर्ता है, तो निचले स्तर के अधिकारी उसके खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिये प्रार्थना पत्र दे देते है । जिससे इन अधिकारियों के खिलाफ कोई आवाज न उठा सके और इन अधिकारियों को सरकारी धन की लूट करते देखते रहे। ग्रामीणों को न्याय की आस के लिए डीएम के ऑफिस जाकर चक्कर काटते हैं। वहीं इस तरह जनपद के अधिकारी मुख्यमंत्री के सपनों पर पानी फेरते नजर आ रहे है।

दरअसल Kanpur dehat के मालसा ब्लॉक के गिरदों गांव में पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान ने अधिकारियों की मिलीभगत से ग्राम सचिवालय और स्कूल के हैंडपंप रिबोर के नाम पर सरकारी धन की जमकर लूट हो रही है। मतलब ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय बने होने के बाद भी दोबारा ग्राम सचिवालय बनाकर पैसे की लूट की गई और हैंडपंपो को फर्जी रिबोर दिखाकर रुपये निकाल सरकारी धन को लूटा गया। जब ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जनपद में बैठे अधिकारियों से की तो जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम मौके पर भेजी गई।

 जब जांच टीम जांच करने के लिये गांव पहुंची तो पंचायत सचिव दीपक यादव और ग्राम प्रधान ने विद्यालय के अध्यापक और ग्रामीणों को धमकाते हुए उन पर कार्य कराये जाने का दबाव बनाया। जब ग्रामीणों ने पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान की बात नहीं मानी तो शिकायत कर्ता के खिलाफ भोगनीपुर थाने में शिकायत दे दी जिसके बाद पुलिस द्वारा शिकायतकर्ता को हिरासत में ले लिया गया। शिकायतकर्ता को फर्जी शिकायत पर थाने भेजने की बात से नाराज सैकड़ो ग्रामीण जिलाधिकारी के दफ्तर पहुंचे और गांव में हो रहे विकास कार्य में जमकर भ्रष्टाचार करने की शिकायत की।

जो काम हुए ही नहीं है उनका भी पैसा पहले से ही निकाल लिया गया है गांव में नलकूपों की रिबोरिंग के नाम पर कई नालों की रिबोरिंग के लिए पैसा निकाल लिया गया है। लेकिन किसी भी नल की रिबोरिंग नहीं हुई है। ग्रामीणों ने बताया की ऐसे कामों का पैसा निकाल लिया गया जो काम हुए ही नहीं है इसकी शिकायत काफी समय से की जा रही है। लेकिन अभी तक किसी अधिकारी ने इस पर ध्यान नहीं दिया है। और भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर शिकायतकर्ता के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया गया।

 ग्रामीणों को कहना जब शिकायत शासन स्तर तक की गई तो जांच टीम गांव पहुंची और गांव में शिकायतकर्ता को बुलाया गया। वहीं पर बिन बुलाये ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी भी पहुंच गए और प्रधान गांव के स्कूल के प्रधानाध्यापक पर दबाव बनाने लगे की आप कहिए कि नल की रिबोरिंग हुई है। इस पर शिकायतकर्ता ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव पर नाराज होने लगा तो ग्राम प्रधान ने हाथापाई शुरू कर दी। बीच में ग्राम पंचायत अधिकारी ने भी हाथ आजमाए जिसमें ग्राम पंचायत अधिकारी का मोबाइल वहीं पर गिर पड़ा।

बस फिर क्या साहब नाराज हो गए और एक प्रार्थना पत्र थाने में भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले व्यक्ति के नाम ही दे दिया कि उसने मेरे साथ लूटपाट की है। अब शिकायत साहब ने की थी तो फिर पुलिस ने भी फौरन मुकदमा भी दर्ज कर लिया और शिकायतकर्ता को उठाकर थाने में बैठा दिया। जिससे नाराज ग्रामीणों ने डीएम से न्याय की गुहार लगाई है ग्रामीणों का कहना है सबसे पहले उस लड़के को थाने से छोड़ जाए और गांव में हो रहा है भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच कर ली जाए अगर शिकायत करना इतना ही बड़ा गुनाह है कि जो शिकायत करेगा उस पर अफसर दबाव बनाकर मुकदमा लिखवा देंगे तो फिर योगी सरकार की किस बात की जीरो टॉलरेंस और किस बात का रामराज।

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