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Kaushambi Jail: जेल में सजायाफ्ता वृद्ध को भाया युवा कैदी, कैदी की सजा पूरी होने पर बेटी से कर दी शादी

बेटी की शादी के लिए सजायाफ्ता अर्जुन सिंह यादव की शासन ने 21 दिन की पैरोल स्वीकार की। जबकि धारा सिंह को बेटे सुमित ( जो हत्या में मिली सजा पूरी करके रिहा हो चुका है) की शादी में रस्म निभाने के लिए चार दिन की पैरोल मिली। सुमित की शादी 22 फरवरी को हो चुकी है। सुमित के पिता धारा सिंह को 25 फरवरी को, ससुर को मार्च के दूसरे माह में पैरोल अवधि पूरी होने पर फिर से जेल जाना होगा।

कौशाम्बी। उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी की जेल में दो सजायाफ्ता कैदियों का एक दिलचस्प मामला सामने आया है। यहां हत्या के अलग-अलग मामले में सजा भुगत रहे दो कैदियों ने अपने बेटे व बेटी की शादी तय कर दी। मजे की बात यह है कि कैदी ने जिस युवक को अपने बेटी के पति (दामाद) के रुप में चुना है, वही भी उसी जेल में हत्या का मामले में सजायाफ्ता कैदी रहा, लेकिन 10 साल की सजा पूरी होने पर वह जेल से रिहा हो चुका है।


दो सजायाफ्ता कैदियों अर्जुन सिंह व धारा सिंह अपने बेटे-बेटी की शादी तय होने का पता चलने पर जेल नियमों के अनुसार दोनों हत्यारे कैदियों को अपने बच्चों की शादी के लिए पैरोल पर छोड़ा गया। जेल में तय हुई इस शादी को संपन्न कराने के लिए लड़के-लड़की के पिताओं को पैराल पर छोड़ा गया। लड़की के पिता को जहां 21 दिन की तो वहीं लड़के के पिता को महज 4 दिन की ही पैरोल मिल सकी।

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प्रभारी जेलर कौशाम्बी जेल भूपेश सिंह ने बताया कि जेल में थाना सराय आकिल के गांव अतरसुईयां के रहने वाले अर्जुन सिंह यादव हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। साथ ही थाना पिरारी के गांव कटुआ निवासी धारा सिंह व उनका पुत्र सुमित भी हत्या के मामले में 10-10 साल की सजा भुगत रहे थे। जेल में सजायाफ्ता होने के कारण तीनों में परस्पर बेहतर तालमेल हो गया।


इस दौरान अर्जुन सिंह व धारा सिंह की जेल में गहरी दोस्ती हो गयी। उन्होंने इस दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलने का निर्णय ले लिया और धारा सिंह ने सुमित से अपनी बेटी की शादी तय कर दी। सुमित की 10 साल की सजा पूरी होने पर वह जेल से रिहा हो चुका है। हालांकि उसके पिता धारा सिंह की सजा अभी नहीं हुई है।


उधर बेटी की शादी के लिए सजायाफ्ता अर्जुन सिंह यादव की शासन ने 21 दिन की पैरोल स्वीकार की। जबकि धारा सिंह को बेटे सुमित ( जो हत्या में मिली सजा पूरी करके रिहा हो चुका है) की शादी में रस्म निभाने के लिए चार दिन की पैरोल मिली। सुमित की शादी 22 फरवरी को हो चुकी है। सुमित के पिता धारा सिंह को 25 फरवरी को, ससुर को मार्च के दूसरे माह में पैरोल अवधि पूरी होने पर फिर से जेल जाना होगा।

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